भूचर मोरी की लड़ाई
भूचर मोरी की लड़ाई | |||||||||
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सेनानायक | |||||||||
मिर्ज़ा अज़ीज़ कोका |
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शक्ति/क्षमता | |||||||||
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मृत्यु एवं हानि | |||||||||
The numbers are derived from agreement of various sources.[1] |
भूचर मोरी की लड़ाई, जिसे ध्रोल युद्ध भी कहा जाता है, जुलाई १५९१(विक्रम संवत १६४८) में, मुगल साम्राज्य की सेना, और नवानगर रियासत के नेतृत्व में, काठियावाड़ी राज्यों की संयुक्त सेना के बीच लगा गया एक युद्ध था। यह लड़ाई ध्रोल राज्य में भूचर मोरी नामक स्थान पर लड़ी गई थी। इसमें नवानगर और काठियावाड़ी सेना की हार हुई थी और मुग़ल सेना की निर्णायक जीत हुई थी, जसके कारणवश, काठियावाड़, मुग़ल साम्राज्य के अधीन आ गया था।[2][4]
इतिहास
इस युद्ध का मूल उद्देश्य गुजरात के आखरी सुल्तान मुजफ्फर शाह (तृतीय) को बचाने का था, जो मुगल बादशाह अकबर की क़ैद से फ़रार होकर नवानगर के जाम सताजी जडेजा की शरण में थे। जब अहमदाबाद के मुग़ल सेनापति ने मुज़फ़्फ़र शाह को लौटाने को कहा तब सताजी ने क्षत्रिय धर्म का हवाला देते हुए शरणागत को लौटाने से इनकार कर दिया। जुलाई 1591 (विक्रम संवत 1648) में मुग़ल और काठियावाड़ी रियासतों(जिनमें, नवानगर, ध्रोल, मोरवी, जूनागढ़, कुण्डला, आदि शामिल थे) की संयुक्त सेनाएँ, ध्रोल राज्य में भूचर मोरी नामक स्थान पर मिली। काठियावाड़ की सेना में जूनागढ़ और कुण्डला राज्य की सेनाएँ भी शामिल थीं, जिन्होंने आखिरी समय में नवानगर का साथ छोड़ दिया था । इस युद्ध के परिणामस्वरूप, दोनों पक्षों ने बड़ी संख्या में घटनाओं का सामना किया और अंत में मुगल सेना की जीत हुई।(कई जगह पर देखा गया है की लोमा खुमान ने धोखा किया पर यह सच नहीं यधवंश प्रकाशन के सिवा किसी २ संदर्भ में भी यह नहीं बताया गया है)
भूचर मोरी की जीत, मुग़लों के लिए गुजरात के मैदान में निर्णायक जीत थी, जिसके कारण मुग़ल सल्तनत को गुजरात सल्तनत के तरफ़ से आ रही चुनौतियाँ सदा के लिए समाप्त हो गई।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;PHI
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ अ आ Jadav, Joravarsinh (૨૯ એપ્રિલ ૨૦૧૨). "આશરા ધર્મને ઉજાગર કરતી સૌરાષ્ટ્રની સૌથી મોટી ભૂચર મોરીની લડાઇ - લોકજીવનનાં મોતી". ગુજરાત સમાચાર (गुजराती में). मूल से ૧૦ મે ૨૦૧૬ को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ૧૦ મે ૨૦૧૬.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ अ आ इ सन्दर्भ त्रुटि:
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का गलत प्रयोग;TS1882
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ Georg Pfeffer; Deepak Kumar Behera (૧૯૮૭). Contemporary Society: Concept of tribal society. Concept Publishing Company. पृ॰ ૧૯૮. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7022-983-4.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)