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याल्ला (संगीत गुट)

याल्ला (रूसीउज़बेक: Ялла, Yalla), जिन्हें उज़बेक लहजे में यैल्लै कहते हैं, उज़बेकिस्तान का एक रॉक संगीत गुट है। यह १९७० में उभरा और १९७० व १९८० के दशकों में पूरे सोवियत संघ और पूर्वी यूरोप के अन्य देशों में मशहूर हो गया। इनका एक गाना, 'उचकुदुक - त्रि कोलोदत्सा' जो उज़बेकिस्तान के उचकुदुक शहर के बारे में था, विशेष रूप से बहुत प्रसिद्ध हुआ और आज भी रूस व भूतपूर्व सोवियत संघ के अन्य हिस्सों में जाना जाता है।[1]

याल्ला के मुख्य गायक फ़ार्रुख़ ज़ोकिरोव​ हैं। गुट के सभी सदस्य ताशकेंत के ओस्त्रोव्सकी अभिनय कला संसथान और अशरफ़ी सरकारी संगीतालय के उत्तीर्ण हैं। वे सभी उज़बेक समुदाय से हैं और अपने गानों में उज़्बेकिस्तान की लोक-धुनों और कविताओं का मिश्रण करते हैं। इनके अधिकतर गाने उज़बेक और रूसी भाषाओं में हैं हालांकि कभी-कभी वे जर्मन, तातार और अरबी में भी गाते हैं। इसके अलावा इन्होनें फ़ारसी, हिन्दी, नेपाली और फ़्रांसीसी में भी गया हुआ है।

इन्हें भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. Culture and Customs of the Central Asian Republics, Rafis Abazov, pp. 154, Greenwood Publishing Group, ISBN 978-0-313-33656-0, ... Yalla's songs, such as Chaikhana (Teahouse), Uch kuduk (Three wells), Shakhrisabz, and Yallama erim, yalla!, captured audiences in Tashkent, Almaty, Moscow, Kiev, and many other places across the then-USSR ...