भारतीय हाथी
भारतीय हाथी | |
---|---|
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | जंतु |
संघ: | रज्जुकी |
वर्ग: | स्तनपायी |
गण: | प्रोबोसिडी |
कुल: | एलिफ़ैंटिडी |
वंश: | एलिफ़ास |
जाति: | ए. मैक्सिमस |
उपजाति: | ए.मैं. इंडिकस |
त्रिपद नाम | |
एलिफ़ास मैक्सिमस इंडिकस कुविये, १७९८ |
भारतीय हाथी, एलिफ़ास मैक्सिमस इंडिकस एशियाई हाथी की चार उपजातियों में से एक है। यह अधिकतम मात्रा में भारत में मिलता है। यह उपप्रजाति बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, कंबोडिया, चीन, लाओस, मलेशियाई प्रायद्वीप, बर्मा/म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड और वियतनाम में भी पाया जाता है।
एशियाई हाथी की तीन अन्य उपजातियाँ हैं सुमात्राई हाथी (ए.मै. सुमात्रानुस), श्रीलंकाई हाथी (ए.मै. मैक्सिमस)[1] और बोर्नियो का हाथी (ए.मै. बोर्निएंसिस)।
रिहायिश
भारतीय हाथी झाड़ीदार जंगलों के पास रहते हैं, पर इनकी रिहायिश अन्य जगहों पर भी हो सकती है। ये स्वभाव से खानाबदोशी होते हैं और एक स्थान पर कुछ दिनों से ज़्यादा नहीं रहते हैं। ये जंगलों में रह सकते हैं पर खुले स्थान व घास वाली जगहों पर जाना पसंद करते हैं।
भौतिक विशेषताएँ
आकार
भारतीय हाथी लंबाई में ६.४ मीटर (२१ फ़ुट) तक पहुँच सकता है; यह थाईलैंड के एशियाई हाथी से लंबा व पतला होता है। सबसे लंबा ज्ञात भारतीय हाथी २६ फ़ुट (७.८८ मी) का था, पीठ के मेहराब के स्थान पर इसकी ऊँचाई 11 फीट (3.4 मी॰), ९इंच (३.६१मी) थी और इसका वज़न ८ टन (१७९३५ पौंड) था।[2] भारतीय हाथी अफ़्रीकी हाथियों जैसे ही दिखते हैं पर उनके कान छोटे होते हैं और दाँत छोटे होते हैं। []
शारीरिक ढाँचा
चूँकि भारतीय हाथी एशियाई हाथियों की ही उपजाति हैं, अतः इनमें कोई खास फ़र्क नहीं है। भारतीय हाथियों के अफ़्रीकी हाथियों के मुकाबले कान छोटे होते हैं और माथा चौड़ा होता है। मादा के हाथीदाँत नहीं होते हैं। नर मादा से ज़्यादा बड़े होते हैं। सूँड अफ़्रीकी हाथी से ज़्यादा बड़ी होती है। पंजे बड़े व चौड़े होते हैं। पैर के नाखून ज़्यादा बड़े नहीं होते हैं। अफ़्रीकी पड़ोसियों के मुकाबले इनका पेट शरीर के वज़न के अनुपात में ही होता है, लेकिन अफ़्रीकी हाथी का सिर के अनुपात में पेट बड़ा होता है।
जनसंख्या व लुप्तप्रायता
विश्व वन्यजीव कोष भारतीय हाथी को काफ़ी जगह प्राप्य लेकिन विलुप्तप्राय मानता है। भारतीय हाथी की मौजूदा जनसंख्या (वर्ष २०१७ की हाथी जनगणना)२७३१२ है[3]. एशियाई हाथी विशेषज्ञ समूह द्वारा भारतीय हाथी को १९९६ में एक विलुप्तप्राय जाति के तौर पर वर्गीकृत किया गया[4] भारतीय हाथियों को हाथीदाँत के लिए किए गए शिकार से, तथा जंगली इलाकों में इंसानी रिहायिश की वजह से रिहायिश की जगह में कमी तथा इंसानों के युद्धों से खतरा है। अलग अलग वन्यप्राणी अभयारण्यों में मौजूद जंगली हाथियों की पृथक संख्याओं को भी आनुवंशिक विविधता न होने से खतरा है। हाल ही में वन्यप्राणी अभियारण्यों के बीच कुछ गलियारे बनाए गए हैं ताकि जंगली हाथियों का देशांतरण हो सके।[5]
यहाँ भी देखें
- एशियाई हाथी
- केरल की संस्कृति में हाथी
- मेला शिकार, उत्तर-पूर्व भारत में जंगली हाथियों को पकड़ने की एक पारंपरिक विधि
सन्दर्भ
- ↑ "होनोलुलु चिड़ियाघर भारतीय हाथी". मूल से 28 अप्रैल 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 सितंबर 2009.
- ↑ "हॉनोलुलु चिड़ियाघर भारतीय हाथी". मूल से 28 अप्रैल 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 सितंबर 2009.
- ↑ "विश्व वन्यजीव कोष - भारतीय हाथी". मूल से 8 जनवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 सितंबर 2009.
- ↑ "2007 आईयूसीएन लाल सूची - खोज". मूल से 26 सितंबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 सितंबर 2009.
- ↑ "भारतीय वन्यजीवन - भारतीय हाथी". मूल से 29 जुलाई 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 सितंबर 2009.
- शोशानी जे, एइसेनबर्ग जेएफ़ (१९८२) एलिफ़स मैक्समस, स्तनपायी जाति १८२:१-८
- जानवरों में विविधता। एलिफ़स मैक्सिमस।
- होनोलुलु चिड़ियाघर का भारतीय हाथी