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साईकल

साईकल का उत्पादन पहली बार १९वी सदी मैं हुआ था। और अब इन्कि संख्या अरबों मैं है। विश्व मैं अधिक्तर लोगों के लिये ये यात्रा का प्राथमिक साधन है। इसकी लोकप्रियता का एक करण यह है कि इसमें किसी प्रकार के इन्धन कि आवश्यकता नहीं पड़ती, एवं यह यात्रा के दुसरे साधनो से सस्ता होता है।

साईकल का इतिहास

फ़्राँसे में मोशिए दे सिवरांक नाम का एक बालक था उसको चार पहियों वाला घोड़े का खिलौना बहुत पसंद था। जिस दिन उसका एक जन्म दिन था उसके पिता ने उसको शाम को एक डिब्बा दिया उसने झटपट उसको खोला तो वही घोड़े का खिलौना निकाला उस में चार पहिए लगे थे वह इसको पाकर इतना ख़ुश हुआ की जैसे उसके अपने पैरों में मानो पहिए लग गये हों।

जब मोशिए बड़ा होने लगा, वो उस खिलौने से खेलने की उम्र पार कर चुका था पर वह बड़ा हो कर भी अक्सर सोचता कि कोई ऐसी सवारी बने जो घोड़े जैसी हो क्यों कि वो अब उस घोड़े की सवारी का मज़ा नही भुला था| आख़िर एक दिन मोशिए का यह सपना सच हो गया उसने उस घोड़े के खिलौने के आधार पर ही एक सवारी बनाई उस में केवल दो पहिए लगाए - यही विश्व की पहली साईकिल थी।[1]

सन्दर्भ

  1. "SBAI". Scientific World. मूल से 30 अक्तूबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि June 7,2013. |accessdate= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)