मुल्ला मिस्कीन शाह
मुल्ला मिस्कीन शाह | |
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मिस्कीन शाह कि मसजिद | |
धर्म | इस्लाम |
व्यक्तिगत विशिष्ठियाँ | |
जन्म | कदलपूर, राउजान उपज़िला, चटगांव, मुग़ल बंगाल |
निधन | निज तक़िया, चन्दनपूरा, चोक बाज़ार, चटगांव |
पिता | सिपाहदु |
पद तैनाती | |
कर्मभूमि | चटगांव |
मुल्ला मिस्कीन शाह (মোল্লা মিসকীন শাহ্) बंगाल की चटगाँव जिला के एक मशहूर सूफी बुजुर्ग है।
जीवन
मुल्ला मिस्कीन शाह चटगाँव जिला की राउजान उपज़िला की कदलपूर में पैदा हुए। वो वास्तविक जीवन से गाफ़िल था। मुग़ल शहंशाह औरंगज़ेब के हाल ही में बरामद होनेवाले एक आदेश पत्र में ज़िक्र किया गया है कह शहंशाह ने हवेली चटगाँव पर्गना मैं 20 बीघा ज़मीन सरकार-इ-इस्लामाबाद के अनुसार मुल्ला मिस्कीन को बतौर मदद-इ-मआश दी। 1103 हिजरी (1691-92 ईस्वी) में जारी होनेवाले आदेश पत्र में मिला गरीब के पिता को सिपाहदु और दादा को शेख सारदु मुग़ली सिद्दीक़ी कहा गया है। आदेश पत्र की इतिहास की बुनियाद पर, मिला गरीब शाह सत्रहवीं सदी के सूफी बुजुर्ग हैं और इनके समाधि से संलग्न शाही मसजिद औरंगज़ेब के दूर की हो सकती है।[1] मुल्ला मिस्कीन शाह चटगाँव की चन्दनपूरा की निज तक़िया मैं दम तोड़ गया।
हवाला
- ↑ "मिस्कीन शाह मुल्ला (रह)". बंगलापीडीया. अभिगमन तिथि 29/8/21.
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