हाथी परियोजना
देश में हाथियों की संख्या में आई कमी को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने 1992 में हाथी परियोजना शुरू की। जिसका आरंभ 1992 में झारखंड के सिंहभूमि जिले से किया गया। देश में प्रथम हाथी पुनर्वास केंद्र केरल के कोट्टूर जिले में स्थापित किया गया है। भारत सरकार द्वारा तीन हाथी अभयारण्य को अनुमति दी गई है।जिनमें से दो छत्तीसगढ़ के लेमरु व बादलखोड में तथा एक अरुणाचल के देवमाली में स्थापित किया जायगा। हाथी आरक्षित क्षेत्र शिवालिक उत्तराखंड में है [[श्रेणी:भारत में सरकारी योजनाएँ]
2010 में हाथी को विश्व विरासत पशु घोषित किया गया