रुक्मणि देवी अरुंडले
रुक्मणि देवी अरुंडले(जन्म 29 फरवरी 1904-निधन 24 फरवरी 1986)भारत की जानी मानी भरतनाट्यम नृत्यांगना थी । वे दर्शनशास्त्री भी थी । भारतीय नृत्य कला को उन्होने एक नयी पहचान दी । उन्हे नृत्य की एक विधा 'साधिर' को पुन: स्थापित करने के लिए जाना जाता है । उनका जन्म दक्षिण भारत के तमिलनाडू राज्य के मदुरै के एक ब्राह्मण परिवार मे हुआ था उनके पिता का नाम नील कंठ शास्त्री और माता का सीशामल्ल था । उनके पिता एक इंजीनीयर थे ।वे थियोसोफियाल सोसाइटी के सदस्य थे। जिसके कारण पिता के साथ वह भी वहा आती जाती थी वही पर उनकी मुलाक़ात डॉ जार्ज अरुंडले से हो गई और 1920 मे दोनों की शादी हो गई। 1956 मे उन्हे पदम भूषण से सम्मानित किया गया । 1956 मे उन्हे राज्य सभा का सदस्य नामित किया गया । 24 फरवरी 1986 को चेन्नई मे उनका निधन हो गया ।