रारा ताल
रारा झील | |
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स्थान | मुगु जिला |
निर्देशांक | 29°31′45″N 82°5′35″E / 29.52917°N 82.09306°Eनिर्देशांक: 29°31′45″N 82°5′35″E / 29.52917°N 82.09306°E |
प्रकार | ताजा जल[1] |
मुख्य अन्तर्वाह | करनाली नदी |
मुख्य बहिर्वाह | निजर नदी[1] |
द्रोणी देश | नेपाल |
अधिकतम लम्बाई | 5.1 कि॰मी॰ (17,000 फीट) |
अधिकतम चौड़ाई | 2.7 कि॰मी॰ (8,858 फीट 3 इंच) |
सतही क्षेत्रफल | 1,061 हे॰ (2,620 एकड़)[1] |
औसत गहराई | 100 मी॰ (330 फीट)[1] |
अधिकतम गहराई | 167 मी॰ (548 फीट) |
जल आयतन | 10,682 मी3 (377,200 घन फुट) |
तट लम्बाई1 | 14 कि॰मी॰ (46,000 फीट) |
सतही ऊँचाई | 2,990 मी॰ (9,810 फीट) |
अवैध दर्जा | |
अभिहीत: | 23 सितम्बर 2007 |
सन्दर्भ क्रमांक | 1695[2] |
1 तट लम्बाई का मापन सटीक नहीं होता है |
रारा झील नेपाल के प्रदेश नंबर 6 कर्णाली प्रदेश के मुगु जिले में पड़ती है। जिला मुख्यालय गमगढी से पश्चिम में 3 घंटे की पैदल यात्रा पश्चात रारा ताल पहुंचा जा सकता है। समुन्द्र तल से 2972 मीटर ऊंचाई तथा इस झील की लम्बाई 5 किलोमीटर, चौड़ाई 3.2 किलोमीटर है। रारा झील की गहराई 167 मीटर है। यहाँ प्रत्येक वर्ष नेपाल के ही नहीं अपितु विदेशों से भी पर्यटक घुमने आते हैं l यह ताल दिन में कई बार अपना रंग बदलता है l
प्राकृतिक खूबसूरती
रारा ताल दिनभर अपना रंग बदलते रहता है यहाँ जेष्ठ महीने से अश्विन महीने तक विभिन्न प्रकार के फुल खुलते हैं इस समय यह झील स्वर्ग की अप्सरा के सामान दिखाई देती है l इस झील की एक और विशेषता है विश्व की दुर्लभ असला मछली इस झील में पाई जाती है l रारा ताल से ३ घंटे की पैदल यात्रा के पश्चात व्यू पॉइंट मुरमा टप पहुंचा जा सकता है l मुरमा टप से रारा ताल का सम्पूर्ण दृश्य अवलोकन किया जा सकता है साथ ही यहाँ से खुबसूरत अपि सैपाल हिमालय की श्रृंखलाओं का अवलोकन किया जा सकता है l इस ताल में सिस्ने हिमाल कन्जिरोवा हिमालय के साथ अन्य हिमालयों की छवि भी देखा जा सकता है l
झील का नामकरण
नेपाल के राजा महेंद्र वीर विक्रम शाह देव विक्रमी संवत २०२० साल में यहाँ भ्रमण के लिए आये थे तब से इस झील का नाम रारा ताल पड़ा अब इसे महेंद्र ताल भी कहते हैं l
ताल की गहराई
रारा ताल समुन्द्र ताल से २९९० मीटर की ऊंचाई में बसा है l इस झील की गहराई १६७ मीटर है और ५.१ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है l
मौसम
गर्म ऋतू में यहाँ का मौसम एकदम सुखद होता है सर्दी में कड़ाके की ठण्ड पड़ती है l यहाँ घुमने के लिए उपर्युक्त सीजन सितम्बर-अक्टूबर और अप्रैल से मई तक ही है दिसंबर से मार्च तक यहाँ 1 मीटर बर्फ पड़ती है इस कारण से यहाँ जाने का रास्ता अवरुद्ध हो जाता है अप्रैल से जून तक भीषण वर्षा होती है l
रारा कैसे पहुंचे?
रारा पहुँचने के लिए दो मार्ग हैं स्थल मार्ग और हवाई मार्ग नेपालगंज से जुमला तक और जुमला से मुगू तक सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है हवाई मार्ग से जाने वाले यात्रियों के लिए नेपालगंज से जुमला तक हवाई सेवा है काठमांडू से भी जुमला हवाई सेवा है l बस में काठमांडू से जुमला पहुँचने में 30 घंटा लगता है फिर यहाँ से मुगू ५ -७ घंटे में पहुंचा जा सकता है l