महालसा नारायणी मन्दिर
महालसा नारायणी मन्दिर | |
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Mahalasa Narayani Temple | |
धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
देवता | म्हालसा देवी |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | मार्दोल |
ज़िला | उत्तर गोवा ज़िला |
राज्य | गोवा |
देश | भारत |
गोवा में स्थान | |
भौगोलिक निर्देशांक | 15°26′28″N 73°58′23″E / 15.441°N 73.973°Eनिर्देशांक: 15°26′28″N 73°58′23″E / 15.441°N 73.973°E |
महालसा नारायणी मन्दिर भारत के गोवा राज्य के मार्दोल कस्बे में स्थित देवी महालसा को समर्पित एक हिन्दू मन्दिर है।
पीठासीन देवी
महालसा को मोहिनी के साथ पहचाना जाता है, जो भगवान विष्णु का एक स्त्री-अवतार थीं। महालसा के चार हाथ है जो एक त्रिशूल, एक तलवार, एक कटा हुआ सिर, और एक पीने का पात्र धारण किए होते हैं। वह प्रणाम की मुद्रा-युक्त एक दानव या पुरुष के ऊपर खड़ी होती हैं, और उनका बाध या शेर कटे हुए सिर से गिर रहे खून को चाट रहा होता है। वे यज्ञोंपवीत (जनेउ) धारण किए हुए भी रहती हैं, जो आमतौर पर देवताओं द्वारा धारण किया जाता है। गौड़ सारस्वत ब्राह्मण और गोवा तथा दक्षिण कनारा के वैष्णव उन्हें मोहिनी रूप में पहचानते हैं और उन्हें नारायणी और राहू-मथानी (राहू वधकर्ता) नामों से बुलाते हैं, जैसा की भविष्य पुराण में कहा गया है।[1]
जबकि इस मन्दिर में, महालसा देवी को मोहिनी और भगवान विष्णु से जोड़ा जाता है, खन्दोबा सम्प्रदाय में, उन्हें देवी पार्वती और खन्दोबा (शिवजी का एक रूप और पार्वती जी के पति) के रूप में माना जाता है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ V. P. Chavan (1991). Vaishnavism of the Gowd Saraswat Brahmins and a few Konkani folklore tales. Asian Educational Services. पपृ॰ 26–7. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-206-0645-6. (अंग्रेज़ी)