स्वामी विज्ञानानंद
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रामकृष्ण मिशन के एक साधु थे जो १९३७ में इसके अध्यक्ष बने। वे रामकृष्ण परमहंस के शिष्य थे। उनके ही अध्यक्षीय काल मेम बेलूर में रामकृष्ण मंदिर का निर्माण हुआ। वे मूलतः इंजीनियर थे और संस्कृत के विद्वान थे।
परिचय
उनका जन्म दक्षिणेश्वर के निकट एक धनी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका मूल नाम हरिपसन्न चट्टोपाध्याय था। वे उस समय के संयुक्त प्रान्त में जिला इंजीनियर के रूप में पदस्थ थे। संस्कृत में विद्वता के साथ ही वे धार्मिक-दार्शनिक ग्रन्थों तथा ज्योतिष और सिविल इंजीनियरी के भी विशेषज्ञ थे।