सहजपुरा गाँव, गभाना (अलीगढ़)
सहजपुरा | |
— गाँव — | |
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |
देश | भारत |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | अलीगढ़ |
मुख्यालय | अलीगढ़ |
सदस्य | श्रीपाल सिंह |
सदस्य | रामस्वरूप शर्मा |
खैर जूडीशियल मजिस्ट्रेट | Sourabh Mandioi - Civil Judge (Jr division) |
जिला व सत्र न्यायालय अलीगढ़ | Chief Justice- Sanjiv Kumar |
लिंगानुपात | 940 ♂/♀ |
आधिकारिक भाषा(एँ) | हिन्दी |
जलवायु तापमान • ग्रीष्म • शीत | सर्दी , गर्मी , बरसात (कॉपेन) • 39 °C (102 °F) • 7 °C (45 °F) |
निर्देशांक: 27°53′N 78°04′E / 27.89°N 78.06°E
सहजपुरा गभाना, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश स्थित एक गाँव है।
सहजपुरा के बारे में
जनगणना 2011 की जानकारी के अनुसार सहजपुरा गाँव का राजस्व गाँव कोड 121908 है। सहजपुरा गाँव भारत के उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ जिले की गभाना तहसील में स्थित है। यह उप-जिला मुख्यालय गभाना (तहसीलदार कार्यालय) से 25 किमी दूर और जिला मुख्यालय अलीगढ़ से 45 किमी दूर स्थित है। सहजपुरा गाँव एक ग्राम पंचायत भी है जिसके वर्तमान प्रधान मोमीन खां है जो की 2021 के पंचायत चुनावों में 729 मत प्राप्त कर विजयी हुए व 543 मत प्राप्त कर उपविजेता श्री ऋषिओम चौहान रहे व बाकी सभी अन्य की जमानत धनराशि भी जप्त हुई आप यहाँ पर देख सकते हो
चुनें गए पद का नामांकन सम्बन्धी विवरण
जिला | विकास खंड | ग्राम पंचायत का नाम | पद की आरक्षण श्रेणी | कुल नामांकन | कुल रद्द नामांकन | कुल वापसी | कुल वैद्य उम्मीदवार | परिणाम प्रकार | कुल मतदाता | कुल पड़े मत | कुल वैध मत | कुल ख़ारिज/रद्द मत | मतदान प्रतिशत |
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अलीगढ़ | चण्डौस | 43-सहजपुरा | अनारक्षित | 15 | 0 | 4 | 11 | सविरोध विजेता | 2551 | 1867 | 1756 | 111 | 73.19 |
पंचायत चुनाव 2021 में लड़ने वाले / निर्विरोध प्रत्याशियों का विवरण
Id | नाम | पिता/ पति का नाम | लिंग | आयु | शैक्षिक योग्यता | जाति/वर्ग | चल सम्पत्ति | अचल सम्पत्ति | अपराधिक इतिहास | प्राप्त वैध मत | प्राप्त मतों का वैध मत के सापेक्ष % | प्राप्त मतों का कुल मतदाताओं के सापेक्ष % | जमानत की स्थिति | परिणाम | |
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755220 | मोमिन खां | उस्मान खां | पुरुष | 56 | जूनियर हाईस्कूल | अनारक्षित | 0 | 3200000 | नहीं | 729 | 41.51 | 28.58 | जब्त नहीं | विजेता | |
753120 | ऋषि ओम | प्रथ्वी सिंह | पुरुष | 39 | प्राईमरी | अनारक्षित | 450000 | 4000000 | नहीं | 543 | 30.92 | 21.29 | जब्त नहीं | उपविजेता | |
751982 | अकरम | मुबारक अली | पुरुष | 38 | प्राईमरी | अनारक्षित | 65000 | 200000 | नहीं | 248 | 14.12 | 9.72 | जब्त | ||
713052 | महेश चन्द्र शर्मा | राधेश्याम शर्मा | पुरुष | 39 | इंटर | अनारक्षित | 70000 | 0 | नहीं | 74 | 4.21 | 2.9 | जब्त | ||
753781 | इस्लाम खां | अब्दुल रजाक | पुरुष | 47 | प्राईमरी | अनारक्षित | 40000 | 200000 | नहीं | 47 | 2.68 | 1.84 | जब्त | ||
754536 | रहीश खां | गफ्फार खां | पुरुष | 32 | जूनियर हाईस्कूल | अनारक्षित | 20000 | 1200000 | हाँ | 45 | 2.56 | 1.76 | जब्त | ||
715021 | असरत अली | अकबर अली | पुरुष | 59 | जूनियर हाईस्कूल | अनारक्षित | 200000 | 150000 | नहीं | 35 | 1.99 | 1.37 | जब्त | ||
779248 | नजमा बेगम | आसिव खान | महिला | 61 | प्राईमरी | अनारक्षित | 0 | 0 | ज्ञात नहीं | 21 | 1.2 | 0.82 | जब्त | ||
795669 | कुवरपाल सिंह | कमल सिंह | पुरुष | 71 | प्राईमरी | अनारक्षित | 20000 | 400000 | नहीं | 8 | 0.46 | 0.31 | जब्त | ||
721176 | नज्मे आम | दूदे खान | पुरुष | 49 | प्राईमरी | अनारक्षित | 2000 | 0 | नहीं | 5 | 0.28 | 0.2 | जब्त | ||
787646 | विजेन्द्र सिंह | निरंजन सिंह | पुरुष | 55 | हाईस्कूल | अनारक्षित | 500000 | 300000 | नहीं | 1 | 0.06 | 0.04 | जब्त |
गाँव का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 484.56 हेक्टेयर है। सहजपुरा की कुल जनसंख्या 3,282 है, जिसमें पुरुष जनसंख्या 1,709 है जबकि महिला जनसंख्या 1,573 है। सहजपुरा गांव की साक्षरता दर 59.96% है, जिसमें से 71.74% पुरुष और 47.17% महिलाएं साक्षर हैं। सहजपुरा गांव में करीब 489 घर हैं. सहजपुरा गांव इलाके का पिनकोड 202141 है।
जब प्रशासन की बात आती है, तो सहजपुरा गांव का प्रशासन एक सरपंच द्वारा किया जाता है, जो स्थानीय चुनावों द्वारा गांव का प्रतिनिधि चुना जाता है। 2019 के आंकड़ों के अनुसार, सहजपुरा गांव खैर विधानसभा क्षेत्र और अलीगढ़ संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है। गभाना सभी प्रमुख आर्थिक गतिविधियों के लिए सहजपुरा गांव का निकटतम शहर है। साथ ही खैर मंडी यहाँ का मुख्य किसान बाजार है , गाँव की राजनीति बहुत ही दूषित है प्रधान व राशन आदि को लेकर गाँव में पार्टीबंदी रहती है गाँव के प्रधान पद आरक्षण पर काफी खीचतान रहती है , गाँव के अधिवक्ता श्री कृष्ण कुमार कन्हैया के अनुसार गाँव में कभी भी ओबीसी समुदाय से प्रधान नहीं बना है , इसको लेकर ग्राम पंचायत चुनाव 2021 के चुनावों में श्री कृष्ण कुमार कन्हैया ने इलाहबाद उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका भी दाखिल की गई जो काफी चर्चित रही व ग्राम को ओबीसी हेतु आरक्षित कर दिया गया लेकिन पूर्ववर्ती राज्य सरकार के द्वारा 2015 ग्राम पंचायत चुनाव आरक्षण को शून्य घोषित कर दिया गया इस वजह से गाँव को पुनः सामान्य कर दिया गया अधिवक्ता श्री कृष्ण कुमार कन्हैया बताते है कि "जो भी राज्य सरकारें आती हैं पंचायतों के पुनर्गठन आदि में आरक्षण को शून्य घोषित कर देती हैं। कुछ ग्राम पंचायतों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है। अभी भी बहुत ऐसी ग्राम पंचायत हैं जिनमें इन वर्गों को कभी भी आरक्षण का लाभ ही नहीं मिला है। हाल यह है कि इस ग्राम पंचायत को 73वां संविधान संशोधन 24 अप्रैल 1993 के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी एवं एससी महिला वर्ग के लिए निर्धारित मानक होने के उपरांत भी आरक्षित ही नहीं किया गया है। पहली पंचवर्षीय योजना प्रारम्भ हुई तो योजना की सफलता के लिए शासन द्वारा पंचायत अदालत स्तर पर विकास समितियों के सदस्य मनोनीत किए गये, लेकिन गांव के एक ही वर्ग विशेष के लोगों द्वारा तथ्यों को छिपा कर अधिकारियों को गुमराह कर इस गांव का आरक्षण तय कराते रहे हैं। जिसके लिए अपने अधिकारों से वंचित रहे वर्गों को मेरे माध्यम से उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ी है ताकि आगामी चुनावों में इन वर्गों को इसका लाभ मिले और चुनाव लड़ने का मौका मिल सके।"