महाबृहती यवमध्या वेदों में प्रयुक्त एक छंद है। इसमें कुल - ४४ वर्ण होते हैं (८ ८ ८ ८ १२)। उदाहरण - ऋग्वेद में मिलता है (६.४८.२१)
सद्यःचिद्दश्य चर्कृति परि द्यां देवो नैतिः सूर्यं त्वेषं शवो दधिरे नाम यज्ञियं मरुतो वृत्रहं शवो ज्येष्ठं वृत्रहं शवो। ।