राजा सिद्धार्थ
राजा सिद्धार्थ, जैन धर्म के २४वें तीर्थंकर महावीर स्वामी के पिता थे। वह इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय थे और कुण्डलपुर के राजा थे।
जीवन वृतांत
जैन ग्रन्थ उत्तरपुराण के अनुसार वैशाली के राजा चेटक के 10 पुत्र और सात पुत्रियाँ थी। उनकी ज्येष्ठ पुत्री प्रियकारिणी अर्थात त्रिशला का विवाह राजा सिद्धार्थ से हुआ था।[1] माता त्रिशला द्वारा देखें गए १६ शुभ स्वप्नों का अर्थ राजा सिद्धार्थ ने बताया था।[2]
सन्दर्भ
- ↑ Pannalal Jain 2015, पृ॰ 482.
- ↑ Pannalal Jain 2015, पृ॰ ४६०.
सन्दर्भ ग्रन्थ
- जैन, साहित्याचार्य डॉ पन्नालाल (2015), आचार्य गुणभद्र की उत्तरपुराण, भारतीय ज्ञानपीठ, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-263-1738-7