वैज्ञानिक परिकलित्र
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उन इलेक्ट्रॉनिक परिकलित्रों को वैज्ञानिक परिकलित्र (scientific calculator) कहते हैं जो विज्ञान, इंजीनियरी तथा गणित की गणनाओं के लिए प्रयुक्त होते हैं।
साधारण परिकलित्रों में केवल जोड़, घटाना, गुणा, भाग आदि साधारण गणितीय कार्य की सुविधा होती है जबकि वैज्ञानिक परिकलित्रों में इनके अतिरिक्त त्रिकोणमितीय, लघुगणकीय, घात, संख्याओं का वैज्ञानिक निरूपण, आदि की क्रियाएँ भी की जा सकतीं हैं। वैज्ञानिक परिकलित्रों के आने से स्लाइड रूल का प्रयोग लगभग पूरी तरह समाप्त हो गया।
अब उच्च शिक्षा तथा अन्य उच्च कार्यों में वैज्ञानिक परिकलित्र का स्थान ग्राफीय परिकलित्रों (graphing calculators) ने ले लिया है। ये परिकलित्र वैज्ञानिक परिकलित्र का सारा काम करते ही हैं, ये आंकड़ों या किसी फलन को ग्राफ के रूप में भी प्रदर्शित कर सकते हैं। इनमें प्रोग्राम करने तथा प्रोग्रामों को भण्डारित करने की भी सुविधा आ गयी है।
इतिहास
पहला वैज्ञानिक परिकलित्र १९६८ में जारी किया गया था। यह निर्देशयोग्य (प्रोग्रामयोग्य) हैवलेट-पैकर्ड (Hewlett-Packard) HP-9100A था। HP-9100 श्रृंखला पूरी तरह से असतत ट्रांजिस्टर (प्रथनक) तर्क से निर्मित हुई थी, जिसमें कोई एकीकृत सर्किट (एकीकृत परिपथ) नहीं थे। हैवलेट-पैकार्ड का HP-35 १ फरवरी, १९७२ को पेश किया गया था। यह दुनिया का पहला सुवाह्य वैज्ञानिक परिकलित्र था।