रमेश दत्त शर्मा
रमेश दत्त शर्मा | |
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व्यक्तिगत जानकारी | |
जन्म | १९३९ |
मृत्यु | २०१२ |
कविता | जरा प्यार से बोलना सीख लीजे |
डॉ रमेेश दत्त शर्मा (15 फरवरी, १९३९ - ७ फरवरी, २०१२) हिन्दी के प्रसिद्ध विज्ञान लेखक थे। वे पचास वर्षों से पत्र-पत्रिकाओं, रेडियो और टी.वी. के माध्यम से वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रचार-प्रसार करते रहे। वे कृषि विज्ञान के विशिष्ट लेखक थे। आपको विज्ञान लेखक में एक दर्जन से अधिक पुरस्कार मिल चुके हैं।
रमेश दत्त शर्मा का जन्म में उत्तर प्रदेश के एटा जिले के जलेसर में हुआ था। उन्होने आगरा कॉलेज से वनस्पति विज्ञान में एम एस-सी किया और फिर पी. एच-डी. की और 1961 से ही विज्ञान लेखन में तत्पर थे। पन्तनगर से "किसान भारती" का सम्पादन किया। तत्पश्चात भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नयी दिल्ली में हिन्दी सम्पादक रहे। 'खेती', 'कृशि चयनिका' और 'फल-फूल' पत्रिकाओं के प्रधान सम्पादक रहे।[1] धर्मयुग, साप्ताहिक हिन्दुस्तान, नवभारत टाइम्स, आविष्कार, खेती आदि में सैकड़ों लेख प्रकाशित । "हमारे वैज्ञानिक तथा "गेहूँ की मुट्ठी में भारत" पुस्तकें प्रकाशित । उन्होने पंचानन माहेश्वरी की पुस्तकों के सफल अनुवाद किए। वे कृषि विज्ञान के विशिष्ट लेखक तथा कई प्रकार की शैलियों के जन्मदाता थे।
१९८१ में विज्ञान वैचारिकी अकादमी द्वारा स्वर्ण पदक से सम्मानित। 1995 में डा० आत्माराम पुरस्कार से सम्मानित हुए।
कृतियाँ
- हमारे वैज्ञानिक
- विज्ञान साहित्य परिचय
- गेहूँ की मुट्ठी में भारत
- The Story Of Rice (चावल की कहानी)
- जरा प्यार से बोलना सीख लीजे (कविता)
सन्दर्भ
- ↑ पर्यावरण और हम (पृष्ठ २४०)