विलियम बाउमैन
विलियम बाउमैन William Beaumont | |
---|---|
विलियम बाउमैन | |
जन्म | 21 नवम्बर 1785 Lebanon, Connecticut |
मृत्यु | अप्रैल 25, 1853 | (उम्र 67)
राष्ट्रीयता | United States |
क्षेत्र | Medicine |
प्रसिद्धि | Research on digestion |
विलियम बाउमैन (सन् १७८५ - १८५३) अमरीकी सेना में शरीरक्रिया वैज्ञानिक थे जो 'जठर क्रियाविज्ञान के जनक' (Father of Gastric Physiology) कहे जाते हैं।[1] इनहोने मानव के पाचनतंत्र पर बहुत महत्वपूर्ण कार्य किया था।
इनका जन्म कृषक परिवार में हुआ था। यह कुशाग्रबुद्धि बालक आगे चलकर प्रसिद्ध वैज्ञानिक हुआ। चिकित्सा विज्ञान की शिक्षा इन्होंने वैयक्तिक रूप से एक चिकित्सक से पाई और वरमांट राज्य की तृतीय मेडिकल सोसायिटी से चिकित्सावृत्ति का लाइसेंस प्राप्त किया। बाद में ये अमरीकी सेना में सर्जन के पद पर नियुक्त हो गए।
शरीररचना और उसके कार्य से संबंधित अनेक बातें उन दिनों अज्ञात थीं। बाउमैंन ने अनुसन्धान किया और बताया कि आमाशय के पाचक रस क्या कार्य करते हैं और कब तक किन अवस्थाओं में यह रस नहीं बनता। बाउमैन ने पाचन के रासायनिक रूप की सूत्रमाण स्थापना की। इन कार्यों की उनके शोधप्रबंध एक्सपेरिमेंट्स ऐंड आब्ज़रवेशंस में विस्तार से चर्चा है। शरीर क्रिया विज्ञान में बाउमैन का अनुदान महत्त्वपूर्ण है। इन्होंने प्रयोग और अवलोकन को नई दिशा प्रदान की।
सन्दर्भ
- ↑ William Beaumont Papers (1812-1959) Archived 2016-11-21 at the वेबैक मशीन, National Library of Medicine