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सनातनधर्म स्वराज्य प्रतिष्ठान का आखिरी शासक

आज के राजस्थान के मेवाड़ और आज के मध्यप्रदेश का निमाड़‌ क्षैत्र जो उस समय प्रग्वाप साम्राज्य के नाम से सुविख्यात था 4000 BC में और वो स्वायम्भु मनु के द्वारा संस्थापित महाकोशम साम्राज्य का महापद्मानंद का मगध पर आधिप्तय होने पर पतन होनै पर सूर्यवंशियों के महाराज सुमित्रा के पुत्र मोरध्वज ने गढ़मोरा को अपना राजप्रशाद बनाया (जिला गंगापुर सिटी में गढ़मोरा तहसील) और फिर उन्ह महाप्रतापी प्रजावत्सल महाराज मोरध्वज के पुत्र ताम्रध्व ने ताम्रावती नगरी को अपनी राजधानी बनाई प्राग्वाट साम्राय की और उस के तत्पश्चात् ताम्रध्व के पुत्र चित्रांगध्वज ने चित्तोड़गढ़ कोट (किल्ले) का निर्माण करवा के अपने राजप्रशाद को ताम्रावती से चित्तोड़गढ़ में स्थापित किया यक्षों के आक्रमण से बचने के लिए और उन्हीं चित्रांगध्वज के पुत्र नागध्वज या नागादित्य की यक्षों के आक्रमण से सैन्य सहायता करने कुरु साम्राज्य के शासक विचित्रविर्य आया था जो युध्द में विरगति को प्राप्त हो गया