स्वास्थ्य
विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) ने सन् 1948 में स्वास्थ्य या आरोग्य की निम्नलिखित परिभाषा दी गई है।
- 1) दैहिक, मानसिक और सामाजिक रूप से पूर्णतः स्वस्थ होना (समस्या-विहीन होना) ही स्वास्थ्य है।
या,
- 2) किसी व्यक्ति की मानसिक,शारीरिक और सामाजिक रुप से अच्छे होने की स्थिति को स्वास्थ्य कहते हैं।। [1]
स्वास्थ्य सिर्फ बीमारियों की अनुपस्थिति का नाम नहीं है। स्वस्थ ही जीवन है हमें सर्वांगीण स्वास्थ्य के बारे में जानकारी होना बहुत आवश्यक है। स्वास्थ्य का अर्थ विभिन्न लोगों के लिए अलग-अलग होता है। लेकिन अगर हम एक सार्वभौमिक दृष्टिकोण की बात करें तो अपने आपको स्वस्थ कहने का यह अर्थ होता है कि हम अपने जीवन में आनेवाली सभी सामाजिक, शारीरिक और भावनात्मक चुनौतियों का प्रबन्धन करने में सफलतापूर्वक सक्षम हों।
स्वास्थ्य क्या होता है
स्वास्थ्य, हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण आयाम होता है। यह हमारे शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक तंतु का संतुलन होता है जो हमारी जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। स्वास्थ्य का मतलब बस बीमार नहीं होना नहीं होता, बल्कि यह विभिन्न पहलुओं का सम्मिलित होता है जो हमारे जीवन को सुखमय और सफल बनाते हैं।
शारीरिक स्वास्थ्य:
शारीरिक स्वास्थ्य का मतलब है कि हमारे शारीरिक अंग, अंग्रेज़ी में ऑर्गन्स, सही तरीके से काम कर रहे हैं और हम नियमित रूप से उनका ध्यान रखते हैं। इसमें सही आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तंबकू, शराब और अन्य हानिकारक पदार्थों का त्याग शामिल होता है।
मानसिक स्वास्थ्य:
मानसिक स्वास्थ्य का मतलब है कि हमारा मानसिक स्थिति स्थिर और सकारात्मक हो। इसमें स्ट्रेस का प्रबंधन, चिंता कम करने के तरीके, सकारात्मक विचारधारा, और सही सामाजिक संबंध शामिल होते हैं।
सामाजिक स्वास्थ्य:
सामाजिक स्वास्थ्य का मतलब है कि हमारे सामाजिक संबंध स्वस्थ और सुखमय होते हैं। यह शामिल करता है कि हम अपने परिवार, दोस्त, और समुदाय के साथ सामंजस्यपूर्ण और समर्थन में रहते हैं।
स्वास्थ्य नहीं सिर्फ रोगों से मुक्त होने की स्थिति होती है, बल्कि यह हमारे जीवन के सभी पहलुओं का प्रत्येक परिपेक्ष्य में सामंजस्यपूर्ण और सुखमय होना चाहिए। स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नियमित चेकअप, स्वस्थ जीवनशैली, और सकारात्मक मानसिकता महत्वपूर्ण हैं।
इसलिए, स्वास्थ्य को सिर्फ रोगों के अभाव में नहीं, बल्कि एक सकारात्मक और सुखमय जीवन के साथ जोड़ना चाहिए। हमें अपने शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए ताकि हम खुश, सकारात्मक, और सुरक्षित जीवन जी सकें।
इन्हें भी देखेंdgk
आयुर्विज्ञान
आयुर्विज्ञान एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है जो भारतीय सभ्यता में हजारों साल से प्रचलित है। इसका नाम "आयुर्वेद" संस्कृत शब्दों "आयुर" (जीवन) और "वेद" (ज्ञान) से मिलकर बना है, जिसका मतलब "जीवन का ज्ञान"।
आयुर्विज्ञान का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के स्वास्थ्य और वेलनेस को प्राप्त करना और बनाए रखना है, और इसका दृष्टिकोण सामग्री, आहार, व्यायाम, और योग की बिल्कुल आवश्यकता के हिस्से के रूप में स्वास्थ्य की देखभाल के तरीकों पर है। आयुर्विज्ञान व्यक्ति के तंतु, मनसिक स्वास्थ्य, और आत्मा के संतुलन को भी महत्वपूर्ण मानता है।
इस पद्धति में औषधियों, जड़ी-बूटियों, मिनरल्स, और पौधों के प्रयोग का विशेष महत्व है, और यह इनके स्वास्थ्य पर प्रभाव के आधार पर चिकित्सा करता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक (आयुर्वैद) रोग के कारणों की श्रेणीकरण, और उनके इलाज के लिए औषधियों और आहार का सुझाव देते हैं।
आयुर्विज्ञान का माध्यम स्वास्थ्य की सदगुणवत्ता और जीवन की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए एक स्वास्थ्य जीवनशैली की प्रोत्साहना देना है, जिसमें स्वस्थ आहार, योग, ध्यान, और व्यायाम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
आयुर्विज्ञान आज भी भारत और अन्य कई देशों में चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और लोग इसके द्वारा स्वास्थ्य सुधारने और बनाए रखने के लिए इसका उपयोग करते हैं।
वैश्विक स्वास्थ्य
"वैश्विक स्वास्थ्य" (Global Health) एक अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण से स्वास्थ्य के क्षेत्र में जानकारी, प्रक्रिया, और नीतियों का अध्ययन करने का क्षेत्र है जिसका मुख्य उद्देश्य विश्वभर में लोगों के स्वास्थ्य को सुधारने और सुरक्षित बनाने का प्रयास करना है।
वैश्विक स्वास्थ्य के कुछ मुख्य विषय शामिल होते हैं:
1.जीवाणुरोग: विश्वभर में बीमारियों के फैलाव को रोकने और नियंत्रित करने के लिए जीवाणुरोग के क्षेत्र में अध्ययन और प्रयास।
2.मातृ और शिशु स्वास्थ्य: मातृ और शिशु स्वास्थ्य की सुधारने के लिए नीतियों और कार्यक्रमों का अध्ययन और अनुसंधान।
3.खाद्य सुरक्षा: खाद्य सुरक्षा के माध्यम से जनसंख्या को पोषित और सुरक्षित रखने का प्रयास।
4.वैक्सीनेशन: खत्म करने और रोकने के लिए खतरनाक बीमारियों के खिलाफ वैक्सीन प्रयास।
5.स्वास्थ्य सेवाएं: उपयुक्त, प्रभावी, और सामर्थ्यपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के प्राप्ति और प्रदान के लिए प्रयास।
6.स्वास्थ्य संविदान: व्यक्तिगत और सामाजिक स्वास्थ्य के अधिकार और जिम्मेदारियों की रक्षा के लिए स्वास्थ्य संविदानों का विकास और अनुपालन।
7.बीमारियों के बड़े प्रसारों के प्रबंधन: वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि एड्स, मलेरिया, टीबी, और न्यूनतम सामाजिक आर्थिक स्थिति वाले लोगों के स्वास्थ्य के प्रति सामाजिक संवेदना और संवेदनशीलता के साथ सामना करने के प्रयास।
वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई अंतरराष्ट्रीय संगठन और सरकारें जुटी हुई हैं जो स्वास्थ्य के विकास और सुधार के लिए काम कर रही हैं, और विश्वभर में स्वास्थ्य प्रशासन को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही हैं। इसके अलावा, वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक अध्ययन और अनुसंधान कार्यक्रम भी चल रहे हैं जो स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए नई और अधिक प्रभावी तरीकों की खोज में मदद कर रहे हैं।
बाहरी कड़ियाँ
- Archived 2007-06-07 at the वेबैक मशीन
- ↑ "WHO definition of Health". मूल से 7 जुलाई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अक्तूबर 2014.