रतनजी टाटा
सर रतनजी टाटा (२० जनवरी १८७१ ई. - ५ सितंबर १९१८ ई.) भारत के सुविख्यात पारसी उद्योगपति और जनसेवी जमशेदजी नासरवान जी टाटा के पुत्र। उन्होने भारत में टाटा समूह के विकास में एक निर्णायक भूमिका निभाई थी।
परिचय
जन्म २० जनवरी १८७१ ई. को बंबई में हुआ था। बंबई के सेंट जेवियर कालेज में अध्ययन कर पिता की योजनाओं को सफल बनाने में भाई की पूरी सहायता की। सन् १९०४ ई. में जब पिता की मृत्यु हुई इन्हें और इनके भाई सर दोराब जी जमशेद जी टाटा को अपार वैभव और संपदा उत्तराधिकार में प्राप्त हुई। टाटा ऐंड कंपनी के साझीदार होने के साथ ही ये इंडियन होस्टल्स कंपनी लिमिटेड, टाटा लिमिटेड, लंदन टाटा आयरन ऐंड स्टील वर्क्स साकची, दि टाटा हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड, इंडिया, के डाइरेक्टर भी थे।
पिता से प्राप्त संपति का इन्होंने औद्योगिक विकास के कार्यों के साथ-साथ समाजसेवा के कार्यों में उपयोग किया। १९१२ ई. में लंदन स्कूल ऑव इकानॉमिक्स में अपने नाम से सामाजिक विज्ञान और शासन का एक विभाग स्थापित किया। उसी वर्ष निर्धन छात्रों की स्थितियों के अध्ययनार्थ लंदन विश्वविद्यालय में एक रतन टाटा फंड की भी स्थापना की। इनके नाम से एक दानकोश की भी स्थापना हुई। इनका देहांत ५ सितंबर १९१८ ई. को कार्नवाल में हुआ।रतन टाटा अभी
बाहरी कड़ियाँ
- Sir Ratan Tata Biography SRT Trust website
- Sir Ratan Tata Trust Official website