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रहमान (अभिनेता)

रहमान

रहमान 1949 की फ़िल्म सांवरिया में
जन्म 23 जून 1921
लाहौर, ब्रिटिश इंडिया
मौत 5 नवम्बर 1984(1984-11-05) (उम्र 63)
बॉम्बे (अब मुंबई)
राष्ट्रीयताभारतीय
उपनाम सैद रहमान खान
पेशाअभिनेता
कार्यकाल 1946–1979
प्रसिद्धि का कारणसाहिब बीबी और ग़ुलाम (1962)

रहमान हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे। जिनका कैरियर 1940 के दशक के उत्तरार्ध से लेकर 1970 के दशक के अंत तक फैला था। वह गुरु दत्त टीम का एक अभिन्न हिस्सा थे, और ज्यादातर प्यार की जीत , बडी बहन , प्यासा (1957), साहिब बीबी और गुलाम (1962), दिल ने फ़िर याद किया, और वकत (1965) जैसी फिल्मों में उनकी भूमिका के लिए जाने जाते थे।[1]

व्यक्तिगत जीवन

रहमान, कॉलेज (1942) के बाद रॉयल इंडियन वायुसेना में शामिल हो गए और पुना में पायलट के रूप में प्रशिक्षित हुए। जल्द ही बॉम्बे में फिल्मों में करियर के लिए उन्होने वायुसेना की नौकरी को छोड़ दिया। वह अपने सौहार्दपूर्ण परिष्कृत भूमिकाओं के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं, जो उनके व्यक्तित्व के अनुकूल हैं। पुणे में विष्णम बेडेकर के तीसरे सहायक निदेशक के रूप में उनके फिल्म कैरियर की शुरुआत हुई। विष्णम को एक अफगान की जरूरत थी जो पश्तुन पगड़ी बांध सकता था। रहमान ऐसा कर सकते थे, एक पश्तुन होने के नाते, और वह उन्हें कुछ प्रमुख भूमिकाओं के लिए स्क्रीन पर लाया। नायक के रूप में उनकी प्रमुख हिट्स में से एक प्यासा के साथ प्यार की जीत थी, और गीत- "एक दिल के तुकेडे हज़ार हू, कोई याहा गिरा, कोई वाहा गीरा" एक प्रमुख हिट था।

शुरुआत में उन्होंने मुख्य भूमिका निभाई, लेकिन समय बीतने के बाद, उन्होंने सहायक भूमिका निभाई और कुछ हिट फिल्मों जैसे प्यासा , चौदहवीं का चाँद, साहिब बीबी और ग़ुलाम और वक्त जो उनकी यादगार भूमिकाओं में से कुछ थे।

निधन

1977 में उन्हें तीन दिल के दौरे का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्हें गले का कैंसर भी हो गया और 1984 में लंबी और दर्दनाक बीमारी के बाद उनकी मृत्यु हो गई।[2]

प्रमुख फिल्में

वर्षफ़िल्मचरित्रटिप्पणी
1982दिल आखिर दिल हैअरविंद देसाई
1982वकील बाबू
1982राजपूतठाकुर प्रताप सिंह
1981आहिस्ता आहिस्ता
1979सलाम मेमसाबमेहरा
1977चाचा भतीजा
1977अमानतअमर
1977आशिक हूँ बहारों का
1975आँधीके बोस
1974आप की कसम
1974प्रेम शस्त्रराजन अरोड़ा
1974दोस्त
1973हीरा पन्ना
1972दुश्मनजज
1970देवी
1970दर्पण
1970माँ और ममता
1970मस्ताना
1969इंतकाम
1968मेरे हमदम मेरे दोस्त
1968आबरू
1968शिकार
1966दो दिलों की दास्तान
1966सगाई
1966दादी माँ
1965वक्तचिनॉय
1964गज़लअख्तर नवाब
1964कैसे कहूँ
1963ये रास्ते हैं प्यार के
1963मेरे महबूब
1963ताजमहल
1962साहिब बीबी और ग़ुलाम
1961धर्मपुत्रजावेद
1960चौदहवीं का चाँद
1960छलिया
1960घूंघट
1958फिर सुबह होगीरहमान
1957प्यासा
1957उस्ताद
1950परदेसराजन
1949पारसकुमार

नामांकन और पुरस्कार

रहमान को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के रुप में चार फिल्मफेयर नामांकन मिले। ये फिल्मे थी- फिर सुबह होगी (1958), चौदहवीं का चाँद (1960), साहिब बीबी और ग़ुलाम (1962) और दिल ने फिर याद किया (1966) [3]

सन्दर्भ

  1. The Illustrated Weekly of India, Volume 111, Issues 13-25, 1990. p. 15.
  2. https://www.google.de/search?tbm=bks&hl=de&q=Rehman+actor+1984#hl=de&q=%22Hindi+film+actor+Rehman+died+in+Bombay%22&tbm=bks
  3. "1st Filmfare Awards 1953" (PDF). मूल (PDF) से 12 जून 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 अगस्त 2018.

बाहरी कड़ियाँ