सोनी (फ़िल्म)
सोनी | |
---|---|
निर्देशक | इवान आयर |
पटकथा | इवान आयर किसलय |
निर्माता | किम्सी सिंह कार्तिकेय नारायण सिंह |
अभिनेता | गीतिका विद्या ओहल्याण सलोनी बत्रा |
छायाकार | डेविड बोलेन |
संपादक | इवान आयर गुरविंदर सिंह |
संगीतकार | निकोलस जैकबसन-लार्सन एंद्रिया पेन्सो |
निर्माण कंपनियां | जाबेरवॉकी टॉकीज फिल्म कैफे प्रोडक्शन |
वितरक | नेटफ्लिक्स |
प्रदर्शन तिथियाँ |
|
लम्बाई | 97 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
सोनी इवान आयर निर्देशित, 2018 में जारी हिन्दी भाषा की अपराध-नाटक भारतीय फ़िल्म है। फ़िल्म के निर्माता किम्सी सिंह और कार्तिकेय नारायण सिंह हैं जिसमें गीतिका विद्या ओहल्याण और सलोनी बत्रा ने मुख्य अभिनय किया है यह फ़िल्म आयर और किसलय ने लिखी है जिसमें दिल्ली पुलिस में पुलिस अधिकारी सोनी (ओहल्याण) और उनकी अधीक्षक कल्पना (बत्रा) के जीवन की कथा दिखाई गयी है जो नगर में महिलाओं के खिलाफ़ अपराध का सामना करती हैं।
सोनी का विचार आयर को वर्ष 2014 में तब आया जब 2012 के सामूहिक बलात्कार के मामले के पश्चात उन्होंने पढ़ा कि दिल्ली में महिलाओं जाँच करना सुरक्षित नहीं है। आयर ने दिल्ली पुलिस के बारे में विभिन्न लेख पढ़े और साक्षात्कार देखे। इससे उनकी रुचि इसमें बढ़ गयी कि यौन हिंसा के मामले में महिला अधिकारी की प्रतिक्रिया क्या रहती है। उन्होंने कुछ समय दिल्ली पुलिस कार्मिकों के साथ व्यतीत किया और उनके दैनिक जीवन को प्रेक्षित किया। फ़िल्म पर शुरुआती काम नवम्बर 2016 में आरम्भ हो गया और आयर ने जनवरी 2017 में लिखने का काम पूर्ण किया। फ़िल्म को दिल्ली में फ़रवरी में मात्र 24 दिन में फ़िल्माया गया। डेविड बोलेन ने फ़िल्म में फोटोग्राफ़ी के निर्देशक के रूप में सेवा दी जबकि आयर और गुरविंदर सिंह ने फ़िल्म को सम्पादित किया।
सोनी को सबसे पहले 75वें वेनिस फ़िल्मोत्सव में ओरिज़ोंती (क्षितिज) अनुभाग में दिखाया गया और उत्साहपूर्ण स्वागत मिला। फ़िल्म को वर्ष 2018 में बीएफ़आई लंदन फ़िल्मोत्सव, 2018में ही मुम्बई एकेडमी ऑफ़ मूविंग इमेज फ़िल्मोत्सव और पिंग्यावो फ़िल्मोत्सव में भी दिखाया गया जहाँ इसे सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार मिला और $20000 की नकद राशी प्राप्त की जिसका आधा हिस्सा निर्देशक के अगले काम के विकास निधि में चला गया। बाकी आधा भाग चीन में फ़िल्म वितरकों को भेजा गया। आयर को एशिया-प्रशान्त स्क्रीन पुरस्कारों में फ़िल्म के लिए "अचिवमेंट इन डाइरेक्टिंग" (निर्देशन में उपलब्धी) के लिए विशिष्ठ उल्लेख प्राप्त किया। फ़िल्म को नेटफ्लिक्स पर 18 जनवरी 2019 को जारी किया गया। फ़िल्म को समालोचकों से इसके निर्देशन और प्रदर्शन के लिए सकारात्मक समीक्षा मिली।
कथानक
सोनी एक पुलिस अधिकारी हैं जिनका अपने पति से तलाक हो चुका है और दिल्ली में अकेली रहती हैं। वो अपनी अधिक्षक कल्पना उम्मत की दोस्त हैं जो अपने पति संदीप के साथ रहती हैं जो दिल्ली पुलिस में एक उच्च रैंक का अधिकारी है। सोनी का पूर्व पति नवीन अक्सर उसके घर आता रहता है और उसे उनके सम्बन्ध को पुनः स्थापित करने के लिए मनाने की कोशिश करता है लेकिन वो इसमें रुचि नहीं लेती।
एक दिन कार्य के दौरान ही सोनी एक गली में छेड़खानी करने वाले एक लड़के की पिटाई कर देता है क्योंकि वो उसके साथ छेड़खानी कर रहा था। कल्पना उसे तुनकमिज़ाज़ और आवेगशील स्वभाव के लिए डांटती है और उसे उसकी सुरक्षा के लिए आगाह करती है। एक दिन बाद में एक जाँच चौकी पर, सोनी पुनः एक हिंसक घटना में शामिल हो जाती है जब वो एक शराब पिये हुये नेवी के अधिकारी को थप्पड़ मार देती है जब वो बिना लाइसेंस के गाड़ी चला रहा था और उसके साथ दुर्व्यवहार कर रहा था।
पुलिस आयुक्त जाँच चौकी कि घटना के लिए सोनी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करता है। कल्पना संदीप और उसके वरिष्ठों को मनाने का प्रयास करती है लेकिन सोनी का स्थानान्तरण पुलिस नियंत्रण कक्ष में हो जाता है और उसपर एक जाँच बैठा दी जाती है जो इस घटना की जाँच करती है।
कुछ दिन बाद सोनी को कल्पना के बीच-बचाव के बाद पुनः पुलिस में ले आते हैं। वो दोनों आराम करने एक भोजनालय में जाती हैं। सोनी वहाँ पर महिला पाख़ाने में जाती है जहाँ कुछ जवान पुरुष नशीले पदार्थों का सेवन कर रहे हैं और बन्द कर रखा है। वो वहाँ लड़ाई करने लग जाती है और उन लोगों को गिरफ्तार करवाते हुये ही अपने हाथ को घायल कर लेती है। गिरफ्तार लोगों में से एक मंत्री के दोस्त का बेटा था।
इस घटना के बाद संदीप, कल्पना को डांटता है और उसको इस घटना के लिए दोषि बताता है। गिरफ्तार लोगों को उसी समय छोड़ दिया जाता है जबकि सोनी को काम से छुटी पर रखा जाता है और बाद में वापस नियंत्रण कक्ष में भेज दिया जाता है। कल्पना को इस बात का विश्वास है कि सोनी सही है और घटनाक्रम को जानते हुये मंत्री के दोस्त के बेटे को गिरफ्तार कर लेती है।
कलाकार
- गीतिका विद्या ओहल्याण – सोनी
- सलोनी बत्रा – कल्पना उम्मत
- विकास शुक्ला – नवीन
- मोहित चौहान – संदीप
निर्माण
विकास
इवान आयर ने सैन फ्रांसिस्को फ़िल्म सोसाइटी तथा लोस्ट एंड फाउंड एवं क़्वेस्ट फ़ॉर ए डिफरेंट आउटकम जैसी लघु फ़िल्मों के साथ पठकथालेखन और फ़िल्म निर्देशन का काम सीखा।[1] आयर ने वर्ष 2014 में ही सोनी निर्मित करने का निर्णय ले लिया था जब वो 2012 के दिल्ली बलात्कार मामले के बारे में महिलाओं की असुरक्षा पर कुछ लेख पढ़ रहे थे। वो इससे व्याकुल हो गये और स्वयं को नगर के बारे में अपनी समझ पर प्रश्न पूछने लगे।[2] आयर ने इसके बाद दिल्ली पुलिस के बारे में विभिन्न लेख पढ़े और साक्षात्कार सुने और पाया कि देश में सम्भवतः दिल्ली पुलिस में महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है।[2] उनकी रूचि एक महिला अधिकारी द्वारा यौन हिंसा पर मिलने वाली प्रतिक्रिया का अध्ययन करने में थी।[2] उनके अनुसार फ़िल्म लिंग के अनुसार मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करती है। उनके अनुसार, "यह माना जाता है कि यदि महिला पुलिस यदि शक्ति वाले पद पर है तो महिलाओं के प्रति होने वाले दैनिक अपराधों में वो अतिसंवेदनशील हो जाती हैं।"[3]
आयर के अनुसार सामूहिक बलात्कार की घटना ने उन्हें कहानी लिखने के लिए प्रेरित किया, "सम्भव है कि बीज बोया गया लेकिन इसे अवचेतन तक पहुँचने में समय लगा।"[3] फ़िल्म का शुरुआती फ़िल्मांकन नवम्बर 2016 में आरम्भ हुआ; आयर ने दिल्ली पुलिस के विभिन्न लोगों के साथ समय व्यतीत किया और उनकी दैनिक मेहनत, उनकी कार्यक्षमता और पदानुक्रम को प्रेक्षित किया।[3] आयर के अनुसार वो महिलाओं के खिलाफ़ अपराध पर महिला और पुरुष पुलिस अधिकारियों की प्रतिक्रिया को प्रेक्षित करके कहानी लिखने को प्रेरित हुये।[4][1] उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से अनुरोध किया कि वो उनके साथ उस समय जाना चाहते हैं जब टीम किसी काम पर जाती है।[1] कहानी में महिला परिपेक्ष्य को शामिल करने के लिए आयर ने निर्माता किम्सी सिंह को "ध्वनि बोर्ड" के रूप में शुरुआती मसौदे में ही शामिल कर लिया।[5] बाद में आयर की पूर्व कथालेखन शिक्षक लिज़ा रोसनबर्ग भी कहानी सलाहकार के रूप में साथ दिया। उन्होंने बताया कि वो फ़िल्म को जितना सम्भव हो उस स्तर तक वास्तविक रूप में चाहते थे, "मुझे ऐहसास हुआ कि यदि मैं इसको स्वयं की सतर्कता से लिखूँगा तो कहानी में कुछ पुरुष वाले विचार प्रभावी हो जायेंगे अथवा मैं महिलाओं का परिपेक्ष्य खो दूँगा।"[5] उन्होंने किसलय के साथ जनवरी 2017 में कहानी को पूरा कर लिया।[3] आयर ने अपने शोध के दौरान विभिन्न पुलिस अधिकारियों से मिलते हुये सोनी को केन्द्रीय भूमिका में रखा।[5] आयर के अनुसार उन्होंने फ़िल्म को कम बजट में रखने के लिए लेखन सम्पादन और निर्देशन का काम भी किया।[2] उन्होंने और अच्छे सुधार के लिए जाफ़र पनही की 2006 की इरानी फ़िल्म ऑफ़साइड से प्रेरणा ली।[6]
पात्र चयन और फ़िल्मांकन
गीतिका विद्या ओहल्याण दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ रहीं थीं और कुछ स्ट्रीट एवं रंगमंच में शामिल रहती थीं। 30 दिसम्बर 2015 को उन्हें एक वरिष्ठ नाटक थियेटर के अधिकारी का फोन आया और उन्होंने एक "अद्भूत अभिनय" के बारे में बताया; यह निर्देशक टीम की इस चाहत के बारे में एक सदस्य के फोन के बाद आया था कि वो फ़िल्म के लिए स्वयं का ऑडिशन भेजे।[7] ओहल्याण ने अपना टेप भेजा और आयर का फोन मिला, जिसमें उन्हें ओहल्याण का ऑडिशन अच्छा लगा और तात्कालिक दौर के लिए बुलाया जिसके पश्चात् उन्हें सोनी के अभिनय के लिए चुना गया।[7] सलोनी बत्रा का भी अधीक्षक कल्पना के अभिनय के लिए ऑडिशन लिया गया। बत्रा को इससे पहले अभिनय का कोई अनुभव नहीं था और वो फैशन के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखती थीं[7] लेकिन कहानी पढ़ने के बाद अपने आप को फ़िल्म से जोड़ लिया: "[मैं] एक पुरुष होते हुये महिला की समझ रखने वाले इवान की समझ की गहराई से बहुत प्रेरित हुई।"[8]
अभिनेताओं ने साथ में एक कार्यशाला की और अपने शरीर के आवभाव एवं अभिनय पर काम करना आरम्भ अक्र दिया।[9] ओहल्याण के अनुसार उन्होंने पूमा को सन्दर्भ मानते हुये अपनी शारीरिक आवभाव पर काम करना आरम्भ किया; "जानवर जिस तरह स्थुलता अपने अन्दर समाहित रखते हैं वो उनको अपने पीछे की ओर भी अनवरत चौकसी प्रदान करती है।"[7] उन्होंने अनुभव किया कि उनका अभिनय "दिखने में कठोर और अग्रेषण वाला है लेकिन वो अचानक से होने वाले हमले के लिए चौकस भी होना चाहिए क्योंकि आप हमेशा सतर्क होते हैं।"[7] आयर ने कल्पना के अभिनय के लिए अधिक नियंत्रित दृष्टिकोण को चुना जिससे उसे सोनी के साथ सीधे विरोध में रखा जा सके जिससे उसे उग्र दिखाया जा सके।[8] ओहल्याण ने कल्पना के पात्र को इस तरह से बताया कि सोनी को चाहने वाले वाल कोई ऐस व्यक्ति जिसके पास कोई उपाय न हो और उसे कहा कि यह पात्र "बहुत ही सावधान, लेकिन अपने तरिके में भयंकर भी।"[7]
ओहल्याण और बत्रा स्थानीय पुलिस थानों में भी गयी जहाँ उन्होंने महिला पुलिस अधिकारियों के साथ समय व्यतीत किया और उनके व्यवहार-शैली एवं दैनिक कार्य को भी प्रेक्षित किया।[8] ओहल्याण अधिक शोध के लिए अपने विश्वविद्यालय स्थानीय थानेदार से भी मिली। उन्होंने प्रेक्षित किया कि विभिन्न मौकों पर थानेदार अपने परिवार से मिलने घर पर भी नहीं जा सकता: "मैंने देखा कि थाने में उसके पास पुरा सोने का प्रबन्ध रहता।"[7] ओहल्याण के अनुसार उन्होंने एक महिला पुलिस का व्यक्तिगत एवं निजी जीवन में अन्तर "बहुत निराला" महसूस किया।[7] सहायक पात्रों के रूप में मुख्यतः दिल्ली के अंशकालिक अभिनेता और ऐसे लोग जो अभिनय से नहीं जुड़े हैं उन्होंने अभिनय किया है, जो आयर के अनुसार "फ़िल्म में बोल-चाल की प्रामाणिकता" को बनाये रखने में योगदान करता है।[10] फ़िल्म को दिल्ली में फ़रवरी 2017 में केवल 24 दिन में फ़िल्माया गया।[3] इसको मुख्य रूप से हाथ में पकड़े जाने वाले कैमरों से प्राकृतिक और कृत्रिम रोशनी के स्रोतों के साथ ही रिकोर्ड किया गया।[11] फ़िल्म के अधिकतर दृश्य एकल-भाग के रूप में ही फ़िल्माये गये हैं जैसा कि आयर "बिना रोके ही विशिष्ट स्थान और समय में पात्र के साथ रुककर लगातार फ़िल्माना" चाहते थे।[3] शुरुआती दृश्य दिल्ली पुलिस के प्रोग्राम से प्रेरित था जिसमें महिला-पुलिस सायकिल चलाते समय छोड़खानी करते दिखाया गया है जबकि बाकी पुलिसबल उसकी निगरानी कर रहा था।[2] नवम्बर 2017 में सोनी को फ़्रांसीसी सम्पादक जैकस कोमेट्स और निर्देशक मैक्रो मुइल्लर की की देखरेख वाली भारत की राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम के फ़िल्म बाज़ार में वर्क इन प्रोग्रेस लैब द्वारा चयन किया गया।[3]
विपणन एवं प्रदर्शन
सोनी को सबसे पहले 75वें वेनिस फ़िल्मोत्सव में ओरिज़ोंती (क्षितिज) अनुभाग में दिखाया गया और उत्साहपूर्ण स्वागत मिला।[12][13] 'कार्य-प्रगति-पर' परियोजना में फ़िल्म ने फेसबुक अवार्ड जीता।[12] आयर को एशिया-प्रशान्त स्क्रीन पुरस्कारों में फ़िल्म के लिए "अचिवमेंट इन डाइरेक्टिंग" (निर्देशन में उपलब्धी) के लिए विशिष्ठ उल्लेख प्राप्त किया।[14] इसे वर्ष 2018 में बीएफ़आई लंदन फ़िल्मोत्सव में प्रदर्शित किया गया।[15]
इसको बाद में 2018 के मुम्बई एकेडमी ऑफ़ मूविंग इमेज फ़िल्मोत्सव में दिखाया गया जहाँ लैंगिक समानता के लिए इसे ऑक्सफैम अवार्ड मिला।[16][17] इस फ़िल्म को पिंग्यावो फ़िल्मोत्सव में भी दिखाया गया जहाँ इसे सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार मिला और $20000 की नकद राशी प्राप्त की जिसका आधा हिस्सा निर्देशक के अगले काम के विकास निधि में चला गया, बाकी आधा भाग चीन में फ़िल्म वितरकों को भेजा गया।[18]
फ़िल्म को 12 से 16 अक्टूबर 2018 को यूनाइटेड किंगडम में तीन स्क्रीन पर जारी किया गया।[19] फ़िल्म बाज़ार 2017 की प्रयोगशाला में प्रतिष्ठित 'वर्क इन प्रोग्रेस' पुरस्कार के भाग के रूप में इसे भारत के राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम द्वारा चयन किया गया जहाँ कुल पाँच फ़िल्में चयन की गयी थीं।[8] फ़िल्म 18 जनवरी 2019 को नेटफ्लिक्स पर जारी की गई।[20] इसका पहला ट्रैलर 25 अगस्त 2018 को जारी किया गया।[21]
समालोचना
समालोचक वेबसाइट रॉटेन टमेटोज़ ने सोनी को 12 समीक्षाओं के आधार पर पसंद रैटिंग 83% दी है जिसके साथ उन्होंने औसत रैंटिंग 10 में से 4.57 दिये हैं।[22] मेटाक्रिटिक ने फ़िल्म को भारित औसत स्कोर 100 में से 68 दिये हैं जो 4 समालोचनाओं पर आधारित है और इसके लिए "सामान्यतः पसंदीदा समीक्षा" लिखा।[23]
द हिन्दू के भारद्वाज रंगन ने सोनी को "महिलावादी फ़िल्म जो अपनी तरह की दुर्लभ" फ़िल्म है जिसे "विवादित कम और निस्तब्ध पात्र के अध्ययन पर अधिक" है।[24] द हिन्दू की नम्रता जोशी के अनुसार फ़िल्म के "छोटे भाग इसके स्वयं में रीढ़ की हड्डी हैं जो अपने आप में निस्तब्ध, विविक्त, विनित होते हुये भी बेधड़क रूप में हैं।"[25] उन्होंने लिखा; "यह प्रारम्भिक रूप से स्वीकृत पैतृक विकृतियों वाले जीवन के एक भाग को चित्रित करती है।"[25] द इंडियन एक्सप्रेस की शुभ्रा गुप्ता ने लिखा कि फ़िल्म "मुख्य अभिनय भूमिका में महिला को एक उदाहरण के अनुरूप दिखाने इसे सबसे अलग बनाता है" और ओहल्याण एवं बत्रा के अभिनय को सराहा है।[26] द क्विंट के नन्दकुमार राममोहन ने इसके एकल-शॉट कैमरा कार्य को "बेरोक" कहा है और इसके लिए कहा है कि "यह ऐसा अनुभव देती है जैसे हम दीवार पर उड़ रहे हैं, निस्तब्धता के साथ दो महिलाओं के जीवन का प्रेक्षण कर रहे हैं।"[27] उन्होंने यह भी लिखा; "सोनी संयमित है और एक ऐसा परिवेश निर्मित करती है कि जो आपका खून खौल सकता है लेकिन फ़िल्म में ऐसा अतिक्रमण कहीं भी नहीं दिखाई देता।"[27] फ़िल्म कैम्पेनियन के राहुल देसाई ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुये सोनी को "अपने समय का उत्कृष्ट अभिनय, सुक्ष्म और बेधड़क प्रतिबिम्ब" लिखा।[28]
एनडीटीवी के अखिल अरोड़ा ने सोनी को "अब तक की नेटफ्लिक्स की भारत में सबसे सूक्ष्म और सर्वश्रेष्ठ अर्जित करने वाली फ़िल्म रही।"[6] हिन्दुस्तान टाइम्स की ज्योति शर्मा बावा ने कहा है कि फ़िल्म "नेटफ्लिक्स के भव्य खजाने में यह बहुत बिना रैंकिग वाली रही। फ़िल्म को अच्छा प्रमोचन और अधिक निष्ठा मिलनी चाहिए थी।"[29] अर्रे की पौलोमी दास ने फ़िल्म को "सर्वोच्यता का अभिनय, शॉट और निर्देशित" की चिप्पि लगाई है और कहा कि यह "केवल लैंगिक असमानता पर बनी फ़िल्म नहीं है बल्कि भारत में लैंगिक असमानता की असहनीयता की निरंतरता के बारे में है।"[30] एनडीटीवी के सैयब चटर्जी ने पुलिस थाने के अन्दर के दृश्यों को इस तरह से फ़िल्माने को देखा कि "मुख्य धारा के हिन्दी सिनेमा में इस तरिके से दिखाना दुर्लभ है और यह दृशकों को निरंतरता के साथ एक ऐसी दुनिया से जोड़ती है जहाँ दो पात्रों ने विभिन्न निजी और सार्वजनिक लड़ाइयाँ खुद ही लड़कर अपना मैदान बनाया जिसमें उन्होंने अपने सिद्धान्तों का त्याग नहीं किया।"[31] द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की आशामीरा ऐयाप्पन ने लिखा कि सोनी "को हल नहीं देती, यह केवल आपको सोच देती है।"[32] सीएनएन न्यूज़18 के देवाशीष पांडे ने कहा कि फ़िल्म "यथार्थवाद में अनिवार्य रूप से बुनी हुयी" है जिसके कथानक तकनीक में "सरलता और प्रभावीपन" भी शामिल है।[33]
फर्स्टपोस्ट की करिष्मा उपाध्याय ने सोनी को "निसंदेह नेटफ्लिक्स की अब तक की सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फ़िल्म" कहा है; उन्होंने गीतिका और सलोनी के अभिनय को भी सराहा है और कहा है कि उन्होंने "अपने स्तंभित प्रभावशाली अभिनय को पूर्ण ध्यान के साथ" रखा है।[34] इंडो-एशियन न्यूज़ सर्विस द्वारा भी एक समीक्षा जारी की गयी जिसमें फ़िल्म को सराहा गया है और लिखा गया कि निर्देशक ने "सोनी के जीवन की लय को स्पष्टवादिता और धारणा के अनुसार पकड़ा तथा स्वयं-बधाई के लिए कम रखा।"[35] द न्यूज़ मिनट की सरस्वति दातार के अनुसार फ़िल्म की कहानी "आपको धीरे चलने वाला नटाक दिखाता है और मुख्यतः रात्रि के समय की घटनाओं को दिखाती है, एवं नायकों के घरों, पुलिस थाना व नई दिल्ली की बेरंग गलियों तक सीमित रखती है।"[36] द टेलीग्राफ की प्रियंका रॉय ने लिखा कि सोनी "घर के निकट पहुँचती है... हमें सोनी में केवल लिंगभेद और पक्षपात को ही नहीं दिखाया गया है बल्कि बेपरवाह महानगरों में एकल महिला, उसका एकाकीपन और स्पर्शनीय निराशा को दिखाया गया है।"[37] पॉलीगन के सिधान्त अदालखा ने बताया कि फ़िल्म की "रचना न ही तो रोषपूर्ण और और न ही छुपे हुये हल के रूप में संवेदनापूर्ण, लेकिन समरूप आवश्यक उत्तरजीविता तंत्र और सब ये सांतत्य, दक्षता के साथ सामयिक क्षणों, अव्यवस्था को दिखाना, अस्थिरता एवं कोमलता को अक्सर एक ही साँस में दिखाती है।"[38]
द वायर के तनुल ठाकुर ने लिखा कि सोनी "मूल भाव के साथ ही चलती है लेकिन इसकी विधि स्वदेशी और वास्तविक है... जैसे ही फ़िल्म पात्रों के व्यक्तिगत जीवन में गहराई तक जाती है, हमें एक सम्बंध दिखाई देता है और दृश्यों में जुड़ाव दिखाई देता है जो हिन्दी सिनेमा में सामान्यतः नहीं दिखता।"[39] नेशनल हेराल्ड के विश्वदीप घोष ने फ़िल्म को "प्रभावशाली और गतिशील" कहा है और कहा कि यह "हमें बार बार पैतृत्व के दोषपूर्ण चक्र की याद दिलाता है जो अपने आधुनिक कहे जाने वाले समाज में सर्वभूत है।"[40] रीडिफ.कॉम के श्रीहरि नैयर ने सोनी को "बहुत जटिल विषय का नरम उपचार" कहा है।[41] जय अर्जुन सिंह के अनुसार; "सरल उत्तर देने के स्थान पर, सोनी हमें सोनी और कल्पना के जीवन से कुछ सीख देती है।" वो ओहल्याण और बत्रा के अभिनय की भी "असाधारन और जीवंत प्रदर्शन" कहते हुये सराहना करते हैं।[42] मिंट के उदय भाटिया ने लिखा; "यह ऐसी फ़िल्म है जो अपने दृश्यों के मध्य सुन्दरता के लिए जीवंत है।"[43]
विदेशी समालोचकों में वैराइटी के जय वाइसबर्ग ने लिखा; "एक बुद्धिमत्तापूर्ण, कोमल कहानी और विनीत कौशल का कैमरा कार्य भारतीय फ़िल्म की बानगी है जो दो महिला-पुलिस लिंग भेदभाव और उत्पीड़न के बारे में है।"[44] स्क्रीन अनार्की के जे॰ हर्टादो कहा कि फ़िल्म "कहानी को पकड़कर रखती है, अच्छे से विश्वसनीय पात्र गढ़े गये हैं और गीतिका विद्या और सलोनी बत्रा के दोनो मुख्य अभिनय में बहुत अच्छा रहा है।"[45] उन्होंने इसे "वर्ष 2018 की 14 पसंदीदा फ़िल्मों की सूची" में शामिल किया।[45] द स्ट्रैंड मैगज़ीन की सीमरन कौर ने लिखा: "एक मेधावी कहानी संघर्ष, व्यक्तिगत और पैशेवर दोनों को स्पष्टतया संचालित करती है कि वो महिलायें गहराई के साथ उनके जीवन के सभी लघु अंशो के साथ साथ उनके एक दूसरे के साथ को दिखाती है, उनका सम्बन्ध धीरे-धीरे बढ़ता है।"[19]
द हॉलीवुड रिपोर्टर के देबोरा ने लिखा: "एक महिलावादी दृष्टिकोण इतना मनोरंजक कि एक टीवी पुलिस नाटक हो।"[46] द डैली डॉट के लिए लिखते हुये एडी स्ट्रैट ने कहा कि फ़िल्म "महान इरानी निर्देशक जाफ़र पनही और अशर फरहदी की छाया रखती है और यह कि "आयर अनुपयोगी होने में रूचिकर नहीं थे... उनकी फ़िल्म इनके साथ पनपती है।"[47] दि न्यू यॉर्क टाइम्स की एलिसाबेथ विन्सेंटेली ने लिखा: "आयर आपको तनावमुक्त प्रवाह नहीं प्रदान करते और अपनी फ़िल्म को इसके बेबाक तरिके से दक्षता के साथ व्याकुल रखते हैं।"[48] उन्होंने साथ में यह भी लिखा कि फ़िल्म में एकल-बारी में फ़िल्माये दृश्य "उनके अभिनन्दन और परिश्रमी होने को प्रदर्शित करता है।"[48]
सन्दर्भ
- ↑ अ आ इ देशमुख, मुहम्मद (30 अगस्त 2018). "'Soni' Director Ivan Ayr Shines a Light on Delhi's Policewomen". द क़्विंट (अंग्रेज़ी में). मूल से 30 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अप्रैल 2021.
- ↑ अ आ इ ई उ सेक़्यीरा, गायले (28 अक्टूबर 2018). "Soni Director Ivan Ayr on Getting into The Minds of Complex Female Characters And Why The Film Is Deeply Personal". फ़िल्म कैम्पेनियन (अंग्रेज़ी में). मूल से 19 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अप्रैल 2021.
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए जोशी, नम्रता (10 अगस्त 2018). "'Soni' goes to Venice: Director Ivan Ayr's film debut". द हिन्दू (अंग्रेज़ी में). मूल से 21 अप्रैल 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ भंडारी, प्रियंका (10 अगस्त 2018). "How does a policewoman deal with harassment? Ivan Ayr on his debut film". The Week (अंग्रेज़ी में). मूल से 30 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ अ आ इ उप्रेति, पायल मजुमदार (23 नवम्बर 2018). "Women at work". बिजनेस लाईन (अंग्रेज़ी में). मूल से 21 अप्रैल 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ अ आ अरोड़ा, अखिल (18 जनवरी 2019). "Soni Is Netflix's Best Indian Film That Almost No One Will Watch". एनडीटीवी (अंग्रेज़ी में). मूल से 18 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ रामनाथ, नंदिनी (25 अक्टूबर 2018). "'Soni' film preview: 'An archive of the dark reality of our times'". स्क्रोल डॉट इन (अंग्रेज़ी में). मूल से 15 नवम्बर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ अ आ इ ई राठी, वसुंधरा (18 दिसम्बर 2019). "Nothing will stop men except the threat to their careers: Saloni Batra". द हिन्दू (अंग्रेज़ी में). मूल से 18 दिसम्बर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ खान, आतिफ़ (13 सितम्बर 2018). "Combating expectations". द हिन्दू (अंग्रेज़ी में). मूल से 21 अप्रैल 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ "First time lucky". द न्यू इंडियन एक्सप्रेस (अंग्रेज़ी में). 18 नवम्बर 2018. मूल से 26 नवम्बर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ मित्रा, प्रार्थना (28 अगस्त 2018). ""Soni" pushes the frontiers of female representation in Indian cinema". क़्रियूस (अंग्रेज़ी में). मूल से 31 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ अ आ "Hindi film 'Soni' to compete at Venice International Film Festival". द टाइम्स ऑफ़ इंडिया (अंग्रेज़ी में). 26 जुलाई 2018. मूल से 12 अक्टूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ "Premiere of Ivan Ayr's Debut Feature SONI Gets A Standing Ovation at the Festival". ब्रोडवे वर्ल्ड (अंग्रेज़ी में). 8 सितम्बर 2018. मूल से 27 अप्रैल 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 सितम्बर 2018.
- ↑ फ्राटेर, पैट्रिक (29 नवम्बर 2018). "'Shoplifters' Takes Top Prize at Asia Pacific Screen Awards". वैराइटी (अंग्रेज़ी में). मूल से 29 नवम्बर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ रितमान, अलेक्स (30 अगस्त 2018). "London Film Festival Reveals Full 2018 Lineup, Including Alfonso Cuaron, Keira Knightley Talks". द हॉलीवुड रिपोर्टर (अंग्रेज़ी में). मूल से 30 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ "'Bulbul Can Sing', 'Mehsampur', 'Soni' part of Mumbai Film Festival's Indian competition section". स्क्रोल डॉट इन (अंग्रेज़ी में). 17 सितम्बर 2018. मूल से 20 सितम्बर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ "Ivan Ayr's SONI takes away the 2018 Oxfam Best Film on Gender Equality Award". मनीकंट्रोल डॉट कॉम (अंग्रेज़ी में). 2 नवम्बर 2018. मूल से 2 नवम्बर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ फ्रेटर, पेट्रिक (17 अक्टूबर 2018). "India's 'Soni' and China's 'The Crossing' Share Pingyao Festival Awards". वैराइटी (अंग्रेज़ी में). मूल से 18 अक्टूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ अ आ कौर, सिमरन (1 दिसम्बर 2018). "Soni Film Review". द स्ट्रैण्ड मैगज़ीन (अंग्रेज़ी में). मूल से 4 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ अरोड़ा, अखिल (14 दिसम्बर 2018). "Netflix Indian Original Film 'Soni' Gets January Release Date". एनडीटीवी (अंग्रेज़ी में). मूल से 14 दिसम्बर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ "'Soni' trailer: Ivan Ayr's debut film details the travails of a Delhi policewoman". स्क्रॉल डॉट इन (अंग्रेज़ी में). 25 अगस्त 2018. मूल से 31 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ Soni (2018) (अंग्रेज़ी में), मूल से 29 अप्रैल 2019 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021
- ↑ Soni (अंग्रेज़ी में), मूल से 21 अप्रैल 2021 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021
- ↑ रंगन, भारद्वाज (8 सितम्बर 2018). "FC at Venice 2018: New Films from Zhang Yimou and 'The Babadook' Director, plus 'Soni', a Terrific Indian Drama". फ़िल्म कैम्पेनियन (अंग्रेज़ी में). मूल से 22 सितम्बर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ अ आ जोशी, नम्रता (19 अक्टूबर 2018). "'Soni' is a slice of life portrayal of a normalised patriarchy". द हिन्दू (अंग्रेज़ी में). मूल से 21 अप्रैल 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ गुप्ता, शुभ्रा (18 जनवरी 2019). "Soni movie review: Watch it for Vidya Ohlyan and Saloni Batra". द इंडियन एक्सप्रेस (अंग्रेज़ी में). मूल से 18 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ अ आ राममोहन, नन्दकुमार (1 नवम्बर 2018). "Review: 'Soni' Is a Fly-On-The-Wall Look at Gender, Sexism and Misogyny". द क्विंट (अंग्रेज़ी में). मूल से 30 नवम्बर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ देसाई, राहुल (16 जनवरी 2019). "Soni Movie Review: An Excellently Acted, Nuanced And Unflinching Mirror To Our Times". फ़िल्म कैम्पेनियन (अंग्रेज़ी में). मूल से 19 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ शर्मा बावा, ज्योति (29 जनवरी 2019). "Soni movie review: Netflix's finest Hindi film, this deserved better. 4 stars". हिन्दुस्तान टाइम्स (अंग्रेज़ी में). मूल से 29 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ "Soni Review: Empowerment is an Everyday Struggle for Indian Women and This Netflix Film Gets It Right". अर्रे (अंग्रेज़ी में). 18 जनवरी 2019. मूल से 26 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ चटर्जी, सैबल (6 फ़रवरी 2019). "Soni Movie Review: Saloni Batra's Slow-Burning Drama Grabs You From Scene One". एनडीटीवी (अंग्रेज़ी में). मूल से 26 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ ऐयप्पन, अशमीरा (19 जनवरी 2019). "'Soni' movie review: A deep, explorative peek into our gender biases". द न्यू इंडियन एक्सप्रेस (अंग्रेज़ी में). मूल से 26 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ "Soni Review: Netflix's New Movie is Quiet but Powerful Take on Gender Politics in Police Force". सीएनएन न्यूज़18 (अंग्रेज़ी में). 21 जनवरी 2019. मूल से 26 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ उपाध्याय, करिष्मा (20 जनवरी 2019). "Soni movie review: Netflix's taut, engaging drama boasts of restrained yet powerful performances". फर्स्टपोस्ट (अंग्रेज़ी में). मूल से 26 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ "'Soni': Dark horse of 2019 (Movie Review)". बिजनेस स्टैंडर्ड (अंग्रेज़ी में). 21 जनवरी 2019. मूल से 26 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ दातार, सरस्वति (22 जनवरी 2019). "'Soni' review: This film on Netflix about two Indian women cops is a must watch". द न्यूज़ मिनट (अंग्रेज़ी में). मूल से 26 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ रॉय, प्रियंका (22 जनवरी 2019). "Netflix's Soni is a must-watch". द टेलीग्राफ़ (अंग्रेज़ी में). मूल से 26 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ अदलखा, सिद्धान्त (23 जनवरी 2019). "Netflix's Soni is an undercover cop drama with something new to say". पॉलीगन (अंग्रेज़ी में). मूल से 26 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ ठाकुर, तनुल (30 जनवरी 2019). "In 'Soni', Two Women Fiercely Emerge From the Long Shadows of Patriarchy". द वायर (अंग्रेज़ी में). मूल से 26 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ घोष, बिश्वदीप (3 फ़रवरी 2019). "Netflix's 'Soni' is a must-watch". नेशनल हेराल्ड (अंग्रेज़ी में). मूल से 26 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ नैयर, श्रीहरि (8 फ़रवरी 2019). "Soni: Outrage, unedited". रीडिफ.कॉम (अंग्रेज़ी में). मूल से 3 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ सिंह, जय अर्जुन (24 जनवरी 2019). "Time's up for Simmba, Dabangg. Soni is the new angry cop". द टेलीग्राफ़ (अंग्रेज़ी में). मूल से 26 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ भाटिया, उदय (8 मार्च 2019). "'Soni': Serve, protect, support". मिंट (अंग्रेज़ी में). मूल से 26 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ वाइसबर्ग, जय (8 सितम्बर 2018). "Venice Film Review: 'Soni'". वैराइटी (अंग्रेज़ी में). मूल से 14 सितम्बर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ अ आ हर्टादो, जे (3 जनवरी 2018). "J Hurtado's 14 Favorite Indian Films of 2018". स्क्रीन अनार्की (अंग्रेज़ी में). मूल से 4 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ यंग, देबोरा (30 अक्टूबर 2018). "'Soni': Film Review: Mumbai 2018". द हॉलीवुड रिपोर्टर (अंग्रेज़ी में). मूल से 31 अक्टूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ स्ट्रैट, एडी (21 जनवरी 2019). "'Soni' is a smart crime drama with poignant observations on inequality". द डैली डॉट (अंग्रेज़ी में). मूल से 26 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.
- ↑ अ आ विन्सेंटेली, एलिसाबेथ (25 जनवरी 2019). "'Soni' Review: Two Delhi Policewomen Struggle Against Misogyny". दि न्यू यॉर्क टाइम्स (अंग्रेज़ी में). मूल से 26 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 अप्रैल 2021.