महाप्रस्थानिकपर्व
महाप्रास्थानिक पर्व में कोई उपपर्व नहीं और मात्र ३ अध्याय हैं।
पर्व | शीर्षक | उप-पर्व संख्या | उप-पर्व सुची | अध्याय एवम श्लोक संख्या | विषय-सूची |
१७ | महाप्रस्थानिकपर्व | ९७ | कोई उपपर्व नहीं। | ३/१२३ | इस पर्व में द्रौपदी सहित पाण्डवों का महाप्रस्थान वर्णित है। वृष्णिवंशियों का श्राद्ध करके, प्रजाजनों की अनुमति लेकर द्रौपदी के साथ युधिष्ठिर आदि पाण्डव महाप्रस्थान करते हैं, किन्तु युधिष्ठिर के अतिरिक्त सबका देहपात मार्ग में ही हो जाता है। इन्द्र और धर्म से युधिष्ठिर की बातचीत होती है और युधिष्ठिर को सशरीर स्वर्ग मिलता है। |
बाहरी कडियाँ
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- ज्ञानामृतम् - वेद, अरण्यक, उपनिषद् आदि पर सम्यक जानकारी
- वेद एवं वेदांग - आर्य समाज, जामनगर के जालघर पर सभी वेद एवं उनके भाष्य दिये हुए हैं।
- जिनका उदेश्य है - वेद प्रचार[मृत कड़ियाँ]
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