मदनवर्मन
मदनवर्मन (शासनकाल 1128-1165 सीई) भारत के चन्देल राजवंश के सम्राट थे। उन्होंने अपने पिता पृथ्वीवर्मन की मृत्यु के बाद जेजाकभुक्ति का साम्राज्य संभाला और द्रविड़ों को पराजित किया। पड़ोसी राज्यों पर दिग्विजय कर उन्होंने चन्देल महिमा को पुनर्जीवित किया। उन्होंने दुबारा से कई टैंकों, दानों, यज्ञों और मंदिरों को चालू किया एवं धर्म को फैलाया।[1]
मदनवर्मन | |||||||||
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श्रीमंत-चक्रवर्ती सम्राट परमभट्टरक, परमेश्वर, परमवैष्णव, महाराजाधिराज, महोबानरेश, माहिष्मतीनरेश, द्रविड़विजेता, श्रीकलंजराधिपति | |||||||||
16वें चक्रवर्ती चन्देल सम्राट | |||||||||
शासनावधि | c. 1128-1165 CE | ||||||||
पूर्ववर्ती | पृथ्वीवर्मन | ||||||||
उत्तरवर्ती | यशोवर्मन् द्वितीय | ||||||||
जन्म | 1102 ई0 महोबा, उत्तर प्रदेश | ||||||||
निधन | 1166 ई0 महोबा, उत्तर प्रदेश | ||||||||
संतान | यशोवर्मन् द्वितीय | ||||||||
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घराना | हैहय, चन्द्रवंश | ||||||||
राजवंश | चन्देल | ||||||||
पिता | पृथ्वीवर्मन | ||||||||
धर्म | वैष्णव धर्म, हिंदू धर्म |
संदर्भ
- ↑ Dikshit, R. K. (1976). The Candellas of Jejākabhukti (अंग्रेज़ी में). Abhinav Publications. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7017-046-4.