सरस्वती विद्या मंदिर, बोकारो
पी टी जे ऍम सरस्वती विद्या मंदिर, बोकारो इस्पात नगर Saraswati Vidya Mandir, Bokaro | |
[[Image:|225px|सरस्वती विद्या मंदिर, बोकारो]] | |
सूत्रवाक्य: शिक्षार्थ आईये, सेवार्थ जाईये | |
स्थिति | |
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बोकारो, झारखंड, भारत | |
जानकारी | |
प्रकार | निजि-क्षेत्र विद्यालय |
स्थापना | १९९४ |
संस्थापक | विद्या भारती |
प्रधानाचार्य | श्री शिव कुमार सिंह |
विद्यार्थी | १,५०० से अधिक |
परिसर | नगरीय |
सम्बन्धताs | केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, विद्या भारती |
संक्षिप्त | SVM (ऍस वी ऍम) |
सरस्वती विद्या मंदिर, बोकारो इस्पात नगर में मई १९९४ में स्थापित हुआ था। इस से पहले यह सरस्वती शिशु मंदिर, बोकारो के नाम से सन् १९६७ में स्थापित हुआ था। यह एक अंग्रेज़ी-माध्यम सह-शिक्षा विद्यालय है जो नई दिल्ली, भारत में केन्द्रित केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के साथ जुड़ा हुआ है। इसका संचालन नई दिल्ली की विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान करती है, जो एक लाभ निरपेक्ष संस्था है। शिव कुमार सिंह इसके प्रथम प्राध्यापक थे और वर्तमान में राजा राम शर्मा हैं। विद्यालय परिक्षाओं में और खेल व संस्कृति के मैदानों में सफलता के लिये जाना जाता है।[1][2]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Teachers' Day celebrated with vigour in Bokaro schools," Times of India, 6 September 2013
- ↑ "Roll of Honour," Paulami Chakraborty, Hachette India, 2015, ISBN 9789351950523