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सीरिलिक लिपि

सिरिलिक वर्णमाला
प्रकारवर्णमाला
बोली जाने वाली भाषाएं पूर्वी और दक्षिणी स्लावी भाषाएँ और भूतपूर्व सोवियत संघ की तक़रीबन सभी भाषाएँ
कालसिरिलिक के पुराने रूप ९४० ई से अस्तित्व में हैं
मूल प्रणालियां
बंधु प्रणालियांरोमन वर्णमाला
कोप्ती (मिस्र) वर्णमाला
अरमेनियाई वर्णमाला
ग्लागोलिती वर्णमाला
यूनिकोड रेंज U+0400 से U+04FF तक
U+0500 से U+052F तक
U+2DE0 से U+2DFF तक
U+A640 से U+A69F तक
ISO 15924Cyrl
Cyrs (पुराना चर्च स्लावोनी रूप)
Cyrl
Cyrs (पुराना चर्च स्लावोनी रूप)
नोट: इस पन्ने पर यूनिकोड में IPA ध्वन्यात्मक चिह्न हो सकते हैं।

सीरिलिक लिपि (या, सीरिलीय लिपि / Cyrillic) पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया के क्षेत्र की कई भाषाओं को लिखने में प्रयुक्त होती है। इसे अज़्बुका भी कहते हैं, जो इस लिपि की वर्णमाला के शुरुआती दो अक्षरों के पुराने नामों को मिलाकर बनाया गया है, जैसे कि यूनानी वर्णमाला के दो शुरुआती अक्षरों - अल्फ़ा और बीटा - को मिलाकर अल्फ़ाबेट (Alphabet) यानि वर्णमाला बनता है। इस लिपि के वर्णों से जिन भाषओं को लिखा जाता है उसमें रूसी भाषा प्रमुख है। सोवियत संघ के पूर्व सदस्य ताजिकिस्तान में फ़ारसी भाषा का स्थानीय रूप (यानि ताजिक भाषा) भी इसी लिपि में लिखा जाता है। इसके अलावा बुल्गारियन, सर्बियन, कज़ाख़, मैसीडोनियाई, उज़बेक, यूक्रेनी तथा मंगोलियाई भाषा भी मुख्यतः इसी लिपि में लिखी जाती है। इस वर्णमाला को यूरोपीय संघ में आधिकारिक मान्यता प्राप्त है जहाँ केवल रोमन तथा यूनानी लिपि ही अन्य आधिकारिक लिपियाँ हhindi

परया भाषा

हिन्दी से मिलती-जुलती तजकिस्तान और उज़बेकिस्तान (सुरख़ानदरिया प्रान्त) के कुछ भागों में बोली जाने वाली परया भाषा (Парья язык) भी सिरिलिक लिपि में लिखी जाती है।[1][2] सुरखानदरिया को सुरपानदरिया भी कहते हैं

इतिहास

सन 1863 ई. में दो भाई किरील्ल और मेफोदी ने पुरानी स्लाव वर्णमाला का निर्माण किया। यह पुरानी ग्रीक वर्णमाला के आधार पर बनाई गई थी। पुरानी स्लाव वर्णमाला में 43 वर्ण थे। सिरिलिक में ग्रीक वर्णमाला के सब वर्ण सम्मिलित हैं। इसके सिवा इसमें यहूदी, ब्राह्मी की वर्णमाला के भी कुछ वर्ण हैं।

आधुनिक रूसी वर्णमाला में 33 वर्ण हैं – 10 स्वर और 23 व्यंजन। आधुनिक रूसी वर्णमाला का मानकीकरण करने के लिए उसमें बहुत सुधार किए गए थे। ये सुधार वर्णों की संख्या कम करने के लिए किए गए थे। अंतिम लिपि सुधार सन 1918 ई. में किया गया था।

सिरिलिक के मुख्य अक्षर

सिरिलिक अक्षरों के दो रूप होते हैं - सीधे और आइटैलिक। यह दोनों और सम्बंधित ध्वनियाँ नीचे दी गई हैं। ध्यान रहे कि कुछ भाषाओँ में इन के आलावा कुछ अन्य अक्षर भी सिरिलिक में जोड़े जाते हैं।

абвгдеёжзийклмнопрстуфхцчшщъыьэюя
абвгдеёжзийклмнопрстуфхцчшщъыьэюя
अ/आद/डयेझ़ज़इ/ईत/टफ़ख़त्सश़य/इये/एयुया

आधुनिक सिरिलिक

सिरिलिक लिपि का प्रयोग करने वाले क्षेत्र

रूसी भाषा के लिये प्रयुक्त सिरिलिक

बड़े अक्षरछोटे अक्षरअक्षरों का नामलिप्यन्तरणउच्चारण
(आईपीए)
देवनागरी
उच्चारण
Ааaa[a]
Ббbeb[b]
Ввvev[v]
Ггgeg[g]
Ддded[d]
Ееje[ʲe]ये
Ёёjoio[ʲo]यो
Жжžej[ʒ]झ़
Ззzez[z]ज़
Ииii[i]इ मात्रा
Ййi kratkoié
и краткое
ï[j]
Ііi s totchkoï
и с точкой
ì[i]
Ккkak[k]
Ллell[l]
Ммemm[m]
Ннenn[n]
Ооoo[o]अ या ओ
Ппpep[p]
Ррerr[ɾ]
Ссess[s]
Ттtet[t]
Ууouou[u]
Ффeff[f]फ़
Ххkhakh[x]ख़
Ццtsets[ʦ]त्स
Ччčech[ʧ]
Шшšash[ʂ]
Щщščasch[ɕː]
Ъъtvjordyj znak
твёрдый знак
,- [palat.]नीरव
Ыыy
(jery, еры)
y[ɨ]tendu
Ььmiagkiï znak
мягкий знак
’, '+ [palat.]नीरव
Ѣѣyat’
ять
ě[ʲɛ]ये
Ээè oborotnoje
э оборотное
è[ɛ]
Ююjuyou[ʲu]यु
Яяjaia[ʲa]या
Ѳѳf̀ita
Ѳита
[f] ~ [fʲ]फ़
Ѵѵižica
ижица
[i]

बुल्गारियन भाषा के लिये प्रयुक्त आधुनिक सिरिलिक

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. भोलानाथ तिवारी, "सोवियत संघ में बोली जाने वाली हिन्दी बोली: ताजुज़्बेकी : ऐतिहासिक और तुलनात्मक अध्ययन तथा संक्षिप्त शब्दकोष", नैशनल पब्लिशिंग हाउस, १९७०
  2. Tatiana Oranskaia, "Parya yazyk", Yazyki Rossiyskoy Federatsii i sosednix gosudarstv. Entsiklopediya. V tryox tomax. II K-R. Moskva: "Nauka"; 2001

बाहरी कड़ियाँ