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सारस MK2

राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (National Aerospace Laboratory-NAL) ने सरकार से सारस MK2 को व्यावसायिक रूप से व्यवहारिक बनाने का आग्रह किया।

मुख्य बिंदु:

👉सारस MK2 Archived 2020-01-15 at the वेबैक मशीन, 19 सीटों वाला एक विमान है। इसे 50 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया गया है, यह लागत इसी तरह के अन्य विमानों की तुलना में 20-25% कम है।

👉इस पहले स्वदेशी हल्के परिवहन विमान का विकास राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला (NAL) ने किया है।

NAL ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति से कहा है कि सरकार सारस MK2 का उपयोग उड़ान (UDAN-Ude Desh Ka Aam Nagrik) के तहत करे, क्योंकि इसे अर्द्ध- निर्मित एवं कच्ची हवाई पट्टियों से भी संचालित किया जा सकता है।

👉NAL ने वीआईपी (VIP) सेवाओं तथा प्राकृतिक आपदाओं के समय आपात स्थितियों से निपटने के लिये भी सारस MK2 का उपयोग करने का सुझाव दिया है।

राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशाला

(National Aerospace Laboratory)

•यह देश के नागरिक क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने वाली भारत की पहली बड़ी और एकमात्र सरकारी एयरोस्पेस प्रयोगशाला है।

•इसे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research-CSIR) द्वारा वर्ष 1959 में दिल्ली में स्थापित किया गया था।

•इसके मुख्यालय को वर्ष 1960 में बंगलूरू स्थानांतरित कर दिया गया था।