सनम बेवफ़ा
सनम बेवफ़ा | |
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सनम बेवफ़ा का पोस्टर | |
निर्देशक | सावन कुमार तक |
लेखक | अनवर ख़ान (संवाद) |
निर्माता | सावन कुमार तक |
अभिनेता | सलमान ख़ान, चाँदनी, कंचन, प्राण, डैनी डेनजोंगपा |
संगीतकार | महेश किशोर |
प्रदर्शन तिथियाँ | 11 जनवरी, 1991 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
सनम बेवफ़ा 1991 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्माण और निर्देशन सावन कुमार टक ने किया है। इस फिल्म में सलमान खान, चाँदनी, प्राण और डैनी डेनजोंगपा ने मुख्य किरदार निभाया है। ये फिल्म सिनेमाघरों में 11 जनवरी 1991 को दिखाया गया और इसका बाद में बंगाली भाषा में "डेन मोहोर" नाम से फिल्म बनाया गया, जो 3 मार्च 1995 को दिखाया गया। मूल फिल्म अपने संगीत और गाने की वजह से १९९१ की सुपरहिट फिल्म साबित हुई थी|
कहानी
ये फिल्म दो ऐसे परिवार की है, जो कई पीढ़ियों से आपस में झगड़ते आ रहे हैं। शेर खान (डैनी डेनजोंगपा) का बेटा, सलमान (सलमान खान) को फतेह खान (प्राण) की बेटी, रुखसार (चाँदनी) से प्यार हो जाता है। जब सच्चाई का पता चलता है तो फतेह खान अपने गुस्से को रोक नहीं पाता, और वहीं शेर खान इस खबर से बहुत खुश हो जाता है कि उसके बेटे को दुश्मन की बेटी से प्यार है। वो सलमान से वादा करता है कि वो उसकी शादी रुखसार से कराएगा। कई मुश्किलों के बाद दोनों की शादी हो जाती है।
शादी के समारोह के दिन फतेह खान हक़-मेहर (दाज) में ऐसी मांग करता है कि किसी को विश्वास ही नहीं होता है। शेर खान इस मांग से हक्का-बक्का रह जाता है, पर अपने बेटे की खुशी के लिए वो उस मांग को पूरा कर देता है। इस अपमान का बदला लेने के लिए शादी के अगली सुबह ही वो रुखसार को घर से बाहर कर देता है।
ये दोनों परिवारों में विवाद उत्पन्न कर देता है, जो कई लोगों के मौत के बाद भी नहीं रुकता है। शेर खान और फतेह खान दोनों ही अपने अपने फैसले पर अटल रहते हैं, जब तक कि उन्हें ये पता नहीं चला था कि रुखसार, सलमान के संतान की माँ बनने वाली है।
कलाकार
- सलमान ख़ान — सलमान
- चाँदनी — रुखसार
- प्राण — फतेह खान
- डैनी डेनजोंगपा — शेर खान
- पुनीत इस्सर — अफ़्ज़ल खान
- कंचन — कंचन
- जगदीप — दारोगा
- पंकज धीर — जुबर खान
- दीना पाठक — फतेह की माँ
- गुर बच्चन
- शौकत खान
संगीत
सभी गीत सावन कुमार तक द्वारा लिखित; सारा संगीत महेश किशोर द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "अल्लाह करम करना" | लता मंगेशकर | 4:20 |
2. | "अंगूर का दाना हूँ" | कविता कृष्णमूर्ति | 4:36 |
3. | "बेइरादा नजर मिल गई" | विपिन सचदेव | 5:24 |
4. | "चूड़ी मजा ना देगी" | लता मंगेशकर | 5:22 |
5. | "जिनके आगे जी" | लता मंगेशकर | 3:56 |
6. | "मेरी जान चली" | विवेक शर्मा | 4:59 |
7. | "मुझे अल्लाह की कसम" | लता मंगेशकर, विपिन सचदेव | 4:42 |
8. | "ओ हरे दुपट्टे वाली" | विपिन सचदेव | 5:24 |
9. | "सनम बेवफ़ा" | लता मंगेशकर, विपिन सचदेव | 6:10 |