सामग्री पर जाएँ

हरीलाल गान्धी

हरीलाल गान्धी का जन्म 1888 को महात्मा गान्धी के पहले पुत्र के रूप मे हुआ, हरिलाल उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड जाना चाहते थे और वकालत करना चाहते थे, परन्तु बापू का मानना था की, पश्चिमी शिक्षा के द्वारा भारत में ब्रिटिश प्रशासन का विरोध करना सही नहीं होगा, विरोध स्वरुप हरिलाल ने 1911 में अपने पारिवारिक रिश्ते तोड़ दिए.

हरिलाल ने इस्लाम धर्म अपना लिया, परन्तु कुछ समय पश्चात् पुनः हिन्दू धर्म अपना लिया। हालाँकि इस वाकये से बापू को कोई दुःख नहीं हुआ क्योंकि उनकी ऐसी मान्यता थी की सभी धर्म सम्माननीय है, और हमे उनका आदर करना चहिये.

हरिलाल ने गुलाब गाँधी से विवाह रचाया. उनकी पांच संताने हुयी, जिनमे से दो संतानों की कम उम्र में ही मृत्यु हो गयी।

हरिलाल अपने पिता के अंतिम संस्कार में बहुत ही ख़राब हालत में, संभवतया नशे में चूर होकर पहुंचे।

अपनी ज़िन्दगी के आखरी वक्त के दौरान वे प्रायः नशे में ही चूर रहे, अंततः उनकी मृत्यु 18जून 1948को मुंबई में हुई.