भगत सैण जी
| सन्त सैण | |
|---|---|
| जन्म | 1343 सोहल गाँव, तरन तारन जिल |
| मौत | साँचा:Dya वाराणसी |
| पेशा | शाही नाई (आरम्भ में), सन्त (बाद में) |
| प्रसिद्धि का कारण | इनके द्वारा रचित १ छन्द गुरु ग्रन्थ साहिब में है। |
| जीवनसाथी | बीबी साहिब देवी |
| बच्चे | भाई नाई |
| माता-पिता | बाबा मुकन्द राय माता जीवनी |
भगत सैण एक हिन्दू सन्त थे जिनकी रचनाएँ गुरु ग्रन्थ साहिब में सम्मिलित हैं। इनका जीवनकाल १४वीं शताब्दी क अन्तिम काल तथा १५वीं शताब्दी का आरम्भिक काल है। वे भगवान की भक्ति के लिये घर-घर में जाने जाते थे। पेशे से वे रीवा के राजा राम के शाही नाई थे। [1][2] वे स्वामी रमानन्द के शिष्य थे।