सी वी रामन पिल्लै
सी वी रामन पिल्लै | |
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जन्म | 19 मई 1858 अरायूर, तिरुवितांकूर |
मौत | 21 मार्च 1922 तिरुवनंतपुरम्, तिरुवितांकूर | (उम्र 63)
पेशा | उपन्यासकार , नाटककार, पत्रकार, समाजिक कार्यकर्ता |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
काल | 1880s -1920s |
विधा | गल्प, रंगमंच |
विषय | साहित्य, समाजिक-संस्कृतक |
आंदोलन | प्रगतिशील समाज-सुधारक |
उल्लेखनीय कामs | मार्तंडवर्मा, धर्मराजा, प्रेमामृतम और रामराजबहादुर --सभी उपन्यास; और बहुत से व्यंगमय प्रहसन |
सी वी रामन पिल्लै (मलयालम :സി.വി. രാമന്പിള്ള ; १८५७-१९२१) मलयालम के महान उपन्यासकार, नाटककार तथा पत्रकार थे। उन्हें प्रायः 'सी वी' कहा जाता है। मलयालम में वे सबसे महान ऐतिहासिक उपन्यासकार हुए हैं। सी वी का जन्म तिरुवनंतपुरम् में हुआ था।
उनके उपन्यासों की पृष्ठभूमि १८वीं शताब्दी की घटनाओं की शृंखलाएँ हैं जिनके द्वारा तिरुवितांकूर राज्य का निर्माण एवं संस्थापन हुआ। मार्तंड वर्मा उपन्यास में रामनतपि और मार्तंडवर्मा के बीच उत्तराधिकारी के कलह की कहानी का वर्णन है। धर्मराजा उपन्यास कार्तिकतिरुनाल रामवर्मराज के शासनकाल की राजनीतिक एवं सैनिक घटनाओं के ऊपर आधारित है। रामराजबहादुर उपन्यास टीपू सुल्तान के तिरुवितांकूर पर किए गए आक्रमण की पृष्ठभूमि पर तैयार किया गया है। इन सभी उपन्यासों के कथानक विस्तृत हैं। केरल के इतिहास की गतिविधियों में उनकी अंतर्दृष्टि और सजीव पात्रों के चित्रण की योग्यता ने पाठकों के नेत्रों के समक्ष तत्कालीन घटनाओं का जीता-जागता चित्र उपस्थित कर दिया है। उनकी शैली में सरलता की कमी है। उन्होंने बहुत से व्यंगमय प्रहसन भी लिखे हैं।