हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल
हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (http,एच टी टी पी) एक एप्लीकेशन प्रोटोकॉल है जो किसी जालस्थल के आगे (www. वर्ल्ड वाइडवेब) से आगे लगता है जिससे URL पता खुलता है अर्थात् कोई जालस्थल (वेबसाईट) खुलती हैं। [1] इसका संक्षिप्त नाम (HTTP) अर्थात् एच टी टी पी है। यह हमेशा किसी वेबपते के आगे ही लगता है उदाहरण के लिए [(https://web.archive.org/web/20080709093721/http://www.wikipedia.org/ https://web.archive.org/web/20080709093721/http://www.wikipedia.org/)] [2]
प्रयोग
आजकल के ब्राउजरों के युआरएल बक्से में किसी जाल स्थल का पता लिखने पर यह उसके आगे स्वतः लिखा मिलता है। [3]http के ठीक पीछे हमेशा : ऐसा चिह्न और उसके बाद // ऐसी तिरछी लकीरें लगानी पड़ती है और इसके पश्चात वेबपता लिखना पड़ता है।
इतिहास
हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल का आविष्कार अथवा इसको पहली बार १९६५ में टेड नेल्सन ने प्रयोग किया था। इसका पहला डॉक्यूमेंट वर्ज़न http vo.9 सन् १९९१ में लाँच हुआ था। [4]
बाहरी कड़ियाँ
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "web-browsing-web-address-HTTP". लाईव हिंदुस्तान. मूल से 6 जुलाई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २७ जून २०१५.
- ↑ "एच टी टी पी (HTTP)" (अंग्रेज़ी में). वेबोपीडिया. मूल से 27 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २७ जून २०१५.
- ↑ "हाईपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल" (अंग्रेज़ी में). डब्ल्यु 3. मूल से 25 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २७ जून २०१५.
- ↑ "HTTP (rfc2616)" (अंग्रेज़ी में). डब्ल्यु 3. मूल से 18 जनवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २७ जून २०१५.