सूर्यवंशी (1992 फ़िल्म)
सूर्यवंशी | |
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सूर्यवंशी का पोस्टर | |
निर्देशक | राकेश कुमार |
लेखक | कुलवंत जानी (संवाद) |
पटकथा | राकेश कुमार |
निर्माता | विजय गलानी |
अभिनेता | सलमान ख़ान, अमृता सिंह, शीबा |
संगीतकार | आनंद-मिलिंद |
प्रदर्शन तिथियाँ | 14 फ़रवरी, 1992 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
सूर्यवंशी 1992 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।[1] यह राकेश कुमार द्वारा निर्देशित और विजय कुमार गलानी द्वारा निर्मित है। यह एक रूमानी फंतासी हॉरर फिल्म है जिसमें सलमान ख़ान, शीबा और अमृता सिंह ने अभिनय किया है। फिल्म टिकट खिड़की पर असफल रही थी।
संक्षेप
विक्की (सलमान ख़ान) भारत में अपने विधुर एवं अमीर पिता जे.बी. (सईद जाफ़री) के साथ रहता है। चूंकि वह बड़ा हो गया है, उसके पिता चाहते हैं कि उसकी शादी सोनिया (शीबा) से हो। वह उनके दोस्त डी.डी. (अजीत वाच्छानी) की बेटी है। डी.डी. एक पुरातत्वविद् हैं, जो वर्तमान में संग्रामगढ़ में कलाकृतियों की तलाश में है। विक्की और सोनिया एक-दूसरे को पसंद करते हैं और उन्हें शादी करने में कोई परेशानी नहीं है। फिर घटनाओं की एक श्रृंखला संग्रामगढ़ स्थल पर होती है। उन्हें पता चलता है कि वह एक भूमिगत महल है। स्थानीय लोग अंधविश्वासी हैं और डरते हैं कि अगर उन्होंने खुदाई शुरू की तो बुरा होगा।
वे सही होते हैं और राजकुमारी सूर्यलेखा (अमृता सिंह) के रूप में एक आत्मा वहां उभरती है। उन्होंने एक समय में अपने सभी चाहने वालों को हराने और मारने के लिए आधे आदमी, आधे जानवर, नरभक्षी और आदमखोर जानवरों को पाला था। क्योंकि वह पुरुषों से नफरत करती थी। सिवाय विक्रम सिंह को छोड़कर, जो उससे विजयी रहा था। लेकिन उसने उसे अस्वीकार कर दिया था क्योंकि उसने उसके दोस्त अमर सिंह को मार डाला था। अब वह पुनर्जीवित होने का इंतजार कर रही है ताकि वह अपने प्रेमी पर दावा कर सके और अपने अपमान का बदला ले सके। साथ ही उस श्राप को भी समाप्त कर सके जो उसकी मां ने उसको दिया था। वह विक्की ही है जो विक्रम सिंह से मिलता जुलता है।
मुख्य कलाकार
- सलमान ख़ान — विक्की / सूर्यवंशी विक्रम सिंह
- अमृता सिंह — राजकुमारी सूर्यलेखा
- शीबा — सोनिया
- सईद जाफ़री — जे. बी.
- अजीत वाच्छानी — डी. डी.
- सुषमा सेठ — राजमाता
- पुनीत इस्सर — महेश
- कादर ख़ान — बाबा
- शक्ति कपूर — राजगुरु
- टॉम एल्टर — टॉम
संगीत
सभी गीत कुलवंत जानी द्वारा लिखित; सारा संगीत आनंद-मिलिंद द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "गुडबाय नमस्ते सलाम" | अमित कुमार | 4:31 |
2. | "तू ही मेरे दिल का जानी" | आशा भोंसले, मंगल सिंह | 5:58 |
3. | "मुझे सदियों से तेरा" | कविता कृष्णमूर्ति | 5:29 |
4. | "जोगी तेरे प्यार में" | आशा भोंसले, उदित नारायण | 6:46 |
5. | "तुझको एहसास होगा एक दिन" | कविता कृष्णमूर्ति | 1:53 |
6. | "मैं नहीं कहता" | कुमार सानु, आशा भोंसले | 6:14 |
7. | "जब तलक तुझको हासिल" | कविता कृष्णमूर्ति | 2:30 |
8. | "ये लोग पूछते हैं" | कविता कृष्णमूर्ति, उदित नारायण | 5:42 |
सन्दर्भ
- ↑ Meraj Ahmed Mubarki (1 May 2016). Filming Horror: Hindi Cinema, Ghosts and Ideologies. SAGE Publications. पपृ॰ 116–. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-5150-871-7.