सूर्यदेव सिंह बारेठ
सूर्यदेव सिंह बारेठ | |
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शिक्षा | एल.एल.बी. |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
बच्चे | संजीव सिंह बारेठ |
निवास | किशनगढ़ बास |
व्यवसाय | |
पुरस्कार/सम्मान | पद्मश्री (1971) |
सूर्यदेव सिंह बारेठ राजस्थान से एक भारतीय वकील, कवि और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। हरित क्रांति के दौरान क्षेत्र में प्रगतिशील कृषि में उनके योगदान के लिए, उन्हें 1971 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया है। लंबे समय से बारेठ स्थानीय राजनीति में लोकप्रिय काँग्रेसी नेता रहे हैं व रैणी पंचायत समिति के प्रधान के रूप में अपनी सेवाएँ दी। उनकी राजस्थानी व हिंदी भाषाओं में कविताएँ प्रसिद्ध है। [1] [2] [3] [4]
2019 में, बारेठ ने किसानों के योगदान पर प्रकाश डाला और कहा कि अगर सरकार किसानों का कर्ज माफ करती है, तो यह एहसान नहीं बल्कि उनका अधिकार है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि स्थिर फसल की कीमतों के साथ खेती की लागत, किसानों को मोहभंग की ओर ले जाती है। सिंह ने राजनेताओं से किसानों के अधिकारों की वकालत करते हुए ईमानदारी और पारदर्शिता को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। उन्होंने देश में किसानों की आत्महत्या की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की और अनुरोध किया कि सरकार खेती की लागत कम करने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करने और कृषि के लिए एक वैज्ञानिक रोडमैप बनाने के लिए कदम उठाए। [5] [6] बारेठ ने सामाजिक कार्यकर्ता उषा चौमार को बधाई दी और उनके प्रयासों की प्रशंसा की, जो 2020 में उनके बाद पांच दशकों बाद इस क्षेत्र में पद्म श्री पाने वाली दूसरी व्यक्ति बनी। [7]
बारेठ का दृष्टिकोण आलोचना के बावजूद आशावादी हैं और मानते हैं कि पिछले 70 वर्षों के लोकतंत्र में भारत ने काफी प्रगति की है। उन्होंने ज़िलों और गाँवों को सत्ता के हस्तांतरण, सामाजिक जीवन से जाति के क्षरण और भारत के चुनाव आयोग जैसे विभिन्न संस्थानों की सकारात्मक भूमिका पर ध्यान दिया। [4] सूर्यदेव सिंह एक प्रसिद्ध कवि हैं और अक्सर साहित्यिक संगोष्ठियों और सम्मेलनों में भाग लेते हैं। उनकी रचनाओं में ग़ज़लें भी शामिल हैं। [8] [9] [10]
पुरस्कार
- पद्म श्री (1971) — प्रगतिशील कृषि के लिए
- अमर शहीद प्रताप पुरस्कार (2014) — साहित्यिक योगदान के लिए [11]
- अलवर गौरव (2015) [12]
यह भी देखें
संदर्भ
- ↑ Jijñāsu, Mohanalāla (1968). Cāraṇa sāhitya kā itihāsa: Rājasthāna ke prācīna evaṃ Madhyakālīna 275 cāraṇa kaviyoṃ, unake kāvya ke vibhinna rūpoṃ tathā pravr̥ttiyoṃ kā Jīvanacaritra sahita aitihāsika evaṃ ālocanātmaka anuśīlana. Ujvala Cāraṇa-Sabhā.
- ↑ "चारण नाहटा की पुस्तक का लोकार्पण आज". Dainik Bhaskar. 2015. अभिगमन तिथि 2023-05-07.
- ↑ "चारण साहित्य शौध संस्थानपना का दो दिवसीय स्थादिवस समारोह का शुभारंभ - Ajmernama" (अंग्रेज़ी में). 2017. अभिगमन तिथि 2023-05-07.
- ↑ अ आ "Democracy In India Part 6: Despite caste and religious divisions, our democratic journey reflects silent revolution-India News, Firstpost". Firstpost (अंग्रेज़ी में). 2018-04-24. अभिगमन तिथि 2023-05-07.
- ↑ Swami, Kapila (2019). "कर्ज माफी एहसान नहीं किसानों का हक है – सूर्यदेव सिंह |". Sri DungarGarh Times (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-05-07.
- ↑ "जानिये अलवर में जिला प्रमुख के लिए चुनाव प्रचार में कौनसे नाम थे आगे तो अब किसने जमा कराया टोकन". मूल से 7 मई 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2023-05-07.
- ↑ App, Khabriya. "किशनगढ़ बास-1971मे पद्मम श्री-आवार्ड से सम्मानित श्री सूर्यदेव सिंह बारेठ ने माननीय राष्ट्रपति द्वारा पद्मम श्री से सम्मानित की गई उषा चौमर को दी बधाई". Khabriya. मूल से 7 मई 2023 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2023-05-07.
- ↑ "कवि सम्मेलन, पुष्पांजलि व रक्तदान 23 से – Udaipur News : latest news, social news, crime news" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-05-07.
- ↑ "2017". Dainik Bhaskar.
- ↑ "झंडा फहराकर आया हूं..." Dainik Bhaskar. 2015.
- ↑ "किशनगढ़बास. पदमश्री सूर्यदेव सिंह बारेठ अमर शहीद प्रताप". Dainik Bhaskar. 2014.
- ↑ "अधिवक्ताओं ने किया बारेठ का सम्मान". Dainik Bhaskar. 2015.