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सीपिया

सीपिया (Sepia) आमतौर पर पहचानने वाली कटलफिश से निकलने वाला सूखाया हुआ भूरा व नीले रंग की श्याही होती है। यह स्राव जो इस जन्तु द्वारा निकाला जाता है वह इसके लिए रक्षा कवच का काम करता है। यह अंगूर के जितने आकार की थैली में भरा रहता है व यहीं से इसे निकालकर सुखाया जाता है। सूख जाने पर यह पानी में घुलता नहीं है, लेकिन देर तक पड़े रहने पर धीरे-२ घुल जाता है व नीचे बैठ जाता है। यह दवा ट्राइट्रेशन की विधि से तैयार की जाती है।

उपयोग

होम्योपैथी के अलावा और कोई भी चिकित्सा शास्त्र इसकी उपयोगिता से लाभ नहीं उठा रहा है हालाकि एसा माना जाता है कि पुराने समय के चिकित्सक कटलफिश से कई दवाएं बनाते थे। चित्रकारों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले रंगीन द्रव्य भी इसी कटलफिश से निकाले जाते हैं परन्तु इस द्रव्य की कोई औषधिय उपयोगिता नहीं होती है। सीपिया में एक खास तरह की मिलेनिन द्रव्य होता है जो कि एड्रीनल ग्रंथियों से भी निकलता है। एड्रीनल ग्रंथी ही खास लिंग गुणों के लिए जिम्मेदार होती है, जैसे कि पुरूषों में स्त्रियोचित गुणों व महिलाओं में पुरूषों के समान गुण। इस दवा की खासियत यह है कि इसमें लिंगों के स्वभाव में काफी परिवर्तन नजर आते हैं।