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हुरुफ़ मुक़त्तआत


अरबी
حروف مقطعات
लिप्यंतरण
हुरुफ़ मुक़त्तआत
अनुवाद
पृथक शब्द

अस्पष्ट शब्द

हुरुफ़ मुक़त्तʿआत (अरबी: حروف مقطعات‎ huruf muqatta'at "पृथक शब्द" या "बेमेल शब्द" ;[1] बहुवचन: अरबी: مقطعات‎ साथ ही " गुप्त(अस्पष्ट) शब्द ") एक से पाँच अरबी अक्षरों का जोड़, जो क़ुरआन की 114 में से 29 सूरहों में बिस्मिल्लाह के बाद में निरूपित किये गए हैं।[2] साथ ही इन अक्षरों को फ़वातिह (فواتح) या "खोलनेवाला" (जैसा कि यह उन की संबंधित सूरहों की पहली आयत में आते हैं) भी कहते हैं।

चार सूरहें जो उनके मुक़त्तआत के नाम से हैं, ता-हा , या-सीन , साद और क़ाफ़

अरबी अक्षरों के जोड़ का मूल महत्व अज्ञात है। तफ़सीर(स्पष्टीकरण) की व्याख्या में इन के लिए संक्षिप्त रूप में या तो "खुदा का नाम या बड़ाई" या "संबंधित सूरहों का नाम या उन में अंतर्निहित वस्तु" अर्थ माना गया है।

वस्तुसूची

मुक़त्तआत इन आयात में होते हैं 2–3, 7, 10–15, 19–20, 26–32, 36, 38, 40–46, 50 और 68। अक्षरों को एक शब्द की तरह एक साथ लिखा जाता है, लेकिन प्रत्येक अक्षर का अलग से बोलना(उच्चारण) है।

सूरा मुक़त्त'अत
अल-बक़राह्अलिफ़ लाम मिम ألم
अल-ए-इमरानअलिफ़ लाम मिम ألم
अल-अ'राफ़अलिफ़ लाम मिम साद ألمص
यूनुसअलिफ़ लाम राʾ ألر
हूदअलिफ़ लाम राʾ ألر
यूसुफ़अलिफ़ लाम राʾ ألر
अर-रअ'दअलिफ़ लाम मिम राʾ ألمر
इब्राहिमअलिफ़ लाम राʾ ألر
अल-हिज्रअलिफ़ लाम राʾ ألر
मरयमक़ाफ़ हाʾ याʾ ʿऐन साद كهيعص
ता हाताʾ हाʾ طه
अश-शुआ'राʾताʾ सिन मिम طسم
अन-नम्लताʾ सिन طس
अल-कससताʾ सिन मिम طسم
अल-अ़नकबूतअलिफ़ लाम मिम ألم
अर-रुमअलिफ़ लाम मिम ألم
लुकमानअलिफ़ लाम मिम ألم
अस-सजदाह्अलिफ़ लाम मिम ألم
या-सीनयाʾ सिन يس
सादसाद ص
ग़ाफिरहाʾ मिम حم
फ़ुस्सीलतहाʾ मिम حم
अश-शूराहाʾ मिम; ʿऐन सिन क़ाफ़ حم عسق
अज-ज़ुख़रुफ़हाʾ मिम حم
अल दुखानहाʾ मिम حم
अल-जासियाहाʾ मिम حم
अल-अहक़ाफ़हाʾ मिम حم
क़ाफ़क़ाफ़ ق
अल-कलमनुन ن

सन्दर्भ

  1. مقطعات का एक कृदंत قطع "काटने,तोड़ने के लिए".
  2. Massey, Keith. "Mysterious Letters." in Jane Dammen McAuliffe (ed.) https://en.wikipedia.org/wiki/Encyclopaedia_of_the_Qur%CA%BE%C4%81n.Vol[मृत कड़ियाँ]. 3 (205), p. 472 (.brillonline.com Archived 2018-01-12 at the वेबैक मशीन).