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संस्मरण

स्मृति के आधार पर किसी विषय पर अथवा किसी व्यक्ति पर लिखित आलेख संस्मरण कहलाता है। यात्रा साहित्य भी इसके अन्तर्गत आता है। संस्मरण को साहित्यिक निबन्ध की एक प्रवृत्ति भी माना जा सकता है। ऐसी रचनाओं को 'संस्मरणात्मक निबंध' कहा जा सकता है। व्यापक रूप से संस्मरण आत्मचरित के अन्तर्गत लिया जा सकता है। किन्तु संस्मरण और आत्मचरित के दृष्टिकोण में मौलिक अन्तर है। आत्मचरित के लेखक का मुख्य उद्देश्य अपनी जीवनकथा का वर्णन करना होता है। इसमें कथा का प्रमुख पात्र स्वयं लेखक होता है। संस्मरण लेखक का दृष्टिकोण भिन्न रहता है। संस्मरण में लेखक जो कुछ स्वयं देखता है और स्वयं अनुभव करता है उसी का चित्रण करता है। लेखक की स्वयं की अनुभूतियाँ तथा संवेदनायें संस्मरण में अन्तर्निहित रहती हैं। इस दृष्टि से संस्मरण का लेखक निबन्धकार के अधिक निकट है। वह अपने चारों ओर के जीवन का वर्णन करता है। इतिहासकार के समान वह केवल यथातथ्य विवरण प्रस्तुत नहीं करता है। पाश्चात्य साहित्य में साहित्यकारों के अतिरिक्त अनेक राजनेताओं तथा सेनानायकों ने भी अपने संस्मरण लिखे हैं, जिनका साहित्यिक महत्त्व स्वीकारा गया है।ok

इतिहास

संस्मरणों को साहित्यिक रूप में लिखे जाने का प्रचलन आधुनिक काल में पाश्चात्य प्रभाव के कारण हुआ है। किन्तु हिन्दी साहित्य में संस्मरणात्मक आलेखों की गद्य विधा का पर्याप्त विकास हुआ है। संस्मरण लेखन के क्षेत्र में हमें अत्यन्त प्रौढ तथा श्रेष्ठ रचनायें हिन्दी साहित्य में उपलब्ध होती हैं।

हिन्दी में संस्मरण

हिन्दी के प्रारंभिक संस्मरण लेखकों में पकृ सिंह शर्मा हैं। इनके अतिरिक्त बनारसीदास चतुर्वेदी, महादेवी वर्मा तथा रामवृक्ष बेनीपुरी आदि हैं। चतुर्वेदी ने "संस्मरण" तथा "हमारे अपराध" शीर्षक कृतियों में अपने विविध संस्मरण आकर्षक शैली में लिखे हैं। हिन्दी के अनेक अन्य लेखकों तथा लेखिकाओं ने भी बहुत अच्छे संस्मरण लिखे हैं। उनमें से कुछ साहित्यकारों का उल्लेख करना प्रासंगिक होगा। श्रीमती महादेवी वर्मा की "स्मृति की रेखाएँ" तथा "अतीत के चलचित्र" संस्मरण साहित्य की श्रेष्ठ कृतियाँ हैं। रामबृक्ष बेनीपुरी की कृति "माटी की मूरतें" में जीवन में अनायास मिलने वाले सामान्य व्यक्तियों का सजीव एवं संवेदनात्मक कोमल चित्र्ण किया गया है।

इनके अतिरिक्त देवेन्द्र सत्यार्थी ने लोकगीतों का संग्रह करने हेतु देश के विभिन्न क्षेत्रें की यात्रायें की थीं, इन स्थानों के संस्मरणों को भावात्मक शैली में उन्होंने लिखा है। "क्या गोरी क्या साँवली" तथा "रेखाएँ बोल उठीं" सत्यार्थी के संस्मरणों के अपने ढंग के संग्रह हैं। भदन्त-आनन्द कोसल्यायन ने अपने यात्र जीवन की विविध घटनाओं तथा परिस्थितियों के संदर्भ में जो अनेक पात्र मिले उनके सम्बन्ध में अपने संस्मरणात्मक आलेखों को दो संकलनों "जो न भूल सका" तथा "जो लिखना पड़ा" में संगृहीत किया है। कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर ने "भूले हुए चेहरे" तथा "दीपजले शंख बजे" में अपने कतिपय अच्छे और आकर्षक संस्मरण संकलित किये। संस्मरण को साहित्यिक निबन्ध की एक प्रवृत्ति भी माना जा सकता है। ऐसी रचनाओं को संस्मरणात्मक निबंध कहा जा सकता है। गुलाबराय की कृति "मेरी असफलताएँ" को संस्मरणात्मक निबन्ध की कोटि में रखा जा सकता है। हिन्दी के अन्य अनेक लेखकों ने भी अच्छे संस्मरण लिखे हैं जिनमे प्रमुख है राजा राधिकारमण सिंह की 'सावनी समां', और 'सूरदास', रामधारी सिंह 'दिनकर' की 'लोकदेव नेहरु' व संस्मरण और श्रद्धांजलियाँ', डॉ रामकुमार वर्मा की 'संस्मरणों के सुमन' आदि।

वर्षसंस्मरण का शीर्षकसंस्मरणकार
1905अनुमोदन का अन्त, अतीत स्मृतिमहावीरप्रसाद द्विवेदी
1907इंग्लैंड के देहात में महाराज बनारस का कुआंकाशीप्रसाद जायसवाल
1907सभा की सभ्यतामहावीरप्रसाद द्विवेदी
1908लन्दन का फाग या कुहराप्यारेलाल मिश्र
1909मेरी नई दुनिया सम्बन्धिनी रामकहानीभोलदत्त पांडेय
1911अमेरिका में आनेवाले विद्यार्थियों की सूचनाजगन्नाथ खन्ना
1913मेरी छुट्टियों का प्रथम सप्ताहजगदीश बिहारी सेठ
1913वाशिंगटन महाविद्यालय का संस्थापन दिनोत्सवपांडुरंग खानखोजे
1918इधर-उधर की बातेंरामकुमार खेमका
1921कुछ संस्मरण (सुधा 1921 में प्रकाशित)वृन्दालाल वर्मा
1921मेरे प्राथमिक जीवन की स्मृतियां (सुधा 1921 में प्रकाशित)इलाचन्द्र जोशी
1932मदन मोहन के सम्बन्ध की कुछ पुरानी स्मृतियांशिवराम पांडेय
1937क्रान्तियुग के संस्मरणमन्मथनाथ गुप्त
1937बोलती प्रतिमाश्रीराम शर्मा
1937साहित्यिकों के संस्मरण (हंस के प्रेमचन्द स्मृति अंक 1937 सं. पराड़कर)ज्योतिलाल भार्गव
1938झलकशिवनारायण टंडन
1940टूटा तारा (स्मरण : मौलवी साहब, देवी बाबा)राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह
1942गोर्की के संस्मरणइलाचन्द्र जोशी
1942तीस दिन मालवीय जी के साथरामनरेश त्रिपाठी
1946पंच चिह्नशांतिप्रसाद द्विवेदी
1946वे दिन वे लोगशिवपूजन सहाय
1947पुरानी स्मृतियां और नए स्केचप्रकाशचन्द्र गुप्त
1947मिट्टी के पुतलेप्रकाशचन्द्र गुप्त
1947स्मृति की रेखाएंमहादेवी वर्मा
1948सन् बयालीस के संस्मरणश्रीराम शर्मा
1949एलबमसत्यजीवन वर्मा ‘भारतीय’
1949ज़्यादा अपनी, कम पराईउपेन्द्रनाथ 'अश्क'
1952संस्मरणबनारसीदास चतुर्वेदी
1954गांधी कुछ स्मृतियांजैनेन्द्र
1954ये और वेजैनेन्द्र
1955मुझे याद हैरामवृक्ष बेनीपुरी
1955बचपन की स्मृतियांराहुल सांकृत्यायन
1955मैं भूल नहीं सकताकैलाशनाथ काटजू
1956मील के पत्थररामवृक्ष बेनीपुरी
1956जिनका मैं कृतज्ञ, मेरे असहयोग के साथीराहुल सांकृत्यायन
1956मंटो मेरा दुश्मन या मेरा दोस्त मेरा दुश्मनउपेन्द्रनाथ अश्क
1957जंजीरें और दीवारेंरामवृक्ष बेनीपुरी
1957वे जीते कैसे हैंश्रीराम शर्मा
1959कुछ मैं कुछ वेरामवृक्ष बेनीपुरी
1959ज़्यादा अपनी कम परायीअश्क
1959मैं इनका ऋणी हूंइन्द्र विद्यावाचस्पति
1959स्मृति-कणसेठ गोविन्ददास
1960प्रसाद और उनके समकालीनविनोद शंकर व्यास
1962अतीत की परछाइयांअमृता प्रीतम
1962कुछ स्मृतियां और स्फुट विचारडॉ॰ सम्पूर्णानन्द
1962जाने-अनजानेविष्णु प्रभाकर
1962नए-पुराने झरोखेहरिवंशराय 'बच्चन'
1962समय के पांवमाखनलाल चतुर्वेदी
1963जैसा हमने देखाक्षेमचन्द्र 'सुमन'
1963दस तस्वीरेंजगदीशचन्द्र माथुर
1963साठ वर्ष : एक रेखांकनसुमित्रानन्दन पन्त
1965कुछ शब्द : कुछ रेखाएंविष्णु प्रभाकर
1965जवाहर भाई : उनकी आत्मीयता और सहृदयतारायकृष्ण दास
1965मेरे हृदय देवहरिभाऊ उपाध्याय
1965लोकदेव नेहरूरामधारीसिंह 'दिनकर'
1965वे दिन वे लोगशिवपूजन सहाय
1966चेहरे जाने-पहचानेसेठ गोविन्ददास
1966स्मृतियां और कृतियांशान्तिप्रय द्विवेदी
1967चेतना के बिम्बडॉ॰ नगेन्द्र
1968गांधी संस्मरण और विचारकाका साहेब कालेलकर
1968घेरे के भीतर और बाहरडॉ॰ हरगुलाल
1968बच्चन निकट सेअजित कुमार एवं ओंकारनाथ श्रीवास्तव
1968स्मृति के वातायनजानकीवल्लभ शास्त्री
1969चांदपद्मिनी मेनन
1969संस्मरण और श्रद्धांजलियांरामधारी सिंह दिनकर
1970व्यक्तित्व की झांकियांलक्ष्मीनारायण सुधांशु
1971जिन्होंने जीना जानाजगदीशचन्द्र माथुर
1971स्मारिकामहादेवी वर्मा
1972अन्तिम अध्यायपदुमलाल पुन्नालाल बख़्शी
1973जिनके साथ जियाअमृतलाल नागर
1974स्मृति की त्रिवेणिकालक्ष्मीशंकर व्यास
1975मेरा हमदम मेरा दोस्तकमलेश्वर
1975रेखाएं और संस्मरणक्षेमचन्द्र सुमन
1975चन्द सतरें औरअनीता राकेश
1976बीती यादेंपरिपूर्णानन्द
1976मैंने स्मृति के दीप जलाएरामनाथ सुमन
1977मेरे क्रान्तिकारी साथीभगत सिंह
1977हम हशमतकृष्णा सोबती
1978कुछ ख़्वाबों में कुछ ख़यालों मेंशंकर दयाल सिंह
1978संस्मरण को पाथेय बनने दोविष्णुकान्त शास्त्री
1979अतीत के गर्त सेभगवतीचरण वर्मा
1979पुनःसुलोचना रांगेय राघव
1979श्रद्धांजलि संस्मरणमैथिलीशरण गुप्त
1980यादों के झरोखेकुंवर सुरेश सिंह
1980लीक-अलीकभारतभूषण अग्रवाल
1981औरों के बहानेराजेन्द्र यादव
1981यादों की तीर्थयात्राविष्णु प्रभाकर
1981जिनके साथ जियाअमृतलाल नागर
1981सृजन का सुख-दुखप्रतिभा अग्रवाल
1982संस्मरणों के सुमनरामकुमार वर्मा
1982स्मृति-लेखाअज्ञेय
1982आदमी से आदमी तकभीमसेन त्यागी
1983निराला जीवन और संघर्ष के मूर्तिमान रूपडॉ॰ ये॰ पे॰ चेलीशेव
1983मेरे अग्रज : मेरे मीतविष्णु प्रभाकर
1983युगपुरुषरामेश्वर शुक्ल 'अंचल'
1984बन तुलसी की गन्धरेणु
1984दीवान ख़ानापद्मा सचदेव
1986रस गगन गुफा मेंभगवतीशरण उपाध्याय
1988हज़ारीप्रसाद द्विवेदी : कुछ संस्मरणकमल किशोर गोयनका
1989भारत भूषण अग्रवाल : कुछ यादें, कुछ चर्चाएंबिन्दु अग्रवाल
1990सृजन के सेतुविष्णु प्रभाकर
1992जिनकी याद हमेशा रहेगीअमृत राय
1992निकट मन मेंअजित कुमार
1992याद हो कि न याद होकाशीनाथ सिंह
1992सुधियां उस चन्दन के वन कीविष्णुकान्त शास्त्री
1994लाहौर से लखनऊ तकप्रकाशवती पाल
1994सप्तवर्णीगिरिराज किशोर
1995अग्निजीवीप्रफुल्लचन्द्र ओझा
1995मितवा घरपदमा सचदेव
1995लौट आ ओ धारदूधनाथ सिंह
1995स्मृतियों के छंदरामदरश मिश्र
1996अभिन्नविष्णुचन्द्र शर्मा
1996सृजन के सहयात्रीरवीन्द्र कालिया
1998यादें और बातेंबिन्दु अग्रवाल
1998हम हशमतभाग-2, कृष्णा सोबती
2000अमराईपदमा सचदेव
2000नेपथ्य नायक लक्ष्मीचन्द्र जैनमोहनकिशोर दीवान
2000याद आते हैंरमानाथ अवस्थी
2000यादों के काफिलेदेवेन्द्र सत्यार्थी
2000वे देवता नहीं हैंराजेन्द्र यादव
2001अंतरंग संस्मरणों में प्रसादपुरुषोत्तमदास मोदी
2001एक नाव के यात्रीविश्वनाथप्रसाद तिवारी
2001प्रदक्षिणा अपने समय कीनरेश मेहता
2001अपने-अपने रास्तेरामदरश मिश्र
2002काशी का अस्सीकाशीनाथ सिंह
2002नेह के नाते अनेककृष्णविहारी मिश्र
2002लखनऊ मेरा लखनऊमनोहर श्याम जोशी
2002स्मृतियों का शुक्ल पक्षडॉ॰ रामकमल राय
2002चिडि़या रैन बसेराविद्यानिवास मिश्र
2002लौट कर आना नहीं होगाकान्तिकुमार जैन
2003आंगन के वंदनवारविवेकी राय
2003रघुवीर सहाय : रचनाओं के बहाने एक संस्मरणमनोहर श्याम जोशी
2004तुम्हारा परसाईकान्तिकुमार जैन
2004पर साथ-साथ चली रही यादविष्णुकान्त शास्त्री
2004आछे दिन पाछे गएकाशीनाथ सिंह
2004नंगा तलाई का गांवडॉ॰ विश्वनाथ त्रिपाठी
2004लाई हयात आएलक्ष्मीधर मालवीय
2005मेरे सुहृद : मेरे श्रद्धेयविवेकी राय
2005सुमिरन को बहानोकेशवचन्द्र वर्मा
2006घर का जोगी जोगड़ाकाशीनाथ सिंह
2006जो कहूंगा सच कहूंगाडाॅ॰ कान्ति कुमार जैन
2006ये जो आईना हैमधुरेश
2007अब तो बात फैल गईकान्तिकुमार जैन
2007एक दुनिया अपनीडॉ॰ रामदरश मिश्र
2009कविवर बच्चन के साथअजीत कुमार
2009कालातीतमुद्राराक्षस
2009कितने शहरों में कितनी बारममता कालिया
2009कुछ यादें : कुछ बातेंअमरकान्त
2009दिल्ली शहर दर शहरडॉ॰ निर्मला जैन
2009मेरे भोजपत्रचन्द्रकान्ता
2009हाशिए की इबारतेंचन्द्रकान्ता
2010अ से लेकर ह तक, यानी अज्ञेय से लेकर हृदयेश तकडॉ॰ वीरेन्द्र सक्सेना
2010अंधेरे में जुगनूअजीत कुमार
2010जे॰ एन॰ यू॰ में नामवर सिंहसं॰ सुमन केशरी
2010बैकुंठ में बचपनकान्तिकुमार जैन
2011अतीत रागनन्द चतुर्वेदी
2011कल परसों बरसोंममता कालिया
2011स्मृति में रहेंगे वेशेखर जोशी
2012हम हशमत भाग-3कृष्णा सोबती
2012अपने-अपने अज्ञेय [दो खंड]ओम थानवी
2012आलोचक का आकाशमधुरेश
2012गंगा स्नान करने चलोगेडॉ॰ विश्वनाथ त्रिपाठी
2012माफ़ करना यारबलराम
2012यादों का सफ़रप्रकाश मनु
2012स्मृतियों के गलियारे सेनरेन्द्र कोहली
2013मेरी यादों का पहाड़देवेंद्र मेवाड़ी