राष्ट्रगान
राष्ट्रगान देश प्रेम से परिपूर्ण एक ऐसी संगीत रचना है, जो उस देश के इतिहास, सभ्यता, संस्कृति और उसकी प्रजा के संघर्ष की व्याख्या करती है। यह संगीत रचना या तो उस देश की सरकार द्वारा स्वीकृत होती है या परंपरागत रूप से प्राप्त होती है।
इतिहास
सबसे पुराना राष्ट्रगान ग्रेट ब्रिटेन का 'गॉड सेव दि क्वीन' है, जिसे 1826 में राष्ट्रगान के रूप में वर्णित किया गया था, हालांकि 18 वीं सदी के मध्य से ही यह देश प्रेम के गीत के रूप में लोकप्रिय रहा तथा राजसी समारोहों में गाया जाता था। 19 वीं तथा 20 वीं सदी के आरंभ में अधिकांश यूरोपीय देशों ने ब्रिटेन का अनुसरण किया, कुछ राष्ट्रगान खास उद्देश्य से लिखे गए, जबकि अन्य को पहले से मौजूद धूनोन से अपनाया गया और भारत के राष्ट्रगान का नाम जन गण मन है|ANAND YADAV JI
प्रारंभिक रचनाएँ
कुछ ही राष्ट्रगान विख्यात कवियों या रचयिताओं द्वारा लिखे गए हैं। प्रथम ऑस्ट्रियाई राष्ट्रगान गॉड एरहाल्ते फ़्रेंज़ डेन कैसर (ईश्वर सम्राट फ़्रांसीसी की रक्षा करे) इसका विशिष्ट अपवाद है। इसकी रचना 1797 में जोज़ेफ़ हेडन ने की थी तथा बाद में (1929) पाठ को बदलकर सेई गेसनेट ओन एन्डे (हमेशा सौभाग्यशाली रहें) गाया गया। हेडन की धुन का जर्मन राष्ट्रगान ड्युश्लैंड, ड्युश्लैंड ऊबर ऐले जर्मनी, में भी उपयोग किया गया था। जिसे 1922 में अंगीकार किया गया था। इसके तीसरे छंद ईनिकी अंड रेश अंड फ्रीही (एकता, अधिकार और स्वतंत्रता) से आरंभ करके इसका नाम बदलकर ड्यूश्लैंडलेड के नाम से जर्मनी के राष्ट्रगान के रूप में उपयोग जारी है। 1922 के पूर्व जर्मनी का राष्ट्रगान हील डिर इम सीगक्रांज़ (विजय की माला धारण करने वालों का अभिवाद) था। यह गॉड सेव द क्वीन की धुन पर गाया जाता था।
भारत का राष्ट्रगान
- जन गण मन अधिनायक जय है (गान)
- जन गण मन अधिनायक जय है (धुन)
भारत का राष्ट्रगान 'जन गण मन' है, जो मूलतः बांग्ला भाषा में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा लिखा गया था, जिसे भारत सरकार द्वारा 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान Archived 2023-01-22 at the वेबैक मशीन के रूप में अंगीकृत किया गया। इसके गायन की अवधि लगभग 52 सेकेण्ड निर्धारित है। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर विश्व के एकमात्र व्यक्ति हैं, जिनकी रचना को एक से अधिक देशों में राष्ट्रगान का दर्जा प्राप्त है। उनकी एक दूसरी कविता 'आमार सोनार बाँग्ला' को आज भी बांग्लादेश में राष्ट्रगान का दर्जा प्राप्त है।
राष्ट्रगान के प्रकार
राष्ट्रगानों की भावनाएँ अलग होती हैं, इनमें शासकों के लिए प्रार्थना से लेकर राष्ट्रीय महत्त्व के युद्धों या बग़ावतों के संकेत से लेकर राष्ट्रभक्ति की भावना की अभिव्यक्ति होती है। संगीतात्मक गुणों की दृष्टि से राष्ट्रगान में अत्यधिक भिन्नता होती है; यह आवश्यक नहीं है कि संगीत की तरह ही पाठ या पद्य उसी राष्ट्र या देश के नागरिक द्वारा लिखा गया हो। राजनीतिक अथवा अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में परिवर्तन के कारण अक्सर पाठ परिवर्तित किया जाता है या नए राष्ट्रगान को अपना लिया जाता है। उदाहरणार्थ, भूतपूर्व सोवियत संघ ने 19वीं सदी के अंत में दो फ़्रांसीसी मज़दूरों द्वारा रचित एवं संगीतबद्ध कम्युनिस्ट इंटरनेशनल की जगह 1944 में गिम्न सोवेतस्कोगो सोयुन को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया।
दक्षिण अफ्रीका का राष्ट्रगान अपने आप में कुछ अलग है, जिसमें पाँच देशों की ग्यारह आधिकारिक भाषाओं का प्रयोग किया गया है। राष्ट्रगान का पहला पद एक अलग भाषा में तथा शेष तीन पद प्रत्येक के साथ दो भाषाओं के बीच विभाजित है।
सावधानियाँ
- जब राष्ट्रगान Archived 2023-01-22 at the वेबैक मशीन गाया या बजाया जाता है तो श्रोताओं को सावधान की मुद्रा में खड़े रहना चाहिए। यद्यपि जब किसी चल चित्र के भाग के रूप में राष्ट्रगान को किसी समाचार की गतिविधि या संक्षिप्त चलचित्र के दौरान बजाया जाए तो श्रोताओं से अपेक्षित नहीं है कि वे खड़े हो जाएँ, क्योंकि उनके खड़े होने से फ़िल्म के प्रदर्शन में बाधा आएगी और एक असंतुलन और भ्रम पैदा होगा तथा राष्ट्रगान की गरिमा में वृद्धि नहीं होगी।
- जैसा कि राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के मामले में होता है, यह लोगों की अच्छी भावना के लिए छोड़ दिया गया है कि वे राष्ट्रगान को गाते या बजाते समय किसी अनुचित गतिविधि में संलग्न नहीं हों।
बाहरी कड़ियाँ
- राष्ट्रगान जन गण मन Archived 2023-01-22 at the वेबैक मशीन
- सारे राष्ट्रगान (मिडी फ़ॉरमैट में)
- विश्व के सभी राष्ट्रगानों की संगीत लिपि
- संगीत शब्द और संगीत लिपि (विश्व के सभी राष्ट्रगानों की)
- विश्व के सभी राष्ट्रगानों की रेकार्डिंग (यू एस नेवी के बैड द्वारा)
- राष्ट्रों व अन्य क्षेत्रों के राष्ट्रगानों का संग्रह एमपी३ प्रारूप में. Vocal renditions are included.