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हामून

सन् १९७६ में अंतरिक्ष से ली गई इस तस्वीर में हेलमंद नदी द्वारा दश्त-ए-मारगो रेगिस्तान से गुज़रते हुए बनाए गए तीन हामून नज़र आ रहे हैं - ऊपर-दाएँ में हामून-ए-पुज़क, बाएँ में हामून-ए-सबरी, नीचे-बाएँ में हामून-ए-हेलमंद

हामून (फ़ारसी: هامون‎‎, अंग्रेज़ी: Hamun) ईरान के पठार पर मौसमी तौर पर चाँद महीनों के लिए बन जाने वाली झीलों और दलदलों को कहा जाता है। यह ईरान और अफ़ग़ानिस्तान में और पाकिस्तान के पश्चिमी बलोचिस्तान प्रांत में बन जाते हैं। यह हामून क्षेत्रीय जानवरों, मछलियों और पक्षियों के जीवनक्रम में बहुत ही महत्वपूर्ण जगह रखते हैं। जब आम-तौर पर शुष्क रेगिस्तान में यह हामून बनते हैं तो कुछ अरसे के लिए वहाँ एक नख़लिस्तान (ओएसिस​) का वातावरण बन जाता है।[1]

कुछ मशहूर हामून इस प्रकार हैं -

  • हामून-ए हेलमंद - ईरान व अफ़ग़ानिस्तान
  • हामून-ए जाज़ मूरियान - ईरान
  • हामून-ए मश्केल - ईरान व पाकिस्तान
  • हामून-ए पुज़क - अफ़ग़ानिस्तान
  • हामून-ए सबेरी - ईरान व अफ़ग़ानिस्तान
  • हामून ज़ेहेह (जिसे गोद-ए ज़ेरेह भी कहते हैं) - अफ़ग़ानिस्तान

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. [ http://pdf.usaid.gov/pdf_docs/PNADH905.pdf Archived 2012-02-28 at the वेबैक मशीन Geology, Water, and Wind in the Lower Helmand Basin ], John Whitney, U.S. Geological Survey, 2006, Accessed 2010-08-31