सनावद
सनावद Sanawad | |
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सनावद मध्य प्रदेश में स्थिति | |
निर्देशांक: 22°10′48″N 76°03′58″E / 22.180°N 76.066°Eनिर्देशांक: 22°10′48″N 76°03′58″E / 22.180°N 76.066°E | |
सनावद यह पिरान पीर दरगाह एवं शीतला माता मंदिर के लिए प्रसिद्ध है सनावद का प्राचीन नाम गुलशनाबाद था इसे निमाड़ी में शेनूद भी कहा जाता है | खरगोन ज़िला |
प्रान्त | मध्य प्रदेश |
देश | भारत |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 38,740 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी, निमाड़ी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय सनावद का प्राचीन नाम गुलशनाबाद था (यूटीसी+5:30) |
सनावद (Sanawad) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के खरगोन ज़िले में स्थित एक नगर है [1][2]
जनसंख्या
सन् 2001 की जनगणना के अनुसार इसकी जनसंख्या 20,000 थी। इनमें पुरुषों और महिलाओं की आबादी क्रमशः 48% और 52% थी। यहाँ की साक्षरता 82% थी जिसमें पुरुष साक्षरता 86% और महिला साक्षरता 72% थी। यहाँ की जनसंख्या में ६ वर्ष से कम उम्र के बच्चों का हिस्सा 14% था।
विवरण
इंदौर - खंडवा सड़क पर स्थित यह शहर अपने पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के लिए प्रसिद्ध है। इस शहर में डिप्लोमा की गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज, वाणिज्य और विज्ञान के लिए एक सरकारी डिग्री कॉलेज, विज्ञान के एक निजी कॉलेज भी हैं। सनावद का पुराना नाम "शंकरपुरा" है। जिले में शहर की राजनीतिक स्थिति मजबूत है। यह नर्मदा नदी के निकट (लगभग 7 किलोमीटर), इंदौर से 70 किलोमीटर और खरगोन (जिला मुख्यालय) और बड़वाह से 10 किलोमीटर जो तहसील से 60 किलोमीटर दूर स्थित है।
अर्थव्यवस्था व संस्कृति
इसकी स्थानीय अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और व्यापार पर आधारित है। आसपास के क्षेत्र की मुख्य फसल गेहूं, कपास और सोयाबीन है। यहां का शीतला माता मेला बहुत प्रसिद्ध है। मध्य - प्रदेश की सबसे छोटी बस स्टैंड चल रही है। नहर काम की वजह से निर्माण की कोर के कारण शहर खरगोन जिले में अपनी छाप बना रही है। सबसे पहले यहां पर शिव भगवान का भव्य मंदिर था जिसे मुगलों ने तोड़ दिया था यह शहर मध्यप्रदेश, के प्रमुख शहरों इंदौर, खंडवा आदि से अच्छी तरह से सड़क द्वारा जुड़ा हुआ है। इस शहर का सबसे पुराना नाम शंकरपुरा था यहां पर भारी संख्या में यादव लोग रहते हैं और कुछ प्रकार तक जैन धर्म वाले भी रहते हैं
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ "Inde du Nord: Madhya Pradesh et Chhattisgarh Archived 2019-07-03 at the वेबैक मशीन," Lonely Planet, 2016, ISBN 9782816159172
- ↑ "Tourism in the Economy of Madhya Pradesh," Rajiv Dube, Daya Publishing House, 1987, ISBN 9788170350293