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सांचौर

जिला सांचौर
Sanchore
SANCHORE
Location of जिला सांचौर की स्थिति
जिला सांचौर is located in राजस्थान
जिला सांचौर
जिला सांचौर
राजस्थान में स्थिति दक्षिण पश्चिम दिशा में स्थित
निर्देशांक: 24°36′N 72°00′E / 24.6°N 72.0°E / 24.6; 72.0निर्देशांक: 24°36′N 72°00′E / 24.6°N 72.0°E / 24.6; 72.0
राज्यराजस्थान
देश भारत
शासन
 • सांसदलुम्बाराम चौधरी BJP (2024)
 • विधायकJIVARAM CHOUDHARY (जीवाराम चौधरी) निर्दलीय
 • नगर पालिका अध्यक्षनरेश सेठ (जैन) काँग्रेस 2021
ऊँचाई52 मी (171 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • कुल32,8,750
भाषा
 • प्रचलितमारवाड़ी, हिन्दी, सांचोरी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
पिनकोड343041
वाहन पंजीकरणRJ-46
वेबसाइटwww.rajasthan.gov.in

सांचौर (अंग्रेज़ी: Sanchore) भारत के राजस्थान राज्य का एक कस्बा और सांचौर जिले का मुख्यालय है।

इतिहास

सांचौर प्राचीनकाल मे 'सत्यपुर' के नाम से जाना जाता था। प्राकृत ग्रंथों में इसे,'सच्चउर' कहा गया है। जैन तीर्थंकर महावीर स्वामी का एक प्राचीन मन्दिर यहां स्थित है। मालवा के राजा ने भी सत्यपुर पर आक्रमण किया था, किंतु उसकी सेना को 'ब्रह्मशांति' नामक यक्ष ने परास्त कर दिया था और इस प्रकार सत्यपुर की रक्षा हुई थी।

'वंदे सत्यपुरे च बाहडपुरे राडद्रहे बायडे'

सांचौर के लाछड़ी में वही कुआँ है जिससे जोधपुर महाराजा जसवन्त सिंह जी के समय से पूरे सांचौर को मीठा पानी सप्लाई किया जाता था और इसका उल्लेख मारवाड़ इतिहास की विश्वसनीय और प्रसिद्ध पुस्तक *मुहणोत नैनसी री ख्यात* में मिलता है। सांचौर में गोगाजी की राजस्थान प्रसिद्ध ओरडी है।

भूगोल

सांचौर क्रमशः 24.7517368, 71.7762183 अक्षांश एवं देशान्तर और समुद्रतल से 52 मीटर (171 फीट) ऊंचाई पर स्थित है। इसे राजस्थान का पंजाब के नाम से जाना जाता है। इसके दक्षिण में पड़ोसी राज्य गुजरात स्थित है। यह पहले जोधपुर संभाग में आता था लेकिन नए जिले व संभाग बनने के पश्चात पाली संभाग के अंतर्गत आता है। सांचौर में क्रमशः 4-4 उपखंड एवं तहसील है साथ ही कुल 459 राजस्व गांव है।

सीमाएं एवम भौतिक प्रदेश

यदि सांचौर की सीमा की बात करे तो उतर में(बालोतरा, जालौर), उतर पूर्व में जालौर, दक्षिण पश्चिम में सिरोही, दक्षिण में गुजरात राज्य और पश्चिम में बाड़मेर के साथ अपनी सीमा साझा करता है।

यह गौडवाड़ प्रदेश एवम लूणी बेसिन क्षेत्र के अंतर्गत आता है या दूसरे रूप में कहे तो अर्द्धशुष्क मरुस्थल के अंतर्गत आता है। इस क्षेत्र का संपूर्ण भाग मैदानी है। यहां पर मुख्य रूप से जाल, बबूल, नीम, बेर, खेजड़ी, रोहिड़ा और झाड़ियों में थोर, आंकड़ा (आँक ), कैर, आदि पाए जाते है।

प्रमुख फसल एवम सिंचाई

यहा से नर्मदा नगर गुजरती है, जिसका प्रवेश सांचौर से 18 किमी दूर गांव सीलू से होता है जो कि राजस्थान में नर्मदा का प्रवेश द्वार है। यह नहर क्षेत्र में सिंचाई एवम पेयजल की पूर्ति करती है। यह राज्य की एकमात्र नहर है जिस पर संपूर्ण सिंचाई फव्वारा पद्धति से होती है। मुख्य फसलों में ईसबगोल, जीरा, बाजरा, सरसों, मूंगफली, अरंडी, गेहूं आदि प्रमुख हैं। यहा से जीरा ऊंजा मंडी में जाता है जो की एशिया की सबसे बड़ा मसाला बाजार है। सिंचाई प्रमुख रूप से नहर, कुओं, एवम ट्यूबवेल के माध्यम से की जाती है । भूमिगत जल की बात करे तो नहर के पास मीठा एवम उससे दूर खारा पानी मौजूद है।


जलवायु एवम् मिट्टी

यह एक अर्द्धशुष्क जलवायु प्रदेश (BShw) हैं। यहां पर औसत वर्षा 20–40 सेमी होती हैं। लेकिन नहर व आस पास के क्षेत्रों में बांध होने के कारण कई बार सांचौर ने भयंकर बाढ़ का सामना किया हैं।

मिट्टी की बात करे तो यह पर मुख्य रूप से भूरी रेतीली मिट्टी पाई जाती है। इसका रंग भूरा होता है, एवम् इसमें फॉस्फेट एवम नाइट्रेट की अधिकता के कारण इसकी उर्वरता ज्यादा होती है।

इसके साथ साथ यहा लाल रेतीली मिट्टी भी पाई जाती है।


पशुपालन

१.गाय – सांचौरी, कांकरेच, थारपारकर, मलानी

देश का प्रथम गौमूत्र रिफाइनरी व बैंक – सांचौर (३ मई २०१५)

राज्य की सबसे बड़ी दूध डेयरी – रानीवाड़ा

२.भैंस – मेहसानी व अन्य नस्ल

३.भेड़, ऊंट व बकरी

शौख व व्यापार हेतु घोड़ों का पालन भी होता हैं।

प्रमुख जंगली जानवर – रोजड़ा, सुअर, लोमड़ी(विलुप्त कगार पर)


प्रमुख नदियाँ व नहर

सांचौर में लूणी, जवाई व सागी नदी प्रवाहित होती हैं।

नर्मदा नहर – यह नहर सांचौर में सीलू गांव से प्रवेश करती है, इस पर सीलू में नर्मदेश्वर घाट का निर्माण किया गया हैं जिसे पश्चिमी राजस्थान का छोटा हरिद्वार नाम से जाना जाता हैं। इस नहर की सांचौर में कुल लम्बाई ६५(65) किमी है । इसका उपनाम सरदार सरोवर परियोजना एवम मारवाड़ की जीवन रेखा है।


प्रमुख खनिज

यहां पर मुख्य रूप से ग्रेनाइट, कोयला, चीनी मिट्टी खनिज के रूप में पाए जाते है। सांचौर पेट्रोलियम संभावित क्षेत्र है।

यातायात

भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग 68 , राष्ट्रीय राजमार्ग 168, व राष्ट्रीय राजमार्ग 168A यहाँ से गुज़रता है। और 754K अमृतसर – जामनगर एक्सप्रेस वे भी यही से गुजरता हैं।सभी ब्लॉक मुख्यालय बस सेवा द्वारा जुड़े हुए हैं। नजदीकी रेलवे स्टेशन भीनमाल और रानीवाड़ा और धानेरा (गुजरात) हैं, जो क्रमशः 72 और 42 km और 45 km दूर है ।

व्यापार

यह पर लोगों का मुख्य कार्य कृषि है। और यहां रीको एरिया माखपुरा में बड़े बड़े स्टील, लोहे व पानी के RO प्लांट भी है।

मेले एवं मन्दिर

सांचौर जिले का मुख्य मंदिर हनुमानजी का है जो गोलासन स्थित है, और ढब्बावाली माता मंदिर खासरवी है। यहाँ पर पालङी सोलिकियान गाँव मे सबसे सुप्रसिद्ध श्री नकलंग देव जी का मंदिर है। यहां पर बाबा रघुनाथपुरी मेला माखपुरा भी विख्यात है। यहा पर पूरे राजस्थान से पशुपालक ऊंट,बेल, घोड़े आदि बेचने व खरीदने आते है। यह मेला हर साल चैत्र महीने में लगता है। तथा होथीगाँव में महाशिवरात्रि पर्व पर फुलमुक्तेश्वर महादेव मंदिर में बहुत ही बङा विशाल मेला भरता है। और धानता में धनकेश्वर महादेव का पुराना मंदिर है जो की 84 गावों का मठ है। यहां सरवाना गांव मे निबड़िया तालाब सांचौर का सबसे बड़ा तालाब माना जाता है, और कहा जाता है कि सरवाना गांव का नाम परमार राजा चंदन के बेटे सायर के नाम पर पड़ा था और सरवाणा गांव परमारो (राजपूत) का सबसे बड़ा ठिकाना माना जाता है। और यहां रामदेव जी का मन्दिर मणोहर में स्थित है और मेगावा में गुरु जम्भेश्वर भगवान का बहुत बड़ा मन्दिर है।

विशेष

जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर विश्व की सबसे बड़ी गोमूत्र बैंक एवं गौशाला जो पथमेड़ा गांव में स्थित है। साथ ही 10 किमी दूर स्थित विश्व की सबसे बड़ी नंदी शाला गोलासन गांव में स्थित है। तथा सांचौर के कई उद्योगपतियों ने भारत के बड़े बड़े शहरों से लेकर विदेशों तक में अपना कारोबार जमा रखा हैं। और सांचौर के कई कलाकारों[1] [2] [3][4] ने बॉलीवुड से लेकर संगीत की दुनियां में अपना वर्चस्व जमा चुके हैं।

सन्दर्भ

  1. "Bhakhar Khambhu - Google Search". www.google.com. अभिगमन तिथि 2024-02-11.
  2. "Viru Nehad - Google Search". www.google.com. अभिगमन तिथि 2024-02-11.
  3. "Narayan Jodha - Google Search". www.google.com. अभिगमन तिथि 2024-02-11.
  4. "सुरेश लोहार - Google Search". www.google.com. अभिगमन तिथि 2024-02-11.

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