मंगलयान-2
चित्र:5 | |||||
मिशन प्रकार | मंगल ऑर्बिटर, लैंडर तथा रोवर | ||||
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संचालक (ऑपरेटर) | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन | ||||
मिशन अवधि | योजना: 1 साल | ||||
अंतरिक्ष यान के गुण | |||||
बस | आई-3के | ||||
निर्माता | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन | ||||
मिशन का आरंभ | |||||
प्रक्षेपण तिथि | 2024 | ||||
रॉकेट | भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 3 | ||||
प्रक्षेपण स्थल | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र | ||||
ठेकेदार | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन | ||||
मंगल ऑर्बिटर | |||||
कक्षा मापदंड | |||||
निकट दूरी बिंदु | 200 कि॰मी॰ (120 मील) | ||||
दूर दूरी बिंदु | 2,000 कि॰मी॰ (1,200 मील) | ||||
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मंगलयान 2 या मार्स ऑर्बिटर मिशन 2 भारत का मंगलयान के बाद मंगल ग्रह के लिए दूसरा मिशन है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा मंगल ग्रह के लिए मिशन को 2024 में लांच किया जायेगा। यह मिशन अपने साथ ऑर्बिटर, लैंडर तथा रोवर ले के जाएगा।
इतिहास
इसरो के मंगलयान की सफलता के बाद इसरो ने 28 अक्टूबर 2014 बैंगलोर में आयोजित इंजीनियर्स कॉन्क्लेव 2014 सम्मेलन में दूसरे मंगलयान मिशन घोषणा की। इसरो ने 2016-2017 तक जीएसएलवी मार्क 3 की पूरी तरह परिचालन की उम्मीद है। इसलिये इसरो ने मंगलयान-2 के लिए जीएसएलवी मार्क 3 को चुना है।
जनवरी 2016 में, भारत की इसरो और फ्रान्स की सीनेस ने संयुक्त रूप से मंगलयान 2 के निर्माण के लिए 2020 तक के लिए आशय के एक पत्र पर हस्ताक्षर किए, हालाँकि 2018 तक फ्रान्स इस परियोजना से बाहर हो चुका था।
इन्हें भी देखें
- मंगलयान
- मंगल
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन
- भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 3
- मंगल ग्रह के मिशन की सूची