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शिकोत्सू झील

शिकोत्सू झील
निर्देशांक42°48′N 141°21′E / 42.800°N 141.350°E / 42.800; 141.350निर्देशांक: 42°48′N 141°21′E / 42.800°N 141.350°E / 42.800; 141.350
प्रकारज्वालामुखीय झील
मुख्य अन्तर्वाहबिफू नदी, ओकोटांपे नदी, निनारू नदी, फ़्यूरेनोई नदी
मुख्य बहिर्वाहचितोज
जलसम्भर223 कि॰मी2 (2.40×109 वर्ग फुट)
द्रोणी देशजापान
सतही क्षेत्रफल78.4 कि॰मी2 (844,000,000 वर्ग फुट)
औसत गहराई265.4 मीटर (870.7 फीट)
अधिकतम गहराई363 मीटर (1,191 फीट)
जल आयतन20.9 घनकिलो मीटर (5.0 घन मील)
तट लम्बाई140.4 किलोमीटर (25.1 मील)
सतही ऊँचाई247 मीटर (810 फीट)
द्वीप0
1 तट लम्बाई का मापन सटीक नहीं होता है
शिकोत्सू काल्डेरा
एनीवा पर्वत (ऊपर से बाएं)
तेरुम पर्वत (नीचे से दाएं)
शिकोत्सु झील के साथ तारुमा पर्वत पीछे


शिकोत्सू झील (支笏湖 शिकोत्सू-को), जापान के होकाइदो, चिटोज़ में स्थित एक ज्वालामुखीय झील हैं, यह शिकोत्सू-टोया राष्ट्रीय उद्यान का एक हिस्सा हैं।

नाम की उत्पत्ति

शिकोत्सू झील का नाम ऐनू भाषा शिकोत से निकला हैं, जिसका अर्थ है बड़ा अवसाद या खोखला। जापानीयों के लिए, यह बहुत कुछ हड्डियों (死骨 शीकोत्सू) की तरह लग रहा था, इसलिए उन्होंने इसे एन्जी नाम देने का प्रयास किया, लेकिन यह नाम टिक नहीं पाया।[1]

भूगोल

शिकोत्सू झील होक्काइदो के दक्षिण-पश्चिमी भाग में स्थित हैं। इसकी औसत गहराई 265 मीटर (895 फुट) की हैं, और अधिकतम गहराई 363 मीटर (1,191 फीट) की हैं, यह तज़ावा झील के बाद जापान में दूसरी सबसे गहरी झील हैं। सतह क्षेत्र के अनुसार यह जापान की 8वीं सबसे बड़ी झील और जापान के ज्वालामुखीय झीलों में कुशरो झील के बाद दूसरी सबसे बड़ी झील हैं। यह तीन ज्वालामुखी से घिरा हुआ है: उत्तर में एनीवा पर्वत और दक्षिण में फुप्पुशी पर्वत और तेरुमा पर्वत।

इसकी गहराई के कारण, शिकोत्सू झील की जल क्षमता मात्रा जापान के सबसे बड़े झील, बिवा झील की मात्रा के 3/4 तक पहुंचती हैं, उस झील की सतह क्षेत्र के केवल 1/9 होने के बावजूद।गहराई के अनुपात में छोटे सतह क्षेत्र के कारण, पूरे वर्ष पानी का तापमान काफी स्थिर रहता है, जिससे यह जापान में उत्तरी बर्फ मुक्त झील बनता हैं। बिफू, ओकॉटैन्प, निनारू और फरेनेई नदियाँ आकर इससे मिलती हैं, और इससे बाहर बहने वाली मुख्य नदी चिटोज नदी हैं।

भूविज्ञान

ज्वालामुख-कुण्ड जिस पर शिकोत्सू झील बना हुआ हैं, 40 से 50 हजार साल पहले बना था।[2] वैश्विक ज्वालामुखी कार्यक्रम के अनुसार, ज्वालामुख-कुण्ड का निर्माण 31 से 34 हजार वर्ष पूर्व होकोइदो के सबसे बड़े चतुष्कोणीय विस्फोट से हुआ था।[3] इसमें मुख्य रूप से डेसैट, रयॉलाइट और ऑर्साइट शामिल हैं। ज्वालामुखी पर्वत तारुमाई, एनीवा पर्वत और फूप्पुशी पर्वत इस ज्वालामुख-कुण्ड के रिम पर बने हुए हैं।[2]

अर्थिक गतिविधि

1895 में झील अकान से शुरू की गई लाल सलमोन (स्थानीय रूप से "चिप्पू" कहा जाता है) का पालन, इस क्षेत्र का एक प्रसिद्ध उत्पाद बन गया हैं, और अब चिप्पु मछली पकड़ना गर्मियों में एक पसंदीदा मनोरंजन हैं। एक आगंतुक केंद्र और विभिन्न कैंपों, ओनसेन क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को सुविधा प्रदान करते हैं। चितोसे अपनी भारतीय मछली पहिया के लिये प्रशिध्द हैं, यह चिटोज नदी में स्थित एक उपकरण हैं जिससे शिकोत्सू झील में अंडे देने आई सैंटोन मछलियों को इकट्ठा किया जाता हैं।

परिवहन

राष्ट्रीय राजमार्ग 276 दक्षिणी किनारे के साथ चलाता हैं, और झील को तामकोमाई और डेट के साथ जोड़ता हैं। राजमार्ग 453 झील के पूर्वी और उत्तरी भागों से साप्पोरो तक जाता हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Akagi Sanpei (赤木 三兵?), Journey of Hokkaidō Place Names—Notes on Ainu Language Place Names (北海道 地名の旅—アイヌ語地名解 Hokkaidō Chimei no Tabi — Ainugo Chimei Kai?), page 60
  2. "SHIKOTSU Caldera". Quaternary Volcanoes in Japan. Geological Survey of Japan, AIST. 2006. मूल से 19 दिसंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-09-01.
  3. "Shikotsu". Global Volcanism Program. Smithosonian National Museum of Natural History. मूल से 16 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-09-01.

बाहरी कड़ियाँ