यूको बैंक
कंपनी प्रकार | सार्वजनिक (BSE:) |
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उद्योग | वित्त वाणिज्यिक बैंकिंग |
स्थापित | 6 जनवरी 1943 |
स्थापक | घनश्यामदास बिड़ला |
मुख्यालय | कोलकाता, भारत |
कर्मचारियों की संख्या | 24,724 (2016) |
जालस्थल | www |
यूको बैंक भारत का एक प्रमुख बैंक है और इसका मुख्यालय कोलकाता में है।
सन् 1942 के ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन के बाद वास्तविक भारतीय बैंक की परिकल्पना भारतीय औद्योगिक पुनर्जागरण के प्रवर पुरोधा घनश्याम दास बिड़ला ने की थी। शीघ्र ही इस नवोदित परिकल्पना को मूर्त रूप मिला और 6 जनवरी, 1943 को दि यूनाइटेड कमर्शियल बैंक लिमिटेड की स्थापना हुई, जिसका पंजीकृत और प्रधान कार्यालय कोलकाता में खुला। प्रथम निदेशक मंडल में समाज के हर क्षेत्र से देश के प्रतिष्ठित व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व था। बैंक ने अपनी इस अखिल भारतीय छवि को अक्षुण्ण रखा है – निदेशक मंडल के गठन के मामले में ही नहीं वरन देश भर में तथा सिंगापुर एवं हांगकांग जैसे विदेशी केन्द्रों में अपनी 2500 से भी अधिक शाखाओं के भौगोलिक विस्तार के मामले में भी।
विस्तार और सुदृढ़ता के यात्रा क्रम में 19 जुलाई, 1969 को भारत सरकार के शत-प्रतिशत स्वामित्व के साथ हमारा बैंक यूनाईटेड कमर्शियल बैंक के नाम से राष्ट्रीयकृत हुआ। इस ऐतिहासिक घटना ने बैंक की सोच और क्रियाकलापों में आमूल-चूल परिवर्तन किया। बैंक ने अब तक चली आ रही वर्ग बैंकिंग के स्थान पर सरकार की सार्वजनिक बैंकिंग की सामाजिक–राजनैतिक अवधारणा को अपनाया। वर्ष 2003-04 के दौरान बैंक रु. 200 करोड़ का आईपीओ लेकर बाजार में आया और अब यह एक सूचीबद्ध कंपनी है। 31.03.2012 की स्थिति को बैंक में सरकार की शेयरधारिता 65.19 प्रतिशत थी। शाखाओं का विस्तार, विशेषत: ग्रामीण क्षेत्रों में द्रुत गति से हुआ तथा बैंक ने प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्रों को वित्तपोषित करने के क्षेत्र में एवं अन्यान्य सामाजिक उन्नयन प्रकल्पों के क्षेत्र में कई विशिष्टताएं हासिल कीं। विकास की पृष्ठभूमि में व्यावसायिक प्रगति के लिए सन् 1972 में बैंक का सांगठनिक पुनर्गठन हुआ। इसके फलस्वरूप कार्य-विशेषज्ञता, प्रशासनिक विकेंद्रीकरण, कार्मिक निपुणता और अभिवृत्ति विकसित हुई। साथ ही सरकार के गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों पर अमल चलता रहा तथा बैंक के संयोजकत्व में वर्ष 1983 में ओडिशा एवं हिमाचल प्रदेश में राज्य-स्तरीय बैंकर्स समिति की स्थापना हुई।
वर्ष 1985 में बैंक के इतिहास में एक नया अध्याय तब जुड़ा जब संसद के अधिनियम के तहत इसका नाम परिवर्तित कर यूको बैंक रखा गया। नाम परिवर्तन के बावजूद हमारे प्रति बैंक के ग्राहकों का सौहार्द बना रहा और और सामाजिक दायित्वों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता बरकरार रही। आज भी देश के एक प्रभावी बैंक के रूप में हमारा बैंक सुख्यात है। यूको बैंक ने एक लंबी यात्रा तय की है और अपनी समस्त आंतरिक क्षमताओं के कारण यह ग्राहकों का मित्र बैंक तथा निपुण बैंकर का प्रतीक बन गया है। वस्तुत: यूको बैंक आपके विश्वास का सम्मान करता है।