सचल सरमस्त
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| व्यक्तिगत जानकारी | |
|---|---|
| जन्म | 1739 CE Daraza, Khairpur Mirs |
| मृत्यु | 1827 CE |
| वृत्तिक जानकारी | |
| युग | Classical/ Talpur |
| क्षेत्र | सिंधी सूफी कवि |
| विचार सम्प्रदाय (स्कूल) | Islamic Sufism |
| मुख्य विचार | lyric poetry |
| प्रमुख विचार | Sufi poetry, Sufi philosophy, and Sufi music |
सचल सरमस्त (1739–1827) (सिंधी: سچلُ سرمستُ, उर्दू: سچل سرمست) सिन्ध के एक सूफी [[कवि] थे। उनकी रचना 'सचल जो रसालो' (सचल वाणी) सिन्धी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।