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संवृत स्वर

संवृत स्वर (close vowel) या ऊँचा स्वर (high vowel) ऐसी स्वर ध्वनि होती है जिसमें, बिना व्यंजन की ध्वनि बनाए, जिह्वा को मुँह में जितना सम्भव हो सके उतना ऊँचा और तालू से समीप रखा जाता है। उदाहरण के लिए "ई" ऐसा एक स्वर है। अगर जिह्वा को किसी संवृत स्वर से अधिक ऊपर उठाया जाए तो वायु-प्रवाह बंद हो जाता है और ध्वनि स्वर की नहीं बल्कि व्यंजन (कॉन्सोनेन्ट) की बन जाती है।[1][2][3]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Handbook of the International Phonetic Association, 1999. Cambridge University ISBN 978-0-521-63751-0
  2. Johnson, Keith, Acoustic & Auditory Phonetics, second edition, 2003. Blackwell ISBN 978-1-4051-0123-3
  3. Korhonen, Mikko. Koltansaamen opas, 1973. Castreanum ISBN 978-951-45-0189-0