रामपत्री
| रामपत्री | |
|---|---|
| वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
| जगत: | Plantae |
| अश्रेणीत: | Angiosperms |
| अश्रेणीत: | Magnoliids |
| गण: | Magnoliales |
| कुल: | Myristicaceae |
| वंश: | Myristica |
| जाति: | M. malabarica |
| द्विपद नाम | |
| Myristica malabarica Lam. | |
रामपत्री भारत के पश्चिम तटीय क्षेत्र में पाया जाने वाला पौधा है जिसका वनस्पति वैज्ञानिक नाम 'मिरिस्टिका मालाबारिका' (Myristica malabarica) है। यह भारत का देशज पौधा है जो लुप्ति के कगार पर है। इसके पेड़ की लम्बाई २५ मीटर तक होती है। इसकी छाल हरा-काला तथा चिकनी होती है, कभी-कभी लाल भी होती है।
इसे पुलाव और बिरयानी में सुगंध के लिए इस्तेमाल किया जाता है। भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र ने इससे कैंसर की दवा विकसित की है जिसका परीक्षण चूहों पर किया जा चुका है।[1] यह दवा फेफड़े के कैंसर और बच्चों में होने वाले दुर्लभ प्रकार के कैंसर 'न्यूरोब्लास्टोमा' के उपचार में काफी असरदार साबित हो सकती है। न्यूरोब्लास्टोमा एक ऐसा कैंसर है जिसमें वृक्क ग्रंथियों, गर्दन, सीने और रीढ़ की नर्व कोशिकाओं में कैंसर कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं।
सन्दर्भ
- ↑ "रामपत्री पौधे से कैंसर रोगियों का होगा इलाज". मूल से 4 अप्रैल 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 अप्रैल 2017.