रामगढ़ रियासत
रामगढ़ रियासत | |||||
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कुलांक | |||||
राजधानी | उर्दा (1368–1642) बादाम (1642–1670) रामगढ़ (1670-1772) इचाक (1772–1873) पदमा (1873-1952) | ||||
धार्मिक समूह | हिन्दू धर्म | ||||
शासन | पूर्ण राजशाही | ||||
राजा | |||||
- | 1368-1402 | बाघदेव सिंह | |||
- | 1919-1953 | कामाख्या नारायण सिंह | |||
इतिहास | |||||
- | स्थापित | 1368 | |||
- | अंत | 1953 | |||
आज इन देशों का हिस्सा है: | |||||
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रामगढ़ रियासत, ब्रिटिश राज मे बिहार की सबसे बड़ी जमींदारी थी। वर्तमान में रामगढ़ का क्षेत्र रामगढ़, हज़ारीबाग, चतरा, कोडेरमा, गिरिडीह और बोकारो में बंटा हुआ है। रामगढ़ रियासत के पहले शासक राजा बाघदेव सिंह और अंतिम शासक महाराजा कामाख्या नारायण सिंह बहादूर थे। इनको बाद में नारायण वंश के नाम से भी जाना गया। नारायण राजवंश भारत का पहला परिवार था जिसने चुनाव प्रचारों में हेलिकॉप्टर का प्रदर्शन किया था।[1][2]
शासक
- महाराजा बाघदेव सिंह (1368-1402)
- महाराजा कीरत सिंह (1402-1459)
- महाराजा राम सिंह प्रथम (1459-1537)
- महाराजा माधो सिंह (1537-1554)
- महाराजा जगत सिंह (1554-1604)
- महाराजा हिम्मत सिंह (1604–1661)
- महाराजा राम सिंह द्वितीय (1661-1677)
- महाराजा दलेल सिंह (1677-1724)
- महाराजा विष्णु सिंह (1724-1763)
- महाराजा मुकुंद सिंह (1763-1772)
- महाराजा तेज सिंह बहादुर (1772-1774)
- महाराजा पारस नाथ सिंह बहादुर (1774-1784)
- महाराजा मणिनाथ सिंह बहादुर (1784-1811)
- महाराजा सिद्धनाथ सिंह बहादुर (1811-1835)
- महाराजा लक्ष्मी नाथ सिंह बहादुर (1835-1841)
- महाराजा शंभू नाथ सिंह बहादुर (1841-1862)
- महाराजा रामनाथ सिंह बहादुर (1862-1866)
- महाराजा त्रिलोक नाथ सिंह बहादुर (1866)
- महाराजा नाम नारायण सिंह बहादुर (1866-1899)
- महाराजा राम नारायण सिंह बहादुर (1899-1919)
- महाराजा लक्ष्मी नारायण सिंह बहादुर (1913-1919)
- महाराजा कामाख्या नारायण सिंह बहादुर (1919-1970)
उल्लेखनीय लोग
- बाघदेव सिंह
- दलेल सिंह
- कामाख्या नारायण सिंह
- शशांक मंजरी
- सौरभ नारायण सिंह
- बसंत नारायण सिंह
- विजया राजे
- उदयभान नारायण सिंह
सन्दर्भ
- ↑ "रामगढ़ के राजपरिवार का आजादी के बाद कई चुनावों में रहा दबदबा, विरोधियों के हर प्रयास को नाकाम कर लहराते रहे विजय पताका". patrika. 14 March 2019. मूल से 27 सितंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 17 September 2019.
- ↑ "आखिरी राजा ने की थी राइट टू रिकॉल की बातरामगढ़ राज की शुरुआत यूं तो 1366 में हुई थी, मगर 1955 तक हुए इसके 19 राजाओं में सबसे प्रसिद्ध शायद इस राजवंश के अंतिम 'राजा'..." bhaskar. 28 August 2018. मूल से 27 सितंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 September 2019.