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भारती कश्यप

भारती कश्यप
जन्म 15 मई १९६७
राष्ट्रीयताभारतीय
पेशानेत्र रोग विशेषज्ञ
जीवनसाथी वीरेन्द्र प्रसाद कश्यप

डॉ. भारती कश्यप (जन्म 15 मई १९६७) भारत के झारखंड राज्य की प्रसिद्द नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं, उन्हें विज़न एवं जननी सुरक्षा लेडी[1] के नाम से भी जाना जाता है। उनका सामाजिक दायित्वों के निर्वहन का अंधत्व निवारण से लेकर महिला स्वास्थ्य सुरक्षा तक का बड़ा दायरा है।

झारखण्ड जन-जातीय क्षेत्रों में महिलाओं, गरीबों[2] एवं बच्चों के कल्याणार्थ उन्होंने अपना जीवन समर्पित किया है। उनके अथक प्रयासों के फलस्वरूप लाखों गरीब लोग, महिलाएं एवं बच्चे चिकित्सा सम्बन्धी अपनी समस्याओं का समय रहते निदान कर पाए! 2018 में उन्हें उनके सामाजिक कार्यों के लिए भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी के द्वारा नारी शक्ति सम्मान 2017[3] से सम्मानित किया गया।

व्यक्तिगत जीवन

भारती कश्यप का जन्म राँची, तत्कालीन बिहार (अब झारखण्ड) में 15 मई १९६७ को हुआ था। भारती कश्यप का विवाह डॉ वीरेन्द्र कश्यप से हुआ। उन्होंने राजेंद्र मेडिकल कॉलेज राँची से मास्टर ऑफ़ सर्जरी (ऑनर) की डिग्री प्राप्त की। छात्र ज़ीवन के दौरान, उन्होंने अकादमिक और अतिरिक्त गतिविधियों (पाठ्यक्रम के अतिरिक्त) दोनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर विभिन्न सम्मानों को प्राप्त किया हैं।

झारखंड के ग्रामीण इलाकों में नेत्र शिविर एवं मेगा महिला स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर अलख जगाकर झारखंड के सुदूरवर्ती इलाकों एवं दूर दराज के हिस्सों और नक्सलवाद ग्रस्त इलाकों में लोगों की सेवा में अपने जीवन को समर्पित कर चुकी हैं । अशांत क्षेत्र के बच्चे उनकी प्राथमिकता बने। डॉक्टर भारती को आंखों की बीमारियों से जूझते हुए अनगिनत बच्चे मिले, उनके माता-पिता को भी पता नहीं था कि क्या करना चाहिए इस नेत्र विशेषज्ञ और उनकी टीम ने 2007 में शुरू किए गए कम लागत वाले मोबाइल विजन टेस्टिंग सेंटर मॉडल का उपयोग करते हुए माओवादी क्षेत्रों में ग्रामीणों के आंखों से जुड़े लाखों मामलों को निपटाया।

विज़न फॉर रूरल झारखण्ड अभियान के तहत उनके द्वारा बनाए गए लो कॉस्ट मोबाइल विज़न सेंटर मॉडल के द्वारा 20 लाख के करीब सरकारी स्कूल के गरीब बच्चों की स्क्रीनिंग संभव हो सकी और हजारो बच्चे जिन्होंने कभी आँख की बीमारी की वजह से पढाई बीच में छोड़ दी थी, उन बच्चों ने दुबारा स्कूल जाना शुरू किया। हजारों शिक्षकों को झारखण्ड शिक्षा परियोजना की सहायता से उन्होंने इस काम के लिए विज़न स्क्रीनिंग और आँख के बीमारियों को पहचानने की स्क्रीनिंग में प्रशिक्षित किया। जरूरतमंद हजारों बच्चों को मुफ्त चश्मा दिया और सैकड़ों बच्चों की मोतियाबिंद का ऑपरेशन कर दुबारा स्कूल भेजा।

2011 की जनगणना के अनुसार झारखंड के लगभग एक चौथाई दिव्यांग दृष्टि संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे डॉक्टर भारती के रोगियों में मधुमेह रोगी वृद्ध आश्रम के निवासी दैनिक यात्री रेलवे स्टेशन की कुली और आदिवासी और आदिम जनजातीय समुदाय शामिल है।

उन्होंने वर्ष 1991 में संयुक्त बिहार-झारखंड में नेत्रदान जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। बिहार झारखण्ड का पहला नेत्रदान एवं नेत्रप्रत्यारोपण का श्रेय भी डॉ कश्यप दंपत्ति को 4 जनवरी 1996 को मिला।

2005 से लगातार नेत्रदान जागरूकता अभियान रन फॉर विज़न एवं ब्लाइंड फोल्डेड मैराथन का आयोजन झारखण्ड में कर रही हैं। झारखंड बिहार का सबसे ज्यादा 1000 के करीब  नेत्र  प्रत्यारोपण उनके द्वारा स्थापित आई बैंक  के द्वारा हो चुका है।

डायबीटीज रेटिनोपैथी स्क्रीनिंग “ज्योत से ज्योत जलाओ” अभियान पूरे झारखण्ड राज्य में चला रही हैं। 2019 में उनके नेतृत्व में झारखंड नेत्र सोसाईटी को पूरे देश में सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीजों का रिसर्च डाटा भेजने के लिए ऑल इंडिया नेत्र सोसाइटी  द्वारा सम्मानित भी किया गया था

डॉक्टर भारती कश्यप के प्रयासों को सम्मान देते हुए केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय के द्वारा 2017 में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। महिला सशक्तिकरण में उत्कृष्ट योगदान के लिए नारी शक्ति पुरस्कार 2017 और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, नई दिल्ली द्वारा - मेड अचीवर्स अवार्ड, डॉक्टर ऑफ द ईयर अवार्ड, ज्योति प्रसाद गांगुली पुरस्कार और कनक गोयल पुरस्कार। वह अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2014 पर महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आयोजित चाय पे चर्चा में भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी द्वारा आमंत्रित 6 महिलाओं में से एक थीं।

वर्तमान राष्ट्रपति और झारखंड केउस समय के राज्यपाल महामहिम द्रोपदी मुर्मू ने डॉ भारती कश्यप के नेत्रदान एवं सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन अभियान को अपना नैतिक समर्थन देते हुए उनके द्वारा आयोजित ऐसे कई आयोजनों में खुद भाग लिया था।

इस पहल का ही यह नतीजा है कि महिलाओं के सर्वाइकल कैंसर[4][5] की जांच और प्रारंभिक ईलाज में झारखंड पूरे देश में शीर्ष पर है। खुद झारखंड सरकार ने भी इन उपलब्धियों की वजह से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने इस अभियान के लिए उनके महिला डाक्टर्स विंग IMA झारखण्ड को अपना आधिकारिक सहयोगी बनाया है।

2014 से, वह महिलाओं, विशेष रूप से ग्रामीण, गरीब और आदिवासी, आदिम जनजातीय समुदायों की महिलाओं को, दुनिया भर में महिलाओं के दूसरे सबसे बड़े गुप्त हत्यारे एवं जानलेवा सर्वाइकल कैंसर का शिकार होने से बचाने के मिशन पर हैं। ।

उनके बनाए झारखंड मॉडल के माध्यम से सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन अभियान में झारखंड अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। जैसा कि पूरे देश में दुनिया के महिलाओं के लिए दूसरे सबसे घातक प्रकार के कैंसर के खिलाफ लड़ाई जारी है, झारखंड भारत में सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन अभियान में अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग, झारखंड सरकार और महिला डॉक्टर विंग इंडियन मेडिकल एसोसिएशन झारखंड की समीक्षा बैठक में इस तथ्य की पुष्टि की गई, जहां यह पता चला कि अप्रैल 2021 और नवम्बर 2023 के बीच 2,90,871 के लक्ष्य के मुकाबले, पूरे राज्य में प्रजनन और उच्च जोखिम श्रेणियों में, 2 साल और 8 महीने में कुल 2,90,871 महिलाएं गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की जांच की गई है।  मेगा महिला स्वास्थ्य शिविरों में,  गर्भाशय ग्रीवा की सूजन की लक्षणों, सर्वाइकल कैंसर के रिस्क फैक्टर, महिलाओं को पोषण, जननांग स्वच्छता, एकाधिक गर्भधारण और अपनी लड़कियों को कम उम्र में विवाह कराने की बुराइयों के बारे में शिक्षित भी किया जाता है,  इस प्रकार महिलाओं को सशक्त बनाया गया, विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं को अपनी और अपनी परिवार की बेहतर देखभाल करने की आवश्यकता है। 2015 में, यह महसूस करते हुए कि बहुत कम समय अवधि में बहुत कुछ करने की आवश्यकता है, डॉ कश्यप ने सर्वाइकल कैंसर की शुरूआती स्टेज का शीघ्र पता लगाने और प्री-कैंसर इलाज के लिए और डिजिटल विडियो कोल्पोस्कोप के इस्तेमाल एवं क्रायो उपचार पर सभी सरकारी क्षेत्र के स्त्री रोग विशेषज्ञों को प्रशिक्षण देने के लिए शीर्ष कैंसर स्त्री विशेषज्ञों मेगा महिला स्वास्थ्य शिविरों में प्रशिक्षण दिलवाना शुरू किया। सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ डॉ कश्यप के अथक अभियान के कारण, झारखंड भर के 14 बड़े सरकारी अस्पताल अब सर्वाइकल कैंसर का शुरूआती स्टेज में पता लगाने और सर्वाइकल प्री कैंसर के इलाज के लिए डिजिटल विडियो कोल्पोस्कोप और क्रायो सेट से लैस हो गए हैं। इससे लाखों महिलाएं उस गुप्त हत्यारे के चंगुल में जाने से बचायी गयी हैं, जिनके बारे में आम तौर पर ग्रामीण महिलाओं को बहुत कम जानकारी होती थी।

सहिया नेटवर्क की मदद से प्रजनन आयु वर्ग की 6 प्रतिशत ऐसी महिलाओं जो सर्वाइकल कैंसर के लिए उच्च जोखिम की है और गर्भाशय ग्रीवा की सूजन के लक्षणों से ग्रसित महिलाओं की अनिवार्य जांच के लिए एक कम लागत वाला झारखंड मॉड्यूल तैयार किया गया था। प्री-सर्वाइकल कैंसर के मामलों का पता लगाने और उनका इलाज करने में मदद के लिए देश भर के कैंसर स्त्री-रोग विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया था।

सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ डॉ कश्यप की लड़ाई को एक बड़ी सफलता तब मिली जब राज्य सरकार ने झारखंड मॉडल की उनकी सिफारिशों को पूरी तरह से स्वीकार कर लिया, राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में महीने में 2 बार पहले एवं तीसरे शुक्रवार को सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया और 2021 में स्क्रीनिंग का लक्ष्य भी निश्चित किया। पूरे झारखंड के सभी जिलों के लिए प्रजनन क्षमता वाली ऐसी 6 % महिलाओं की स्क्रीनिंग का लक्ष्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा निश्चित कर दिया, जिन्हें गर्भाशय ग्रीवा के सूजन के लक्षण हैं या जो सर्वाइकल कैंसर के लिए हाई रिस्क कैटेगरी में आती हैं।

डॉक्टर भारती कश्यप के द्वारा झारखण्ड में चलाये जा रहे दृष्टि सुरक्षा अभियान, सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन अभियान, नेत्रदान जागरूकता अभियान, डायबिटिक रेटिनोपैथी स्क्रीनिंग “ज्योत से ज्योत जलाओ” अभियान के आंकड़े ही यह बताते हैं कि अपने इन सभी अभियानों को डॉ भारती कश्यप ने पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाया है।

प्रमुख उपलब्धियां

  • राष्ट्रीय नारी शक्ति पुरस्कार वर्ष 2017 में
  • झारखंड राज्य के बीस लाख गरीब बच्चों का मुफ्त ईलाज “मोबाइल विजन सेंटर” मॉडल द्वारा करवाया
  • झारखंड के तीन लाख से अधिक महिलाओं की जांच सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन के लिए बनाए “झारखंड मॉडल द्वारा” करवाया
  • झारखंड राज्य की महिला चिकित्सकों को प्रशिक्षण
  • इस ईलाज में झारखंड को देश में सबसे आगे लाना
  • बिहार झारखण्ड का पहला नेत्रदान एवं नेत्रप्रत्यारोपण का श्रेय
  • झारखण्ड से सबसे ज्यादा डायबिटिक मरीजों का रिसर्च
  • देश की पहली आई. एम. ए. की शाखा की नेतृत्वकर्ता जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने अपना आधिकारिक पार्टनर बनाया
  • अमेरिका में वर्ष 2018 सर्विस बियॉंड बॉडर्स USA के सम्मान से सम्मानित
  • अमेरिका में वर्ष 2017 में अमेरिकन सोसाइटी ऑफ़ कैटरेक्ट एंड रेफ्राक्टिव सर्जरी का विशेष ह्यूमैनीटेरियन आई केयर पुरस्कार
  • ब्रिटिश एक्सीलेंस अवार्ड वर्ष 2018 में सम्मानित

सन्दर्भ

  1. "ग्रामीण झारखंड में अंधापन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के खिलाफ युद्ध में मशाल वाहक;".
  2. "गरीबों के लिए वरदान हैं डॉक्‍टर भारती कश्यप, लाखों लोगों की आंखों का रख रहीं ख्याल;". अभिगमन तिथि 12 दिसंबर 2023.
  3. "झारखंड की डॉक्टर को राष्ट्रपति ने दिया नारी शक्ति पुरस्कार;".
  4. "सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन : रंग लाई डॉ भारती कश्यप की मुहिम, एनएचएम का पार्टनर बनेगा वूमेन डॉक्टर विंग;".
  5. "डॉ भारती कश्यप की पहल पर सदर अस्पतालों में महिलाओं की हो रही कैंसर जांच;".

बाहरी कड़ियाँ