वर्हाडी बोली
वर्हाडी, मराठी की एक उपभाषा है। यह विदर्भ के अधिकाँश भागों में बोली जाती है। विदर्भ में कुल ११ जिले हैं। इस भाषा के अधिकांश शब्द मराठी भाषा के शब्दों से मिलते है । यह भाषा सुनने में अत्यन्त मधुर लगती है
अखिल भारतीय वऱ्हाडी साहित्य मंच द्वारा वऱ्हाडी संवर्धन का आन्दोलन चलाया जा रहा है। अब तक 3 वऱ्हाडी साहित्य सम्मेलनों का आयोजन किया जा चुका है।
शब्दावली तथा व्याकरण
यद्यपि मराठी और वर्हाडी दोनों में बहुत समानता है और एक को बोलने वाले दूसरे को ठीक-ठीक समझ भी जाते हैं, किन्तु दोनों में कुछ भिन्नता भी है। कुछ उदाहरण नीचे दिये हैं-
वर्हाडी | हिन्दी | मानक मराठी |
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सीधा/सरका | सीधा | सरळ |
बुडा | बुढ्ढा | म्हातारा |
पगला/भैताड | पागल | वेडा |
अंगूर | अंगूर | द्राक्ष |
वर्हाडि और मानक मराठी के व्याकरण में भिन्नता के कुछ उदाहरण-
वर्हाडी | हिन्दी | मानक मराठी |
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मी जाउन राहिलो | मैं जा रहा हूं | मी जातोय |
मी आली | मैं आयी | मी आले |
तुयावाला पेन दे | अपना पेन दो | तुझा पेन दे |
पानी घेऊन घे | पानी ले लो | पाणी घे |