मूलभारतीय हिन्दूधर्म विश्वपीठ
मूलभारतीय हिन्दूधर्म हिंदुस्थान का मूल या प्रथम धर्म है जो सिंधू हिन्दू संकृति से चला आ रहा है । यह मानवतावादी समतावादी धर्म है , इस्का पुनरूथन धर्मात्मा कबीर ने १५ शती में किया ! धर्मात्मा कबीर ने कबीरवाणी पवित्र बीजक में इसे विश्व मानव कल्याण हेतु बताया और वर्णवाद जातिवाद भेदभाव अस्पृश्यता विषमता आदी को नकारते हुवे मूलभारतीय हिन्दूधर्म को गतमान किया ! धर्मविक्रमादित्य कबीरसत्व परमहंस दौलतराम ने इस धर्मात्मा कबीर द्वारा पुनर्स्थापित मूलभारतीय हिन्दूधर्म को कबीर पंथ से मुक्त कर मानव कल्याण हेतु उसेही पुरातन सनातन आदि भारतीय हिन्दू धर्म बताया और उसके प्रचार प्रसार हेतु मूलभारतीय हिन्दूधर्म विश्वपीठ , कल्याण , जिल्हा : ठाणे , महाराष्ट्र , भारत में धर्मपीठ की २०२४ में निर्मित कर मानव कल्याण का कार्य शुरू किया !
मूलभारतीय हिन्दूधर्म का एकमात्र धर्मग्रंथ है कबीर वाणी पवित्र बीजक और कानून है डॉक्टर बाबा साहेब आंबेडकर लिखित हिन्दू कोड बिल के कायदे ! मूलभारतीय हिन्दूधर्म जात पात , वर्ण भेद , अस्पृश्यता विषमता आदी अमानवीय विचार आचार व्यवहार को अमान्य करता है और मानव मानव एक है , कोई भेद नहीं मानता है!
वर्तमान में मूलभारतीय हिन्दूधर्म विश्वपीठ कल्याण के जगतगुरु नरसिंह मूलभारती इस पद दौलतराम स्थानापन्न है जो मूलभारतीय हिन्दूधर्म विश्वपीठ , कल्याण के संस्थापक है!
मूलभारतीय हिन्दूधर्म का धर्मग्रंथ है पवित्र कबीरवाणी बीजक और कानून हिन्दू कोड बिल के कायदे !
मूलभारतीय हिन्दूधर्म विश्वपीठ,
३०२ सी, ओम श्रीकृपा सोसायटी
रामबाग लेन ४ के अंत में
कल्याण पश्चिम , जिल्हा : ठाणे
महाराष्ट्र